जम्मू-कश्मीर के कठुआ रेप मामले पर सारे देश के हिंदुओं को बलात्कारी बताने वाले शेखर गुप्ता, बरखा दत्त, राजदीप, सागरिका, वरदराजन, जैसे बौद्धिक षडयंत्रकारियों को आखिर दिल्ली से सटे साहिबाबाद के एक मदरसे में 11 साल की बच्ची से हुए बलात्कार के मामले में सांप क्यों सूंघ गया है? इस मामले में सोनम, स्वरा और करीना जैसी बॉलीवुड अदाकाराओं की अदाएं कहां चली गईं? स्वघोषित लिबरल मीडिया कहलाने वाली सोशल साइट्स ThePrint और The Wire के हैंडल से क्यों नहीं कोई ट्वीट आया? इन सब सवालों से शंका होती है कि कहीं ये लोग हमारे समाज में हिंदू-मुसलिमों के बीच सांप्रदायिक हिंसा कराने के कांग्रेस और कैंब्रिज एनालिटिका के षडयंत्र का हिस्सा तो नहीं?
मुख्य बिंदु
* समाज में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के कांग्रेस और कैंब्रिज एनालिटिका के षड्यंत्र के हिस्सा तो नहीं? *
* बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए दिल्ली के इंडिया गेट पर बुधवार की शाम निकाला गया कैंडल मार्च
Let me make it very clear I am not against any religion. I am against rape just like how we demanded justice for Asifa same way I want #JusticeForGeeta this video is only to expose the hypocrisy & double standard of some politicians, actors, intellectuals & biased selective media pic.twitter.com/NE3cU70Suf
— Meera ?? (@iSanjuktaP) April 25, 2018
मालूम हो कि बीते 21 अप्रैल को दिल्ली से सटे गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित नीलमणि कॉलोनी के एक मदरसे से 11 साल की एक बच्ची बरामद होती है। आरोप है कि मदरसे के मौलवी ने बच्ची का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस छापेमारी कर बच्ची को बरामद कर लेती है। मदरसे के मौलवी के साथ एक अन्य नाबालिग लड़की को हिरासत में लिया जाता है। लेकिन इस घटना के खिलाफ उन बौद्धिक व्यभिचारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती, जो कल तक कठुआ मामले में मंदिरों से लेकर पूरे हिंदु समुदाय को बलात्कारी साबित करने पर तुले थे। आखिर ये दोगलापन क्यों? इसलिए क्योंकि वह पीड़िता हिंदू समुदाय से है और बलात्कार का आरोपी एक मदरसे का मौलवी शाहबाज खान है।
Join the protest for #JusticeForGeeta who was gangraped by a Maulvi and his followers in a Madarsa at Delhi. pic.twitter.com/hcdRNfMzDO
— Puneet Sharma (@iSharmaPuneet) April 25, 2018
वहीं पीड़िता लड़की (छद्म नाम गीता) को इंसाफ दिलाने के लिए बुधवार को हजारों लोगों ने दिल्ली स्थित उसी इंडिया गेट पर, जहां से कभी निर्भया को इंसाफ मिला था, कैंडल मार्च निकाला। इस कैंडल मार्च में पूरी दिल्ली और एनसीआर के प्रबुद्ध लोगों ने हिस्सा लिया, लेकिन इन बौद्धिक षड्यंत्रकारियों में से कोई नहीं दिखा। यहां तक कि छोटी सी छोटी घटनाओं पर दिल्ली को जाम कर देने वाले आज के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस कैंडल मार्च से किनारा कर लिया। ऐसा इसलिए कि कहीं उनका वोट बैंक न बिखर जाए। अरविंद केजरीवाल के इस कृत्य पर कभी उनके निकट सहयोगी रहे कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर आईना दिखाया है।
Asifa और Geeta में फ़र्क क्यों केजरीवाल?
Asifa के लिए इंडिया गेट पर मार्च ठीक
Geeta के लिए जनता निकले तो पेट में दर्द
देवस्थान के नाम पर तमाशा
मदरसे के नाम पर सन्नाटा#JusticeForGeeta के लिए एक शब्द नहीं बोला ना केजरीवाल ने ना मालीवाल ने https://t.co/0FDBvYcYFU
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) April 26, 2018
#JusticeForGeeta के लिए बुधवार को शाम 7 बजे सेंट्रल सेक्रेटारियट मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर तीन, रफी मार्ग से इंडिया गेट तक निकाले गए कैंडल मार्च में काफी संख्या में लोग पहुंचे। वहां पहुंचने वाले हर शख्स के चेहरे पर इस दरिंदगी के खिलाफ आक्रोश था। लेकिन इनमें से किसी के मन में पूरे समुदाय के खिलाफ गुस्सा नहीं था बल्कि उस मौलवी शाहबाज खान के प्रति घृणा थी जिसने इस घटना को अंजाम दिया। वहां जमा हुए लोग उस शख्स को सख्त से सख्त सजा देने के पक्ष में थे।
In #JusticeForGeeta March at India Gate. pic.twitter.com/vlLbDKUOCf
— Maheish Girri (@MaheishGirri) April 25, 2018
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