हिंदू क्यों कमजोर हो गया ? गंदी-शिक्षा , झूठा-इतिहास ;
इसी से सारे दुर्गुण पनपे , बने हुये हैं गले की फांस ।
सबसे बदतर हिंदू – नेता , कायर और कमजोर हैं ;
दूध – दही में टैक्स लगाते , बूचड़खाने में जोर है ।
लाखों गायें रोज कटाते , मजहब वालों को मांस खिलाते ;
कितने कुत्सित पाप कर रहे , जजिया देते मंदिर तुड़वाते ।
सत्ता – लोलुप वोट के भूखे , हर कीमत पर सत्ता चाहें ;
धर्म – राष्ट्र से कुछ न मतलब , बस केवल अय्याशी चाहें ।
दिन भर ये मेकअप करवाते , बार-बार कपड़े बदलें ;
दिनभर होता फोटो सेशन , पूरे रंगे – सियार ये निकले ।
गांधी के सब दुर्गुण लेते , कोई अच्छा गुण भी ले लो ;
गांधी रहता था अधनंगा , ये गुण भी तुम फौरन ले लो ।
बहुत बड़े थे राष्ट्रभक्त , वो थे अपने सरदार पटेल ;
कितनी ऊंची मूर्ति बनाई ? पर उनके गुणों को दिया धकेल।
कितने महापुरुष भारत में , एक का भी अच्छा गुण ले लो ;
झूठ बोलना एकदम छोड़ो , सत्य का व्रत अब तो ले लो ।
केवल एक यही गुण तेरा , पापों से उद्धार करेगा ;
मजहब के बारे में सच बोलो , तब हिंदू सम्मान करेगा ।
अब भी हिंदू वोट हैं ज्यादा , उन्हें सताना बंद करो ;
विकल्पहीन हिंदू न समझो , उन्हें चिढ़ाना बंद करो ।
बर्बर नृशंस हत्यारे मुजरिम , उनकी खुली छूट वापस लो ;
सख्ती से कानून हो लागू , पूरी सब्सिडी वापस लो ।
एक बराबर भारतवासी , उनमें भेदभाव मत करना ;
सारा तुष्टीकरण हटाओ,अल्पसंख्यकवाद कभी मत करना।
फौरन सही राह पर आओ , या फिर चले भाड़ में जाओ ;
हिंदू अब न देगा अवसर , अपना मुँह काला कर जाओ ।
हिंदू का दृढ़ निश्चय है , कट्टर-हिंदू प्रत्याशी जीतेगा ;
वरना नोटा की मार भयानक , हर एक सेक्युलर हारेगा ।
वामी , जेहादी , जिम्मी , सेक्युलर , हर प्रत्याशी हारेगा ;
हर हालत में अब तो हिंदू , हिंदू-नरसंहार को रोकेगा ।
अब तो केवल हिंदू-राष्ट्र ही , शांति-व्यवस्था ला पायेगा ;
वरना कमजोर व कायर नेता , गजवायेहिंद करायेगा ।
मानवता की रक्षा करने , भारत को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ;
एकजुट जम्मू , एकजुट हिंदू , एकजुट भारत को ही लाओ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”