तन्वी सेठ से बनी शादिया अनस और उसके पति अनस सिद्दीकी का पासपोर्ट न हुआ असहिंष्णुता का एक और तमाशा बन गया है। अनस और उसकी बीवी शादिया का तमाशा करना तो समझ मे आता है लेकिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जो तमाशा बनाया है वो बिल्कुल भर्त्सना के योग्य है। सुषमा स्वराज जी की यह आप की यह कौन सी बीमारीं है जो एक तरफ तो आप दयावान मातृश्री बनी, ट्वीट पर ही पाकिस्तानी मुसलमानों के वीजा पर ठप्पा लगवाती रही है और दूसरी ओर एक हिन्दू से बनी मुस्लिम जिसके निकाहनामे पर दूसरा नाम था, उसकी हिन्दू नाम पर ही पासपोर्ट बनवाने की जिद पर सवाल उठाने वाले हिन्दू पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा को बिना उसके तरफ का पक्ष सुने हटा दिया?
सुषमा स्वराज जैसे लोगो के ऐसे गलत निर्णय सेक्युलरिज़्म की गन्दी तस्वीर बनाये रक्खे हुये है। मैं आज जानबूझ कर हिन्दू मुसलिम शब्दो का इस्तेमाल कर रहा हूँ क्योंकि यह पूरी घटना शुरू से अंत तक लेकर हिन्दू मुसलमान की है। पिछले दो/तीन दोनो से यह ओला टैक्सी और एयरटेल की घटनाओं को लेकर मुसलमान मुसलमान हो रहा है यह उसी की ही कड़ी है। एक तरफ एक टैक्सी वाला ऐसी जगह जाने से इनकार करता है जहां दिन में भी कोई गैर मुस्लिम सुरक्षित महसूस नही करता है उसको लेकर यह कांग्रेसी वामी इस्लामिक गिरोह हाय मुसलमान हाय मुसलमान की मुहिम चलाता है। वही एयरटेल कस्टमर केयर पर जब एक उपभोक्ता पूजा सिंह से, एयरटेल का प्रतिनिधि शोएब बत्तमीजी करता है और वो एक हिन्दू प्रतिनिधि की मांग करती है तो उसके खिलाफ अब्दुल्ला से लेकर बरखा दत्त लम बंद हो जाती हैं और मुसलमानों से हिन्दू भेदभाव करने की मुहिम चलाती है और यह सब जानते हुये भी बिना पूरे तथ्यों को जाने एक हिन्दू पासपोर्ट अधिकारी को सज़ा क्यों?
यह बात बिल्कुल सही है कि तन्वी सेठ को एक मुस्लिम से विवाह करने का पूरा अधिकार है और साथ मे विवाह से पूर्व के सरनेम का पासपोर्ट पाने का भी अधिकार है लेकिन जब जांच के दौरान पासपोर्ट अधिकारी को पेश किये निकाह नामे पर शादिया अनस नाम दर्ज है तो फिर किस आधार पर पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा उसको तन्वी सेठ का पासपोर्ट देता?
पासपोर्ट अधिकारी ने तन्वी सेठ उर्फ शादिया अनस से अपने नये नाम शादिया अनस की पुष्टि कराने को कहा जिसको इसने मना कर दिया और अपने पति अनस सिद्दिकी के साथ मुसलमान होने को लेकर तमाशा खड़ा कर दिया। यह सब अनस और उसकी बीबी शादिया उर्फ तन्वी का मुसलमान होने के विशेषाधिकार का प्रयोग था जिस पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अगले दिन एक घण्टे में पासपोर्ट दिलवाकर व पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा जो हिन्दू है उसको हटा कर मोहर लगा दी है।
यह पूरी घटना न सिर्फ शर्मनाक है बल्कि बीजेपी की सरकार पर लगा एक बदनुमा दाग है। एबीपी के भृष्ट पत्रकार अभिसार शर्मा द्वारा मुहिम से प्रभावित सुषमा स्वराज जी यदि यह समझ रही है कि उन्होंने कोई मानवीय संवेदना का कार्य किया है तो यह उनकी शुतुर्मुगी भूल है। उन्होंने सिर्फ मीडिया की हुआँ हुआँ पर हिन्दुओ को अपमानित किया है।
URL: Sushma ji, why the Hindu passport officer is punished even after following the rules
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