Archana Kumari. दिल्ली दरिंदों के चपेट में है और आए दिन यहां हरे टिड्डे आतंक मचाते रहते हैं लेकिन दिल्ली पुलिस उन पर नकेल कसने में बिल्कुल अक्षम साबित हो रही है । इनका आतंक ऐसा कि यह खुद को नहीं छोड़ते तो बाकियों का क्या हाल करते होंगे । हाल में घटित सिर्फ आप दो घटनाओं से इसका अंदाजा लगा सकते हैं ।
पहले मामले नांगलोई का है जहां बीते सोमवार गोलियों की तड़तड़ाहट से अचानक पूरा इलाका गूंज उठा। थाने के समीप महज कुछ दूरी पर आपसी रंजिश में अलग-अलग वारदातों में दो मीट कारोबारियों की गोली बरसां कर हत्या कर दी गई।
मृतकों की शिनाख्त जाकिर कुरैशी उर्फ बबलू (42) और सलीम कुरैशी (33) के तौर पर की गई । पुलिस को जांच कार्रवाई में पता चला है मोहम्मद इकराम उर्फ आरिफ नामक बदमाश ने पहले जाकिर को गोली मारी।
इसका जब जाकिर के दोस्त रईस व अन्यों पता चला तो उन्होंने इकराम के साड़ू सलीम कुरैशी की उसकी दुकान में घुसकर हत्या कर दी। दिनदहाड़े हुई इस घटना में हमले के दौरान एक नाबालिग के हाथ में भी गोली लगी ।
कुछ देर बाद घटना की जानकारी पास में पेट्रोलिंग कर रही पुलिस की जैगुआर टीम को लगी तो उन्होंने रईस को काबू करने का प्रयास किया, लेकिन उसने पुलिस टीम पर तीन राउंड गोलियां चला दी।
पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई कर गोली चलाई और आरोपी रईस को काबू कर उससे एक पिस्टल, मैगजीन व दो कारतूस बरामद किए। बाकी आरोपी मौके से फरार होने में कामयाब हो गए।
इनमें से एक अपराधी को तो पकड़ लिया गया है लेकिन बाकी फरार बताए जाते हैं। सूत्रों की मानें तो दोनों ओर से करीब 20 राउंड से अधिक गोलियां चली। पुलिस को घटना स्थल से 11 खोखे बरामद हुए हैं। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से मामले की जांच करने में जुटी है।
छानबीन में पता चला है जाकिर अपने परिवार के साथ ए-ब्लॉक जेजे कालोनी, नांगलोई में रहता था। उसका मीट का ठोक कारोबार है। सोमवार दोपहर करीब सवा एक बजे वह नांगलोई क्रासिंग से होता हुआ पैदल ही घर की ओर लौट रहा था।
इस दौरान बीच सड़क पर इकराम उर्फ आरिफ नामक बदमाश ने उसे हथियार के बल पर रोक लिया। इससे पहले की जाकिर कुछ समझ पाता इकराम ने पिस्टल निकालकर उसे पर ताबड़तोड़ गोलियां दाग दीं।
बताया जाता है कि जाकिर को चार गोली लगीं। इसके बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए। उधर जाकिर के दोस्त रईस को जब पता चला कि इकराम ने जाकिर को गोलियां मार दी हैं तो वह अपने दोस्त मोहबिन, राजा, शकील व अन्यों के साथ इकराम के साड़ू सलीम कुरैशी की दुकान पर पहुंचा।
बताया जाता है कि आरोपियों ने पहले एक मंदिर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों को तोड़ा। इसके बाद सलीम की ए-ब्लॉक में ही मीट की दुकान है। वहां पहुंचते ही रईस व उसके साथ मौजूद युवकों ने सलीम पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसां दी। सलीम को चार तथा एक गोली नाबालिग बाबर के हाथ में भी लगी।
सलीम को बचाने के लिए उसका भाई राजू वहां पहुंचा तो आरोपियों ने उस पर भी गोलियां बरसां दी, लेकिन वह बाल-बाल बच गया। इस बीच गोलीबारी की सूचना मिलने के बाद वह जैगुआर टीम मौके पर पहुंची।
पुलिस को देखते ही रईस ने उन पर भी गोलियां चला दी। किसी तरह गोली चलाकर पुलिस कर्मियों ने उसको काबू किया। उसके साथी मौके से फरार हो गए। मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल जाकिर, सलीम और बाबर को संजय गांधी अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया।
लेकिन हमले में घायल हुए बाबर का अस्पताल में इलाज जारी है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि इकराम ने दो साल पहले पंजाबी बाग में एक हत्या की थी, उसी मामले में वह जेल में बंद था।
कुछ दिनोंं पहले वह पैरोल पर बाहर आया हुआ था। शुरूआती जांच के बाद पुलिस का कहना है कि दोनों ओर से कारोबार को लेकर रंजिश चल रही है। उसमें पहले भी एक दूसरे पर हमले हुए हैं।
इतना ही नहीं दूसरेे मामले के दौरान आदर्श नगर इलाके में झपटमारी का विरोध करने पर बदमाश ने महिला की चाकू घोंपकर हत्या कर दी। सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई इस वारदात के बाद 2 लोग पकड़े गए और उनके नाम मोहम्मद अकीबुल और शेख फरदीन नाम है।
पुलिस को पता चला है कि वारदात के समय सिमरन कौर नामक महिला अपनी दो साल की बेटी व मां के साथ साप्ताहिक बाजार से खरीदारी कर वापस घर लौट रही थीं।
पुलिस की माने तो दलेर सिंह आदर्श नगर के गुरू नानक रोड स्थित ई- ब्लाक में परिवार के साथ रहते हैं। जबकि वह स्टूडियो चलाते हैं। उनके परिवार में पत्नी ममता, बेटे मनप्रीत सिंह हैं।
उनकी दोनों बेटियां पूजा कौर व सिमरन कौर की शादी हो चुकी हैं। बड़ी बेटी पूजा की शादी कनाडा में हुई है। बताया जाता है पूजा कुछ दिनों पूर्व कनाडा से अपने मायके आई थीं।
सिमरन भी 20 फरवरी को बड़ी बहन पूजा व माता पिता से मिलने के लिए पंजाब के पटियाला शहर से दिल्ली पहुंची थीं। सिमरन अपने दो साल की बेटी हरलीन व मां ममता के साथ पिछले शनिवार रात करीब साढ़े आठ बजे घर से कुछ ही दूरी पर लगने वाले साप्ताहिक बाजार खरीदारी करने के लिए गई थीं।
सिमरन को अपनी बेटी के लिए दवाई भी लेनी थी। बताया जाता है कि खरीदारी के बाद सिमरन अपनी बेटी को गोद में लेकर मां के साथ पैदल ही वापस लौट रही थी।
सिमरन व उनकी मां रात के साढ़े नौ अपनी गली में प्रवेश घर की तरफ बढ़ती हैं। इस दौरान उनके पीछा बदमाश भी आता हुआ दिखाई देता है। बदमाश सिमरन के गले से चेन झपटकर भागने लगता है कि मां बेटी उसे पकड़ने लगती हैं कि बदमाश जमीन पर गिर पड़ता है।
इस दौरान सिमरन की गोद से बेटी भी नीचे गिर जाती है। इसके बाद सिमरन उसे पकड़ लेती है तभी बदमाश चाकू से उनकी गले और छाती पर वार करता है और जब तक गली के दूसरे छोर पर मौजूद निजी सुरक्षा गार्ड दौड़कर आता है कि बदमाश गली के बाहर मेन रोड पर पहले से बाइक सवार साथी के साथ भाग जाता है।
इसके बाद लहुलुहान सिमरन को शालीमार बाग के फोर्टिंस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ ही देर बाद इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गई। इस तरह मासूम बच्ची को छोड़कर सिमरन कौर इस दुनिया से विदा हो गई