Archana Kumari. सोशल मीडिया पर टूलकिट फैलाने के मामले में गिरफ्तार दिशा रवि ने दिल्ली हाईकोर्ट याचिका दायर की है और उसकी अर्जी पर सुनवाई शुरू हो गई।
वरिष्ठ वकील अखिल सिबल ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण मामला है, जहां कुछ टीआरपी हासिल करने के लिए मीडिया नागरिकों के अधिकारों का हनन कर रहा है।
इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मामले में पुलिस की तरफ से कुछ भी लीक नही किया जा रहा है। कोर्ट ने सरकार से इस पर हलफनामा दायर करने को कहा। कोर्ट ने NBSA, टाइम्स नाउ और न्यूज़ 18 चैनल को नोटिस जारी किया।
दिशा रवि ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट से पुलिस को निर्देश देने की मांग की है कि जांच से जुड़े तथ्य मीडिया को लीक न करें और याचिका में मीडिया संस्थानों पर व्हाट्सएप चैट के हिस्सों को प्रकाशित करने पर रोक लगाने की मांग की है।
टूलकिट तब चर्चा में आया था, जब इसे अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए अपने ट्विटर एकाउंट पर साझा किया. उसके बाद पुलिस ने पिछले 4 फरवरी को एफआईआर दर्ज किया था।
इस बीच दिल्ली पुलिस लाल किला हिंसा के दौरान दोनों हाथों से तलवार लहराने वाले मोस्ट वांटेड आरोपी मनिंदर सिंह उर्फ मोनी (30) को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने 4.3 फुट की वह दोनों तलवारें भी बरामद कर ली हैं जो उसने 26 जनवरी को लालकिला पर लहराई थी। पुलिस का कहना है कि लाल किला हिंसा की जानकारी उसको पहले से थी। इसी वजह से वह अपने दोस्तों के साथ दोनों तलवारें लेकर मौके पर पहुंचा था।
सूचना मिली थी कि लाल किला हिंसा का मोस्ट वांटेड सीडी-पार्क, पीतमपुरा के पास मौजूद है। पुलिस की टीम ने मंगलवार रात करीब 7.45 बजे आरोपी को दबोच लिया।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह परिवार के साथ गली नंबर-9, सिंधी कालोनी, स्वरूप नगर में रहता है। पेशे से आरोपी कार एसी मैकेनिक का काम करता है।
इसकी निशानदेही पर पुलिस ने घर से दोनों तलवारें बरामद कर ली। लाल किला हिंसा के बाद जो वीडियो सामने आए थे। उसमें आरोपी मनिंदर सिंह दोनों हाथों से तलवार लहराते हुए नजर आ रहा था।
इसके अलावा वह देश-विरोधी नारेबाजी कर लोगों को हिंसा करने के लिए उकसा रहा था। जांच में पाया गया है कि आरोपी ने पुलिस कर्मियों पर हमला करने के लिए लोगों को उकसाया।
मनिंदर ने खुलासा किया है कि उसने अपने पड़ोस में रहने वाले छह लोगों को 26 जनवरी की हिंसा के लिए उकसाया थे। इसके बाद सभी बाइक से ट्रैक्टर रैली में सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे।
यहां से सभी मुकरबा चौक तक गए। इसी दौरान मनिंदर ने अपने घर से दो तलवारें ली। उनकी योजना था कि लाल किला में अंदर घुसकर तलवार को लहराना है।
योजना के साथ वह अपने साथियों के साथ तलवार लेकर लाल किला में घुस गया। इसके बाद वह लाल किला की प्राचीर पर पहुंचकर तलवार के साथ नाचने लगा। इसे देखकर लोग उत्साहित होकर और हंगामा करने लगे।
उपद्रवियों ने पुलिस कर्मियों पर हमला करने के अलावा वहां तोड़फोड़ भी कर डाली। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उसके साथ और कौन-कौन लोग शामिल थे और क्या इसके लिए उनको किसी और ने तो निर्देश नहीं दिए थे। इस बीच पटियाला हाउस कोर्ट ने राजद्रोह कानून को लेकर बड़ी टिप्पणी की है।
अदालत ने किसान आंदोलन के दौरान अफवाह फैलाने के आरोप में गिरफ्तार दो आरोपियों को जमानत देते हुए कहा कि उपद्रवियों पर लगाम लगाने के नाम पर असंतुष्टों को चुप करने के लिए राजद्रोह कानून का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने किसान आंदोलन के दौरान अफवाह फैलाने और राजद्रोह के दो आरोपियों देवी लाल बुड़दाक और स्वरुप राम को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।