अर्चना कुमारी। नकली सीबीआई अधिकारी बनकर लूटपाट करने वाले ईरानी गैंग का पर्दाफाश किया गया। आरोपियों की पहचान गैंग लीडर मो. अली उर्फ मो. साबिर हुसैन (52), मो. काबिल उर्फ इमरान उर्फ इमरान हुसैन (45), अनवर अली (45), शौकत अली जाफरी (55) और मुख्तियार हुसैन उर्फ शेख मुख्तार उमर (35) के तौर पर की गई और उनके कब्जे से सोने की चेन, मोबाइल फोन, टार्च और पांच सीबीआई के नकली आईकार्ड बरामद किए गए।
आरोपियों की गिरफ्तारी से करोल बाग में हाल में हुई ठगी की तीन वारदातें सुलझी। पुलिस का कहना है आरोपी भोपाल से ट्रेन में बैठकर देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर वारदातों को अंजाम देते थे। करीब 25 वारदातों में शामिल रहे हैं और 10 मामलों में अदालत ने इनको भगोड़ा भी घोषित किया हुआ है। इन लोगों ने 27 जून करोल बाग की बैंक स्ट्रीट पर बदमाशों ने ज्वेलर के कर्मचारी से 300 ग्राम सोने के जेवरात ठग लिये।
पीड़ित ने बताया कि चार-पांच बदमाशों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर तलाशी लेने के लिए उसे रोका। इसके बाद पीड़ित से जेवरात ठगकर फरार हो गए। करोल बाग थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। पुलिस ने घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला तो पुलिस को पता चला कि वारदात में ईरानी गैंग के हाथ है।
इसी तरह के हूलिये के बदमाशों ने करोल बाग में पहले हुई ठगी की दो अन्य वारदातों को अंजाम दिया था। जांच के बाद पुलिस की टीम ने गैंग लीडर मो.अली उर्फ मो. साबिर हुसैन की पहचान कर ली। एक टीम को भोपाल भेज दिया गया। लेकिन पुलिस को आरोपी नहीं मिला। पुलिस ने वारदात के समय ट्रेन में भोपाल से दिल्ली यात्रा करने वालों का पता किया।
जांच के दौरान पता चला कि 26 जून को पांच आरोपी दिल्ली पहुंचे और 30 जून को वापस लौट गए। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी लगातार दिल्ली आते रहे हैं। पता चला कि एक अगस्त को आरोपी भोपाल से प्रयागराज जाने वाले हैं। पुलिस ने ट्रेन को झांसी, यूपी में रुकवाकर पांचों आरोपियों को दबोच लिया। आरोपी खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर ठगी करते थे।
इसके लिए आरोपी जिम में कसरत करके अपने को फिट रखते थे। आरोपी मो. अली व अनवर अली सगे भाई हैं। वहीं मो. काबिल, मो. अली का साला है। मुख्तियार अनवर व मो. अली का सगा भतीजा है। इसके अलावा शौकत अली जाफरी इनका रिश्तेदार बताया जाता है।