वैसे तो देसी मीडिया कभी भी भारतीय अखंडता का प्रतीक नहीं रहा है, लेकिन जिस प्रकार इस समय देश के खिलाफ विमर्श स्थापित करने का प्रचलन बढ़ा है वह अभी तक के सबसे निचले स्तर पर चला गया है । शेखर गप्ता की द प्रिंट जैसी वेबसाइट अपने एजेंडे को बढ़ाने के लिए न केवल देश के अंदर विभाजक बीज बोने में लगी हैं बल्कि खालिस्तानी जैसे आतंकवादी संगठनों को देश विरोधी गतिविधियां चलाने के लिए अपना मंच भी प्रदान कर रही है।
मुख्य बिंदु
* भारत विरोधी विमर्श स्थापित करने के लिए खालिस्तानी जैसे आतंकी संगठनों से हाथ मिलाने में गुरेज नहीं कर रहे वामी-कांगी पत्रकार और उनके संस्थान
* खालिस्तानियों को देश तोड़ने जैसे प्रयास में मदद करने के लिए अपना मंच तक उसके हवाले कर रहे हैं
मालूम हो कि शुक्रवार को वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता के नेतृत्व वाली उनकी वेबसाइट द प्रिंट में खालिस्तानी आतंकवादी गोपाल सिंह चावला के गुणगान में एक आलेख प्रकाशित किया गया है। इस आलेख का शीर्षक ही शेखर गुप्ता तथा उनकी वेबसाइट की देश विरोधी मंशा दर्शाने के लिए काफी है। उस आलेख का शीर्षक है “खालिस्तानी गोपाल सिंह चावला केवल भारतीय टीवी चैनलों के लिए आतंकवादी हैं” (“‘Khalistani’ Gopal Singh Chawla is a terrorist only on Indian TV channels”)
जबकि सच्चाई यह है कि पंजाब पुलिस ही चावला को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट घोषित कर रखा है। पंजाब पुलिस का कहना है कि पंजाब में पुलिस स्टेशन तथा पुलिस चेकपोस्ट पर हमला करने के षड्यंत्र के आरोप में गिरफ्तार आंतकवादी ने ही चावला समेत दो अन्य लोगों को आतंकवादी बताया था। गिरफ्तार आतंकवादी ने खुलासा किया था कि उन्हें भी साल 2020 में सिखों के जनमत संग्रह कराने का दुष्प्रचार करने के लिए शामिल होने को कहा गया था। उन्होंने पुलिस को बताया था कि चावला ने ही ऐसा करने को कहा था। लेकिन शेखर गुप्ता और उनकी वेबसाइट द प्रिंट है कि चावला के बयान को राजा हरिश्चंद्र की वाणी ही नहीं मान रहे हैं बल्कि उसका प्रचार भी कर रहे हैं।
शेखर गुप्ता की द प्रिंट में खालिस्तानी आतंकवादी गोपाल सिंह चावला के बचाव में जो आलेख प्रकाशित हुआ है उसमें दिए गए सारे तथ्य अनाम स्रोत के हवाले से दिया गया है। आलेख में भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनाम स्रोत के हवाले से बताया गया है कि चावला का नाम अभी तक किसी आतंकवादी केस में शामिल नहीं किया गया। अनाम स्रोत और चावला के बयान ही प्रिंट के लिए खालिस्तानी अलगाववादियों का शास्वत सत्य बन गया है। जबकि प्रिंट के लिए पंजाब पुलिस के तथ्य कोई मायने नहीं रखते।
मालूम हो कि उस आलेख में चावला के हवाले से लिखा गया है कि वह किसी भी प्रकार के आंतकवाद का समर्थन नहीं करता है। इतना ही नहीं चावला के उस बयान को ही सत्य बताने का प्रयास किया गया है जिसमें उसने बताया है कि 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तथा पाकिस्तान पोषित दुनिया का मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद के साथ उसका कोई कनेक्शन नहीं है।
ऐसा नहीं है कि शेखर गुप्ता ने पहली बार अपनी वेबसाइट में देश विरोधी तत्वों को जगह दी है। देश को अपमानित करने वाली हर घटना को बढ़ा-चढ़ा कर प्रकाशित करना उनका शगल बन चुका है। कई बार तो ये लोग साजिश के तहत देश और मोदी सरकार को अपमानित करने वाले विमर्श एक साजिश के तहत चलाते हैं। कठुआ रेप कांड इसका जीता-जागता उदाहरण है।
URL : Shekhar Gupta, Editor of The Prints, is providing its platform to the Khalistani
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In a new low, Shekhar Gupta’s The Print provides platform to a Khalistani to further his agenda