अर्चना कुमारी । मलेक्ष के हाथो मारे गए वैभव के परिजन मोदी और योगी से बेहद नाराज़ है। उनका कहना है हम दोनो को वोट देते देते थक चुके। इतना टैक्स दे रहे और इस टैक्स के पैसे को मलेक्ष समुदाय पर लुटाया जा रहा है। वैभव की मौत के बाद थाने में आए परिजनों ने कहा झूठा कहा जाता है ,योगी राज में सब सुरक्षित है। जबकि हमारे बच्चे को मार दिया गया। हम टैक्स देते है लेकिन इसका इस्तमाल कोई और करता है। हम बनिए हैं भाजपा को यूं वोट दे रहे हैं, अब बनियों के बालक की सुरक्षा कौन करेगा। क्यों हमारे बच्चे पिस रहे हैं, मेरे बच्चे का क्या कसूर था जो उसे मार डाला, हम कब सुरक्षित होंगे।
दरअसल 15 वर्षीय वैभव की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सनद रहे आरोपी मोहम्मद माज पठान और मोहम्मद अयान ने वैभव की हत्या कर दी थी और आठ दिनों से लापता वैभव के परिजनों ने अब हत्या के बाद पुलिस पर लगाए हैं लापरवाही के गंभीर आरोप। वैभव के परिजनों ने कहा कि आज हमारा बेटा जिंदा होता, अगर पुलिस ने समय पर एक्शन लिया होता। इसको लेकर थाने में खूब नोक झोंक हुआ। ग्रेटर नोएडा बिलासपुर के किराना व्यापारी के बेटे वैभव सिंघल की हत्या मामले में परिजनों ने पुलिस पर कई और गंभीर आरोप लगाए हैं।
परिजनों ने कहा कि उन्होंने पुलिस से वैभव के अगवा करने की जांच करने की बात कही तो अधिकारियों चुप रहने की सलाह दी। साथ ही कहा कि शोर मचाने पर वैभव की हत्या हो जाएगी। आरोप है कि वैभव की हत्या की बात सामने आने के बाद पुलिस ने परिजनों से दो दिन तक मामले को छुपाकर रखने को कहा। अधिकारियों ने उनके कहा कि हत्या की बात सार्वजनिक होते ही आरोपी फरार हो जाएंगे और शव बरामद करना भी मुश्किल हो जाएगा।
आरोप है कि लापता होने के छह दिन बाद आरोपियों ने हत्या की बात कबूल ली थी। तब पुलिस ने परिजनों से दो और दिन तक मामले को छुपाकर रखने को कहा। जिससे घटनाक्राम का खुलासा कर शव को बरामद किया जा सके। जैसे ही परिजन के समक्ष पुलिस अधिकारियों ने यह बात कही तो परिजन भड़क उठे।बृहस्पतिवार को बड़ी संख्या में लोग वैभव के घर पहुंचे। इस बीच पुलिस अधिकारी परिजनों से धरना खत्म करने की अपील करते रहे। इसी बीच वैभव की मां शालिनी का रो रोकर बुरा हाल हो गया।
वह बार बार बेटे को याद करती रहीं। जब भी कोई उनके घर में अंदर प्रवेश करता वह यहीं कहतीं कोई मेरे लाल को जिंदा नहीं ला सकता तो उसके शव ही लाकर दे दे। वहीं वैभव की छोटी बहन तानिया दीदी के रोता देखकर गुस्सा कर रही थी। वह अपनी बड़ी बहन से कह रही थी कि वैभव के लिए रोना नहीं है। बल्कि जिन्होंने उन्हें रुलाया है अब वह उनको रोता देखना चाहती है।ज्ञात हो वैभव के परिवार में हत्या की यह पहली वारदात नहीं है। वर्ष 1995 में वैभव की दादी अर्चना सिंघल की घर पर ही गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। उस हत्याकांड को भी मुस्लिम समाज के लोगों ने ही अंजाम दिया था। घटना का खुलासा करने के लिए उस समय भी कस्बे के लोगों को न्याय के लिए कई दिन तक आंदोलन करना पड़ा था।
परिजनों ने बताया कि वैभव के लापता होने के कुछ देर बाद ही पुलिस को सूचना दी गई थी। पुलिस यह सोचकर चल रही थी कि किशोर घर से मौज-मस्ती के लिए कही चला गया होगा। पुलिस इसे सामान्य गुमशुदगी का मामला मान रही थी। अगर परिजनों की बातों पर विश्वास कर पुलिस किशोर की तलाश में जुट जाती तो शायद आरोपी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाते। इस बीच बिलासपुर में व्यापारियों की बैठक बुलाई गई है। जिसमें आसपास के कस्बों के व्यापारियों को भी बुलाया गया। व्यापारियों के मुताबिक सोशल मीडिया पर बिलासपुर के साथ-साथ दनकौर, सिकंद्राबाद, दादरी, रबूपुरा और जेवर के व्यापारियों को बंदी में शामिल होने की अपील की जा रही है। सारे वैश्य समाज मोदी और योगी से नाराज़ है और उनलोगो ने आरोपियों को फांसी की मांग की है।