आईएसडी नेटवर्क। लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद अंततः ‘द कन्वर्जन’ फिल्म के निर्माता को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल ही गया है। लव जिहाद पर बनी ‘द कन्वर्जन’ को सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी थी। विगत वर्ष से ही इसे रोकने के लिए न्यायालय में याचिकाएं लगनी शुरु हो गई थी। बहुत जल्दी फिल्म निर्माता ‘द कन्वर्जन’ की रिलीज़ डेट घोषित करेंगे।
धर्मांतरण जैसी महत्वपूर्ण विषय पर बनी इस फ़िल्म को सेंसर बोर्ड ने छ माह से पारित नहीं किया था। लेकिन इसके निर्माता-निर्देशक सेंसर बोर्ड से फ़िल्म को पारित करने के लिए लड़ते रहे। छह माह के संघर्ष के बाद अंततः सत्य की जीत हुई। फ़िल्म को यूए सर्टिफिकेट दिया गया है।
इसका अर्थ ये है कि फिल्म बच्चे भी देख सकते हैं। बारह वर्ष से कम आयु के बच्चे इसे अपने अभिभावकों की मर्जी से देख सकेंगे। फिल्म निर्देशक विनोद तिवारी के अनुसार ‘द कन्वर्जन’ लव जिहाद जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बनी है। उनके अनुसार ये फिल्म युवा लड़कियों को देखनी चाहिए ताकि वे सत्य जान सके।
फिल्म में दिखाया गया है कि अंतरधार्मिक विवाह के कारण बेटियों को मानसिक प्रताड़ना और कई प्रकार के शोषण का सामना करना पड़ता है। परिवार और समाज की सोच का प्रभाव बच्चों के जीवन को कैसे प्रभावित करता है, इस पीड़ा को फिल्म में दिखाया गया है।
फिल्म निर्माण टीम की ओर से स्पष्ट किया गया है कि फिल्म में किसी की भी धार्मिक भावनाओं का अनादर नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि विगत कुछ वर्षों में लव जिहाद एक गंभीर समस्या बनकर उभरी है। ऐसे कई प्रकरण देखने में आए हैं कि मुस्लिम युवक अपनी पहचान को छुपाकर हिन्दू लड़कियों को जाल में फंसाते हैं और लव जिहाद को अंजाम देते हैं।
कई भाजपा सरकारों ने इस समस्या को समझते हुए अपने राज्यों में लव जिहाद के विरुद्ध कानून बना दिए हैं। फिल्म की कहानी एक ऐसी युवती की है, जो अनजाने लव जिहाद के जाल में फंस जाती है। फिल्म में विंध्या तिवारी, प्रतीक शुक्ला और रवि भाटिया मुख्य भूमिकाएं निभा रहे हैं। फिल्म के निर्माता राज पटेल ने भी सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की है।