देश से गद्दारी कर चीन के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा अभी जेल में ही रहेगा। उसकी जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा, अगर आरोपी को रिहा किया गया, तो वह जांच को प्रभावित कर सकता है। दरअसल, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पड़ोसी शत्रु देश चीन के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह राजावत ने कहा कि अगर आरोपी को रिहा किया गया, तो वह जांच को प्रभावित कर सकता है।
अदालत ने कहा कि प्रेस लोकतंत्र का चौथा खंभा होता है और एक पत्रकार चौथे खंभे का एक महत्वपूर्ण ईंट होता है। अगर लोकतंत्र के सभी खंभे दृढ़ता और विकास के लिए काम करें, तो लोकतंत्र की जड़ों को हिलाना मुश्किल होता है लेकिन अगर एक पत्रकार लोकतंत्र हिलाने का काम करने लगे तो यह प्रेस के लिए एक काला दिन होता है।
अदालत ने यह भी टिप्पणी की थी की आरोपी का कबूलनामा और उसके पास से मिले साक्ष्यों पर गौर करने पर प्रथम दृष्टया ऑफिशियल सिक्रेट्स एक्ट की धारा 3,4 और 5 का उल्लंघन करता पाया गया है और ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जा सकती है। जासूसी के आरोप में दबोचे गए राजीव शर्मा की ओर से वकील ने कहा कि आरोपी वरिष्ठ पत्रकार हैं और उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है।
उन्होंने दावा किया कि राजीव शर्मा के पास से कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिला है जबकि उसकी जमानत याचिका में कहा गया कि राजीव शर्मा 61 वर्ष के हैं और उन्हें साइनस की गंभीर बीमारी है। उनका साइनस का दो बार ऑपरेशन भी हो चुका है और साइनस के इलाज के लिए उन्हें हमेशा एक नेबुलाइजर की जरूरत होती है। इसके अलावा उन्हें रक्तचाप की बीमारी है, जिसकी वजह से वे पिछले दस सालों से दवा ले रहे हैं। इस परिस्थिति में उन्हें रिहा किया जाना चाहिए।
जमानत याचिका में कहा गया कि राजीव शर्मा का समाज से गहरा नाता है और राजीव शर्मा की पत्नी वेंकटेश्वर कॉलेज में प्रोफेसर हैं। ऐसे में आरोपी के भागने की कोई संभावना नहीं है। राजीव शर्मा को वकील ने कहा की राजीव शर्मा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की प्रति स्पेशल सेल उपलब्ध नहीं करवा रहा है जबकि दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर इस एफआईआर को ऑनलाइन अपलोड भी नहीं किया गया है लेकिन सारी दलील सुनने के बाद भी अदालत ने राजीव शर्मा को जमानत दिए जाने से इनकार कर दिया।
गौरतलब हो कि 14 सितंबर को देश से गद्दारी करने वाले कथित स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था । पत्रकार राजीव शर्मा (61) से पूछताछ के बाद स्पेशल सेल दिल्ली के महिपालपुर इलाके से एक चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को भी धर दबोचा। विदेशी आरोपियों की पहचान चीनी नागरिक क्विंग शी (30) और शेर सिंह उर्फ राज बोहरा (30) के तौर पर की गई थी और आरोपी पत्रकार यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया, द क्विंट, हिंदुस्तान टाइम्स तथा टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे अखबारों के लिए काम कर चुका है।
पुलिस ने दावा किया था कि राजीव शर्मा वर्ष 2016 से लगातार चीनी खुफिया एजेंसियों के एजेंट माइकल और जॉर्ज से जुड़कर जासूसी कर रहा था और तीनों आरोपियों के पास से 12 मोबाइल फोन कई टैब, लैपटॉप, चीनी एटीएम समेत कई कार्ड व अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए । पुलिस का कहना है कि इस रैकेट से कई अन्य जुड़े हो सकते हैं और एक बड़े रैकेट का खुलासा होने की आशंका है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि भारत सरकार के कुछ मंत्रालयों के संदिग्ध कर्मी भी रडार पर है क्योंकि बिना मिलीभगत से इस तरह की जासूसी रैकेट को नहीं चलाया जा सकता। फिलहाल पुलिस इस बाबत जांच में जुटी हुई है।