संदीप देव । स्वतंत्र भारत में B. P. Mandal की अध्यक्षता में 1978 में कमीशन का निर्माण( जनता पार्टी व जनसंघ वाली मोरारजी सरकार) और 1990( जनता पार्टी व भाजपा के सहयोग वाली वीपी सिंह सरकार) में उसे लागू करना ही वह बिंदु था, जहां से जातियों में हिंदुओं को तोड़ने का कुचक्र रचा गया। इस मंडल की शान में 2001 में (वाजपेई सरकार) ने डाक टिकट भी जारी किया गया।
बी पी मंडल मधेपुरा (बिहार) के जमींदार यादव परिवार से थे। वह 1968 में 30 दिनों के लिए बिहार के मुख्यमंत्री भी बने। अमीर पृष्ठभूमि से होने के बावजूद उनके मानसिक पिछड़ेपन का उदाहरण आरक्षणवादी व्यवस्था को उनके द्वारा और मजबूत बनाया जाना था।
राजनीति के यादव चैंपियन, जिन्होंने माई समीकरण (मुस्लिम+ यादव) बनाकर राजनीति में मजबवादी और जातिवादी जहर घोला, वो लालू व मुलायम इस मंडल कमीशन की ही देन हैं।
लेकिन आश्चर्य है कि हिंदुओं को जातियों में जब जब तोड़ा गया, हिंदुत्व की राजनीति के Subscriber जनसंघ/भाजपा के सहयोग से ही यह संभव हुआ।
वर्तमान में SC/ST कानून व OBC पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलट कर भाजपा की ही मोदी सरकार ने इस जातिगत खाई को और चौड़ा किया। स्वयं प्रधानमंत्री मोदी का भाषण है कि मैंने SC/ST कानून को और अधिक मजबूत बनाया है।
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