आईएसडी नेटवर्क। बीबीसी ने बॉलीवुड को लेकर रिपोर्टिंग कर रहे यूट्यूब चैनलों पर एक खोजी टीवी स्टोरी बनाई है। इस स्टोरी में युट्यूबरों से बातचीत की गई है। स्टोरी का विषय ये है कि कुछ लोग यूट्यूब के माध्यम से हिन्दी फिल्म उद्योग के बारे में फेक न्यूज़ प्रसारित कर रहे हैं। बीबीसी का प्रयास तो अच्छा रहा लेकिन वह इस विषय पर ‘बायस्ड’ होता प्रतीत हुआ। बीबीसी इस स्टोरी में केवल उन युट्यूबर्स के पीछे गया, जो बॉलीवुड को लेकर कंटेंट प्रसारित कर रहे हैं।
बीबीसी ने अपनी स्टोरी को ‘खोजी’ स्टोरी बताते हुए फेक न्यूज़ पर प्रहार करने का प्रयास किया है। फेक न्यूज़ पर ऐसे प्रयास सराहनीय है किन्तु ये भी देखना होगा कि बीबीसी ने खोज के नाम पर केवल युट्यूबर्स और इससे पीड़ित लोगों से बातचीत की। जो आरोप युट्यूबर्स बॉलीवुड पर लगाते आ रहे हैं, उनको केवल ये कह ख़ारिज कर देना कि ये फेक है, आधा अधूरा इन्वेस्टिगेशन ही हुआ।
बीबीसी प्रमाण सहित ये सिद्ध नहीं कर सका कि ये युट्यूबर्स भ्रामक जानकारी प्रसारित कर रहे हैं। अपितु ये सत्य है कि विगत दो वर्षों में सोशल मीडिया के माध्यम से अधिकांश असत्य ही प्रसारित किया गया है। विगत दो वर्षों में बॉलीवुड में बहुत कुछ घटा है। सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध हत्या,जिसका रहस्य देश की केंद्रीय संस्थाएं अब तक नहीं सुलझा सकी।
ड्रग्स के चंगुल में बॉलीवुड फंसा हुआ है, ये तो एजेंसियों की जाँच और मीडिया रिपोर्ट्स से सिद्ध हो चुका है। जो जानकारियां पब्लिक डोमेन में पूर्व से हैं, उन पर यदि कंटेंट बनाया जा रहा है, तो उसकी सत्यता कैसे पता करेंगे। क्या इसमें से सीबीआई, एनसीबी की जाँच को अलग कर देखा जाएगा। बीबीसी की पहल एक ज्वलंत विषय को लेकर थी किन्तु इस रिपोर्ट में वह एक तरफ़ा रिपोर्टिंग भी करता दिखाई दिया।
बीबीसी ने अभिनेत्री स्वरा भास्कर से बात की। स्वरा के अनुसार फेक न्यूज़ के कारण उनकी जो छवि बनाई गई, उसके कारण काम मिलना बंद हो गया है। उल्लेखनीय है कि स्वरा भास्कर द्वारा लगातार ऐसे ट्वीट किये गए और बयान दिए, जिससे देश के जन समुदाय में आक्रोश की स्थिति बनी थी। गत 1 जनवरी को उन्होंने स्वयं फेक न्यूज़ प्रसारित कर अपराध किया था।
उन्होंने चीन द्वारा जारी नकली वीडियो अपने ट्वीटर पर साझा कर दावा किया था कि गलवान घाटी में चीन ने अपना ध्वज लहरा दिया है। बाद में पता चला कि वह वीडियो चीन के फेक न्यूज़ अभियान का ही एक चरण था। बीबीसी ने ये भी बताया कि ऐसे अधिकांश युट्यूबर्स की विचारधारा दक्षिणपंथी है और ये किसी न किसी रुप में भाजपा से संबंधित है। रिपोर्ट में दो ऐसे लोगों को दिखाया गया है, जो स्वयं को हर विषय का विशेषज्ञ घोषित कर चुके हैं।
इनमे से एक दावा करता है कि पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई की मर्जी के बिना बॉलीवुड में कोई स्टार नहीं बन सकता है। अपितु इस तरह के स्वयंभू विशेषज्ञों के दावों की जांच तो आवश्यक ही है। कुल मिलाकर बीबीसी ने फेक न्यूज़ के मामलों में उन लोगों पर प्रहार किया है, जो बॉलीवुड के विरुद्ध प्रचार कर रहे हैं।
जबकि फेक न्यूज़ के दायरे में केवल ये लोग ही नहीं आते, जो बॉलीवुड के विरुद्ध हैं। वर्तमान सरकार और भारत के हिन्दुओं को लेकर संपूर्ण विश्व में यूट्यूब के माध्यम से दुष्प्रचार चल रहा है।अपितु ये बीबीसी के इन्वेस्टिगेशन में कहीं दिखाई नहीं दिया। इंडिया स्पीक्स डेली के पाठकों से भी अनुरोध है कि वे बॉलीवुड के विरुद्ध प्रचार करने वाले ऐसे लोगों से दूरी बना लें, जो तथ्यहीन प्रचार कर रहे हैं और पत्रकारिता से उनका कोई सम्बन्ध नहीं है।
बॉलीवुड ने अपनी घटती शाख को बचाने के लिए यह वीडियो बनवाया है। मैं इसको पेड मीडिया का हिस्सा ही मानता हूँ और मेरे विशवास और पुख्ता हुआ जब मैंने स्वरा भास्कर को देखा। यह वही अदाकार है जो ममता बाजेर्जी के सामने बोल रही थी कि उन्हें काम नहीं मिलता और यही बात इस वीडियो में भी बोला। बॉलीवुड के रिश्ते अंडरवर्ल्ड से जग जाहिर है और सोशल मीडिया के दौर में बातें छुपती नहीं है, हालांकि फेक न्यूज़ के जरिये असली खबर को छुपाने की बहुत कोशिश होती है। जैसे की सलमान ने शादी कर रखी है लेकिन इस बात को बहुत अच्छे से छुपाया गया है।
BBC to Apne kaam kar raha hai par jo rashtavadi bane firte hai aur har kisi ko bus chunauti dete rahte hai. aaj jab kuch karne ka time hai to bhag rahe hai