आंकड़े बोलते हैं
* 2014 से 2017 तक यानी तीन सालों में 813.76 करोड़ दिन के रोजगार सृजित हुए।
* पिछले साल यानी 2016-17 में मनरेगा के तहत 235 करोड़ दिन का रोजगार मिला
* केंद्र सरकार से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 7 करोड़ लोगों को मिला रोजगार
* तीन करोड़ लोगों ने पहली बार मुद्रा योजना के तहत लिया है लोन
* मोदी सरकार मुद्रा योजना के तहत 4 लाख करोड़ रुपये का लोन बांट चुकी है
* मुद्रा योजना के तहत अभी तक 10 करोड़ लोगों को दिया गया है लोन
विपक्ष खासकर कांग्रेस ने देश में बेरोजगारी पर एक नयी बहस चला रखी है। वह दावा कर रही है कि मोदी सरकार में बेरोजगारी दर सबसे अधिक बढ़ी है। मोदी सरकार के अभी तक के कार्यकाल में किसी को रोजगार मिला ही नहीं। सवाल उठता है कि किस आंकड़े पर कांग्रेस ऐसी बहस चलाने का प्रयास कर रही है? जबकि सच्चाई यह है कि बेरोजगारी पर कोई आधिकारिक आंकड़ा है ही नहीं। दूसरी बात यह कि जितने लोगों को रोजगार मिला है उसका वास्तविक आंकड़ा ही नहीं है। क्योंकि कांग्रेस हमेशा से ही आंकड़े के साथ खेल करती आ रही है। देश की जनता के सामने अनवरत रूप से चले आ रहे आंकड़ों में में ही फेरबदल कर नए आंकड़े के रूप में उसे पेश करती आ रही है। कांग्रेस सरकार के समय में कितने लोगों को रोजगार मिला उसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में बेरोजगारी दर या सृजित रोजगार की तुलनात्मक बहस कैसे संभव है?
एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि पुराने आंकड़े उपलब्ध न होने की सूरत में बेहतर आंकड़े भी हमेशा संदेह की नजर से देखे जाते हैं। वर्तमान मोदी सरकार के साथ भी यही हो रहा है। कांग्रेस के समय के पुराने आंकड़े उपलब्ध है नहीं, ऐसे में रोजगार सृजन के क्षेत्र में उनके अच्छे काम पर भी संदेह किया जा रहा है। कांग्रेस इस मामले में जनता को गुमराह करने की कोशिश में जुटी है।
सिविल एविएशन मंत्री और भाजपा सांसद जयंद सिन्हा का कहना है कि देश को अभी तक वास्तविक समय के आंकड़े दिए ही नहीं गए। कांग्रेस पूरानी रीति पर चलते हुए पिछले आंकड़े में हेरफेर कर जनता के सामने पड़ोसती रही। नौकरी के फ्रंट पर कभी रियल टाइम डाटा एकत्रित ही नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हमे विभिन्न स्रोतों से नौकरी को लेकर सही डाटा एकत्रित करने की जरूरत है। और जब तक ये काम पूरे नहीं होते तब तक हमें नीति आयोग से मिले सही आंकड़ों पर विश्वास करना चाहिए। क्योंकि रोजगार को लेकर सही मायने में देश में
क्या हो रहा है उसकी सही जानकारी वहां से उपलब्ध डाटा से ही मिल पाएगी।
मोदी सरकार ने सुरक्षा, भ्रष्टाचार, विकास, आंतरिक सुरक्षा तथा डिसिजन पैरालैसिस के अलावा रोजगार के मोर्चे पर भी बेहतर काम कर के दिखाया है। लेकिन कांग्रेस है कि मानने को तैयार नहीं। और मोर्चे को छोड़कर मोदी सरकार को बेरोजगारी पर घेरने पर आमादा है। नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान देशवासियों से प्रति वर्ष दो करोड़ रोजगार सृजन का वादा किया था। जबकि अभी तक उपलब्ध आंकड़े यही बता रहे हैं कि इस फ्रंट पर भी मोदी सरकार ने बेहतर काम किया है। लेकिन कांग्रेस के कार्यकाल के आंकड़े नहीं होने की वजह से ही मोदी के आंकड़ों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं