उत्तर प्रदेश के खनन घोटाला मामले में जहां प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव घिरते जा रहे हैं वहीं इस मामले में दैनिक हिंदुस्तान के संपादक शशि शेखर समेत कई पत्रकारों का नाम भी सामने आया है। कहा जा रहा है कि खनन घोटाला मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर स्टेटस रिपोर्ट से यह खुलास हुआ है। आरोप है कि सीबीआई ने कोर्ट में जो अपनी स्टेटस रिपोर्ट दायर की है उसमें शशि शेखर का नाम आया है।
https://twitter.com/ippatel/status/1085508211652743168
जिस खनन घोटाला मामले में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव फंसे हैं उसमें दैनिक हिंदुस्तान शशि शेखर पर लाभार्थी होने का आरोप है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत पटेल उमराव ने ट्वीट किया है कि जिस खनन घोटाले को अखिलेश यादव ने अंजाम दिया उसमें शशि शेखर भी लाभार्थी थे। यह खुलासा सीबीआई द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर स्टेटस रिपोर्ट में हुई है। मजह शशि शेखर ही नहीं बल्कि कई और पत्रकारों के नाम इस घोटाले में आए है।
इन लोगों पर तो आरोप यहां तक लगाया जा रहा है कि अपने घोटाले को छिपाने के लिए ही महाठगबंधन के लिए अभियान चलाने का फैसला किया था। ताकि महागठबंधन का डर दिखाकर मोदी सरकार को इस मामले में किसी के खिलाफ कार्रवाई करने से रोका जा सके।
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इस मामले को लेकर प्रशांत पटेल उमराव ने जैसे ही ट्वीट किया शशि शेखर ने उन्हें ब्लॉक कर दिया। वैसे तो एक संपादक होने के नाते शशि शेखर को सामने आकर इस संदर्भ में अपना पक्ष रखना चाहिए था । लेकिन जैसे ही उन्होंने ब्लॉक किया उनके खिलाफ शंका और गहरा गई है। अगर खनन घोटाला मामले में शशि शेखर के लाभार्थी होने के नाम का धुआं उठा है तो फिर इसका खुलासा जांच से तो हो ही जाएगा। प्रशांत ने आरोप लगाया है कि इससे साफ हो गया है कि वह इस सच्चाई को नहीं बर्दाश्त कर सकते हैं कि वे खनन घोटाला के लाभार्थी थे। जैसा कि सीबीआई ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में लिखा है।
At Rs 4,200 crore, 2019 #KumbhMela2019 is the costliest everhttps://t.co/qniZQrBZEY pic.twitter.com/VSb8XfJp1e
— Hindustan Times (@htTweets) January 15, 2019
यही हिंदुस्तान अखबार है जिसने इस बार 4,200 करोड़ रुपये की लागत से इस बार प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले को अभी तक सबसे महंगा कुंभ मेला बता कर सीधे मोदी और योगी सरकार पर हमला बोला है।। देश की मान मर्यादा बढ़ाने वाले तथा भारत को आगे ले जाने वालों के खिलाफ अभियान चलाने को अपना प्रचलन बना लिया है। इतना ही नहीं हाल ही में भारत क्रिकेट टीम के स्तंभ रहे महेंद्र सिंह धोनी के खिलाफ भी अभियाम शुरू कर दिया है। यही धोनी है जिन्होंने क्रिकेट में देश का नाम शीर्ष पर पहुंचाया है। लेकिन हिंदुस्तान अखबार देश की एकदिवसीय क्रिकेट टीम से भी धोनो को बाहर कराने का अभियान चला रखा है। ये अभियान तब चलाया है जब धोनी ऑस्ट्रेलिया जैसी तगड़ी टीम के खिलाफ उसके घर में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसा भी नहीं कि धोनी का खेल कमतर रहा हो।
क्या है अवैध खनन मामला
दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार अवैध खनन का ये मामला सपा सरकारी में वर्ष 2012 से 2016 के बीच का है। अवैध खनन के इस खेल का भंडाफोड़ करने के लिए 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गईं थीं। इन पर सुनवाई करते हुए 28 जुलाई 2016 को हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू की तो उसे वर्ष 2012 से 2016 तक हमीरपुर जिले में बड़े पैमाने पर अवैध खनन के सबूत मिले। अवैध खनन से सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व की क्षति पहुंचाई गई थी। उस वक्त चर्चित आइएएस अधिकारी बी चंद्रकला हमीरपुर की जिलाधिकारी थीं। उन पर भी अवैध खनन में शामिल होने और मनमाने तरीके से खनन के पट्टे बांटने का आरोप हैं।
अवैध खनन का ये मामला उस वक्त का है, जब कुछ वक्त के लिए खनन मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास था। मुख्यमंत्री ने अवैध खनन में तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति का नाम आने पर उन्हें कैबिनेट से बाहर कर दिया था। इसके बाद ये प्रभार उनके पास चला गया था। हालांकि, बाद में प्रजापति की कैबनिट में वापसी हो गई, लेकिन उन्हें खनन मंत्रालय नहीं दिया गया। हाईकोर्ट द्वारा अवैध खनन केस में सीबीआइ जांच के आदेश के खिलाफ तत्कालीन अखिलेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी 2017 को सरकार की याचिका खारिज कर दी थी।
मालूम हो कि हाईकोर्ट खुद सीबीआइ जांच की निगरानी कर रही है और वक्त-वक्त पर जांच की प्रगति रिपोर्ट लेती रहती है। हाईकोर्ट ने अवैध खनन में अधिकारियों और पत्रकारों की मिलीभगत पर भी रिपोर्ट मांगी है। ED (The Enforcement Directorate) उत्तर प्रदेश अवैध खनन मामले में Enforcement Directorate (ED) ने आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला समेत 4 लोगों को नोटिस जारी किया है। ईडी की टीम इस मामले में पूर्व जिलाधिकारी बी चंद्रकला समेत 4 लोगों से पूछाताछ करेगी। जांच एजेंसी ने समाजवादी पार्टी के विधायक रमेश को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। इन सभी से अगले सप्ताह पूछताछ होगी। उत्तर प्रदेश अवैध खनन के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला समेत अन्य पर शिकंजा कसता जा रहा है।
URL : Shashi Shekhar’s name came to the mining scam as a beneficiary !
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