दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने संवैधानिक दायित्व का बेजा इस्तेमाल करते हुए भारतीय संविधान का अपमान किया है। उन्होंने भीड़ के सामने एलजी कमेटी की रिपोर्ट को सरेआम फाड़कर एक प्रकार से भारतीय संविधान का अपमान किया है। वैसे भी भारतीय संविधान पर उनका कभी भरोसा रहा ही नहीं। वह खुद ही स्वयं को अराजक बता चुके हैं। लेकिन उनकी यह करतूत दिल्ली में अराजकता फैलाने वाली है, जिस पर संज्ञान लिया जाना चाहिए। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे को लेकर एलजी कमेटी की रिपोर्ट फाड़कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की राह पकड़ ली है। उनकी इस करतूत से साफ लगता है कि दोनों एक दूसरे का अनुसरण करने में माहिर होते जा रहे हैं।
मुख्य बिंदु
* एलजी कमेटी रिपोर्ट फाड़कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संवैधानिक दायित्व का किया अपमान
* राहुल गांधी ने 2013 में दोषी नेताओं पर अपनी ही सरकार का अध्यादेश फाड़कर संविधान का किया था अपमान
केजरीवाल ने अगस्त 2011 में लोकपाल बिल को सरेआम जला दिया था। राहुल गांधी ने भी 2012 में जहां सपा और बसपा के घोषणा पत्र फाड़ दिए थे वहीं 2013 में अपनी ही सरकार का दोषी नेताओं पर आया अध्यादेश फाड़ दिया था। दोनों की विगत की हरकतों को देखकर कहा जा सकता है कि इनकी भारतीय संविधान में न कोई आस्था है न विश्वास। केजरीवाल जहां दिल्ली को अराजक बनाने में तुले हैं वहीं राहुल गांधी देश को।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में एलजी कमेटी की रिपोर्ट फाड़कर जो हरकत की है उसे देखते हुए उन्हें राहुल गांधी का हमरूप कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा। दोनों अपनी उलजुलूल हरकतों से जनता का आकर्षण प्राप्त करना चाहते हैं। ऐसे अराजक व्यक्तित्व वाले व्यक्ति का संवैधानिक पद पर बैठना संविधान के साथ खिलवाड़ करना है।
लगता है राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल एक दूसरे के व्यक्तित्व से काफी प्रेरित हैं। तभी तो जो काम अरविंद केजरीवाल करते हैं पहले उसे राहुल दोहरातै है और जब राहुल गांधी इस तरह की कोई हरकत करते हैं तो उसे अरविंद केजरीवाल दोहराते हैं। गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सत्ता में आने से पहले ही साल 2011 के अगस्त में संसद में पारित होने वाले लोकपाल बिल को सरेआम जला दिया था।
अरविंद केजरीवाल की उस करतूत का राहुल गांधी पर इतना असर पड़ा कि उन्होंने 2012 में यूपी में हो रहे विधानसभा चुनाव के दौरान एक आम सभा समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के घोषणा पत्र फाड़ दिए थे। इसके बाद राहुल बाबा ने साल 2013 में दोषी नेताओं को बचाने की नियत से अपनी ही सरकार द्वारा लाया जाने वाला अध्यादेश फाड़ दिया था। राहुल गांधी का यह कृत्य संविधान का अपमान करने वाला था। देश की जनता इसकी सजा राहुल गांधी और उसकी पार्टी को दे चुकी है। दस सालों तक सत्ता में बैंठी कांग्रेस पार्टी 2014 के आम चुनाव में महज 44 सीटों पर सिमट गईं। अभी जो कांग्रेस का हाल है उससे लगता है कि 2019 के चुनाव में कहीं चार पर न सिमट कर रह जाए? अभी तक जितने चुनाव हुए हैं अधिकांश में कांग्रेस बुरी तरह से हारी है।
राहुल गांधी एक बार अनुसरण कर चुके थे इसलिए अब की बारी केजरीवाल की थी। सो उन्होंने एलजी कमेटी की रिपोर्ट फाड़कर पूरा किया। दरअसल अरविंद केजरीवाल शुरू से ही अराजक प्रवृति के रहे हैं। उन्हें न कानून से मतलब होता है न किसी प्रक्रिया से। वे शूरू से ही” ‘मुखे कानून छ’ यानि वह जो कहें वही कानून है”, को मानते आ रहे हैं। तभी तो अपनी तानाशाही प्रवृत्ति को जनता जनार्दन की मर्जी बताकर भीड़ के सामने एलजी कमेटी की रिपोर्ट को फाड़ दिया। सवाल है कि जो हरकत आज अरविंद केजरीवाल ने की है क्या वह किसी सभ्य नागरिक के लिए शोभनीय है?
गौरतलब है कि दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर एलजी ने एक कमेटी गठित कर रिपोर्ट देने को कही थी। कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है उसी को लेकर केजरीवाल परेशान हो गए हैं। उनकी परेशानी कुछ और इशारा करती है। चूंकि एलजी कमेटी ने सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए एक प्रक्रिया अपनाने को कहा है। लेकिन केजरीवाल ने कमेटी पर यह आरोप लगाया है कि वह पुलिस से लाइसेंस लेने की बात कही है। केजरीवाल का कहना है कि किसी प्रक्रिया की कोई जरूरत नहीं हैं। उन्हें जिनसे मर्जी होगी और जहां मर्जी होगी वहीं सीसीटीवी कैमरा लगवाएंगे। जबकि कमेटी का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे पब्लिक प्लेस पर ही लगने चाहिए और सभी को पता होना चाहिए कि अमुक जगहों पर कैमरे लगे हैं! ताकि लोग सतर्क हों।
वहीं केजरीवाल ऐसी किसी प्रक्रिया को मानने को तैयार नहीं हैं। अब सवाल उठता है एक प्रक्रिया के तहत सीसीटीवी कैमरे लगने चाहिए या फिर अपनी मर्जी से? केजरीवाल ने वैसे तो दिल्ली पुलिस के लिए भ्रष्टाचार का नया रास्ता खोलने का आरोप लगाया है, जबकि उनकी परेशानी यह बता रही है कि सीसीटीवी कैमरे में उनकी सरकार और पार्टी बड़ा घपला कर चुकी है। हो न हो यह नया घपला भी एक दिन सामने आएगा ही।
URL: Delhi CM Arvind Kejriwal publicly tears governor report on cctv project
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