दलित समाज पर हो रहे अत्याचारों के संदर्भ में अक्सर सिर्फ हिंदुओं को ही कटघरे में खड़ा किया जाता है. किसी भी इंसान की जाति विशेष की वजह से उस पर अत्याचार करना, उसे प्रताड़ित करना सरासर अपराध ही है. लेकिन दलित विमर्श का इस प्रकार से राजनीतिकरण हो चुका है कि उसमे मुसलमानों के अधिकारों और दलितों के अधिकारों दोनों को साथ जोड़ कर देखा जाता है. या फिर दूसरे शब्दों में कहें तो दलितों और मुसलमानों दोनों को ही हिंदुओं द्वारा किये गये अत्याचार का शिकार माना जाता है. तो ज़ाहिर सी बात है कि इस प्रकार के दलित विमर्श में मुसलमानों द्वारा दलितों पर किये जाने वाले अत्याचार पर संवाद के लिये कोई जगह ही नही होगी.
हरियाणा के मेवात जिले के स्थानीय मुस्लमानों द्वरा वहां बसे दलितों पर ज़बरदस्त अत्याचार हो रहा है. इस अत्याचार की हद यहां तक पहुंच चुकी है कि इन मामले की जांच पड़ताल के लिये एक जांच दल भी गठित हो चुका है. इस जांच दल के अध्यक्ष श्री पवन कुमार ने आज गुरुग्राम मे पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि मेवात दलितों का कब्रिस्तान बनता जा रहा है. उन्होने यहां तक कहा कि अब मेवात और पाकिस्तान में कोई खास अंतर नही रह गया है. यानि जिस प्रकार पाकिस्तान में इस्लाम के अलावा किसी दूसरे धर्म को मानने वालों पर अत्याचार होते हैं, उसी प्रकार मेवात में भी दलितों पर यहां के मुसलमानों द्वारा अत्याचार होते हैं.
गुरुग्राम में हुई प्रेस कांफ्रेंस के बाद जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दलित समाज की महिलाओं को जबरन अगवा कर उनका बलात्कार तक किया जा रहा है. लोगों के बार बार प्रशासन को शिकायत करने बाद भी जब कोई कार्यवाई नही हुई तो यहां के दलित समाज को लगने लगा कि अब तो न्याय की बागडोर खुद ही संभालनी होगी. इसीलिये श्री वाल्मीकि महासभा हरियाणा ने यह निर्णय लिया कि 4 सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन करके मेवात में हो रही इन घटनाओं का पूरा ब्यौरा सरकार और समाज के सामने लाया जाये.
प्रेस कांफ्रेंस में 48 पीड़ितों को बुलाया गया था लेकिन अत्याचार करने वाले मुसलमानों के डर से केवल 19 लोग ही अपनी आपबीती सुनाने पहुंचे. कांफ्रेंस के बाद जारी की कई प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दलितों के उत्पीड़्न की ऐसी ऐसी घटनायें थी कि सुनने वाले का दिल दहल उठे. एक 12 साल की बच्ची का 4 मुसलमानों ने बलात्कार किया और जिस मकान में इस कुकृत्य को अंजाम दिया गया, वह एक मुस्लिम पुलिसवाले का ही मकान था. फिरोज़पुर नमक में तो एक महिला को 9 मुसलमानों द्वारा बंदी बनाया गया और फिर उन्होने कई दिन तक उसका बलात्कार किया. यही नही, उसकी शिकायत पर कोई कार्यवाही न होने के कारण 44 दिन के पश्चात बलात्कारियों ने महिला की निर्मम हत्या कर दी.
विज्ञप्ति के अनुसार जबरन धर्मांतरण के भी कई मामले सामने आये लेकिन कोई कार्यवाई न होने के कारण धर्मांतरित व्यक्तियों पर भी धर्मांतरण का दबाव बनाया जा रहा है. दलितों के शमशान घाटों पर कब्ज़ा करने से लेकर उन्हे ज़िंदा जला देने तक की ऐसी ऐसी घटनायें मेवात में घटित हुई हैं कि सुनने वाले के रोंगटे खड़े हो जायें.
ये बहुत ही अजीब सी बात है कि छद्म्म सेक्यूलरवादी जो कि दलितों पर हिंदुओं द्वारा किये जाने वाले अत्याचारों की घटना गिनाते नही थकते, दलित समाज पर मुसलमानों द्वारा किये जाने वाले अत्याचारों की घटनाओं पर चुप्पी साध लेते हैं.
And they claim of Bheem-Meem…