सारा कुमारी। अमेरिका विश्व में अपना प्रभुत्व सदैव बनाएं रखना चाहता है, और इसके लिए वो दूसरे राष्ट्रों में हस्तक्षेप भी करता रहता है, परन्तु पिछले कुछ वर्षों में चीन ने अमेरिका के प्रथम दर्जे वाली सत्ता को हिलाने का भरपूर प्रयास किया है, जिसका अमेरिका बीच- बीच में प्रतिकार करता रहता है। अभी हालिया रुस यूक्रेन युद्ध में अमेरिका की भूमिका को देखते हुए, चीन ने अपने रक्षा सौदों में बेतहाशा वृद्धि कर दी है। जिससे अमेरिका का चिंतित होना स्वाभाविक है।
अमेरिकी रक्षा अधिकारी के अनुसार, चीन अमेरिका की तुलना में पांच से छह गुना तेजी से अत्याधुनिक सैन्य हथियार और उपकरण हासिल कर रहा है। अमेरिकी वायु सेना के अधिग्रहण, प्रौद्योगिकी और रसद कार्यालय से मेजर जनरल कैमरून होल्ट ने कहा कि हथियारों के तेजी से अधिग्रहण के अलावा, बीजिंग वाशिंगटन की तुलना में कहीं अधिक कुशलता से उपकरणों का संचालन भी कर रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका हथियारों की लागत को कम करने और रक्षा आपूर्ति श्रृंखलाओं की गति बढ़ाने का तरीका नहीं जानता है तो अमेरिका अत्याधुनिक हथियारों की दौड़ हार सकता है। होल्ट का यह बयान तब आया है जब चीन अत्याधुनिक सैन्य तकनीकों में निवेश कर रहा है। पिछले महीने, एशियाई राष्ट्र ने अपनी भूमि आधारित बैलिस्टिक मिसाइल अवरोधन प्रणाली का परीक्षण किया। चीन ने शंघाई शिपयार्ड में अपना तीसरा विमानवाहक पोत भी लॉन्च किया।
अमेरिकी वायु सेना के लिए अनुबंध की देखरेख करने वाले होल्ट का दावा है कि हथियारों की खरीद में चीन से मुकाबला करने में हमारे देश की अक्षमता इसकी “संसाधन प्रणाली” के कारण है। “धीमा और अस्पष्ट” बजटीय ढांचा अमेरिका में हथियारों की खरीद की गति को प्रभावित करता है। वर्तमान प्रणाली में कथित तौर पर बजट पर हस्ताक्षर करने की धीमी प्रक्रिया है क्योंकि इसमें स्थिरता और जीवनचक्र लागत जमा करने की आवश्यकता होती है।
होल्ट ने जोर देकर कहा, “अगर हम अपनी संसाधन प्रणाली को नहीं बदलते हैं, तो हथियारों को खरीदने में तेजी लाना संभव नहीं है।” और इसकी वजह से हम लगातार हथियार खरीदने में चीन से पीछे होते जा रहे हैं। वह एक “नकदी प्रवाह” मॉडल में तत्काल बदलाव का सुझाव देते हैं, जिसमें धन की तेज आवाजाही के प्रावधान शामिल होंगे। वर्तमान में विश्व में हो रही उथल-पुथल को देखते हुए, भारत को भी सावधान रहने की आवश्यकता है, और भविष्य में आने वाले, किसी भी अप्रत्याशित आक्रमण के लिए पूर्णतः तैयार रहना चाहिए।