अर्चना कुमारी। झारखंड का एक शहर है, जामताड़ा और इसे ऑनलाइन फ्रॉड का अड्डा भी कहा जाता है। ऑनलाइन फ्रॉड का गढ़ माने जाने वाले झारखंड के जामताड़ा में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की टीम ने ऑपरेशन साइबर प्रहार-2 करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने झारखंड के देवघर, गिरीडीह व बिहार के जमुई से भी कई लोगों को गिरफ्तार किया है ।
आरोपियों का सरगना गुलाम अंसारी उर्फ मास्टरजी (24) और अल्ताफ अंसारी उर्फ रॉकस्टार (20) है जबकि इस गिरोह में सरफुद्दीन मोहम्मद (25), सैनुल अंसारी (35), गुलाम मुस्तफा (35), आफताब आलम (34), रफीक आलम (24), आजाद मियां (36), सोहेल अंसारी (20), फुरकान अंसारी (23), अशोक वर्मा (27), संजय वर्मा (24), अभिषेक वर्मा (23) और राजू शर्मा (28) आदि शामिल है और सभी को पकड़ लिया गया है । इन आरोपियों में आरोपी गुलाम अंसारी और अल्ताफ अंसारी दोनों ठगी के गैंग का सरगना हैं।
इनमें से आरोपी गुलाम टेक्नीकल एक्सपर्ट है, जो बैंक के फेक वेबसाइट, ई-कॉमर्स साइट्स बनाने में माहिर है। साथ ही गूगल पर विज्ञापन चलाकर लोगों को झांसे में लेना इस बखूबी आता है। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने बिहार व झारखंड में छापेमारी करने के दौरान सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए फिल्मी स्टाइल में करीब 100 किलोमीटर तक पीछा किया जबकि इन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद साइबर अपराध के मामलों में करीब 29 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
वहीं सूत्रों का कहना है कि गिरोह का मुख्य सरगना आरोपी अल्ताफ है, जो साइबर क्राइम की दुनियां का रॉकस्टार कहा जाता है। इस शातिर आरोपी ने महज 2 साल के भीतर ही 10 करोड़ से ज्यादा की ठगी कर कई सारी प्रॉपर्टी बना ली। उसके पास कई सारे साइबर अपराधी ट्रेनिंग लेने के लिए आते हैं। यह आरोपी इतना शातिर है कि उसने कई गांवों में अपने ठिकाने बना रखे थे। उन ठिकानों की ओर आने वाली पुलिस टीम पर नजर रखने के लिए उसने एक अलग से टीम बना रखी थी। जो गांव के सभी इंट्री वाले प्वाइंट पर निगरानी करते थे।
पुलिस की रेड के दौरान उसने अपने घर से पड़ोसी की छत पर छलांग लगाकर भागने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने पीछा कर दबोच लिया। दूसरे आरोपी गुलाम अंसारी को अल्ताफ उर्फ रॉकस्टार गूगल पर विज्ञापन व फ्रॉड करने के लिए प्रतिदिन 40 हजार से 50 हजार रुपए देता था। फिलहाल आरोपियों के पास से 2 करोड़ रुपए कीमत की प्रॉपर्टी भी जब्त की गई साथ ही एक 20 लाख रुपए की कार बरामद की गई।
पूछताछ में पता चला कि आरोपी प्रतिदिन 40 से 50 लोगों को कॉल करते थे, जिसमें से 4-5 लोग उनका शिकार बन जाते थे। इन लोगों को झांसे में लेने के बाद आरोपी उनसे रुपए या तो ट्रांसफर करवा लेते थे या फिर उनके बैंक खाते से रुपए उड़ा लेते थे। आरोपियों के निशाने से बैंक के अधिकारी भी नहीं बच पाए। इतना ही नहीं अपने ठगी को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने ऑनलाइन मौजूद ई-कॉमर्स कई कम्पनियों को भी मुनाफा देने का ऑफर देकर झांसे में लेने का प्रयास किया।इस ऑनलाइन फ्रॉड रैकेट में गिरोह आए दिन नए-नए तरीकों से ना केवल दिल्ली एनसीआर बल्कि देश के विभिन्न राज्यों में लोगों से ठगी करते रहे और लाखों लोगों की जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई पर अपना हाथ फेर दिया