विपुल रेगे। विजय सलगांवकर सात साल बाद पुलिस के बनाए जाल में फंस गया है। विजय और उसके परिवार को क़ानूनी शिकंजे में फंसाने के लिए बहुत लंबी योजना तैयार की गई है। शतरंज की बिसात पर वजीर के पास आगे बढ़ने के लिए कोई ‘खाना’ नहीं बचा है। शतरंज की बिसात पर ये सीधी-सीधी मात की कहानी है। इस क्राइम थ्रिलर ‘वजीर’ विजय पिछली बार बच निकला था लेकिन इस बार उसका शिकार करने के लिए एक नया शिकारी लाया गया है।
सात वर्ष के ‘पॉज़’ के बाद एक नए निर्देशक अभिषेक पाठक ने ‘प्ले’ का बटन ऑन किया है। दृश्यम के पहले भाग को निशिकांत कामत ने निर्देशित किया था। सन 2020 में निशिकांत कामत का एक गंभीर बीमारी से निधन हो गया था। दृश्यम :2 देखने के बाद लगता है कि निशिकांत की थीम को जस का तस रखने का शानदार कार्य अभिषेक पाठक ने किया है।
जब निर्देशक बदला जाता है तो मूल क्रॉफ्ट उसके साथ चला जाता है लेकिन यहाँ हम एक बेहतरीन सस्पेंस-थ्रिलर देखते हैं, जो दर्शक को अपनी ग्रिप में लेने में पूरी तरह कामयाब रहा है। सस्पेंस-थ्रिलर में केवल एक गलती पूरा खेल बिगाड़ सकती है। थ्रिलर में दर्शक आपके क्रॉफ्ट का रेशा-रेशा ध्यान से देखता है। इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि कहीं कोई बारीक सी गलती न छूट जाए।
बस यही सावधानी, कसी हुई टाइट एडिटिंग, कलाकारों का अनुपम योगदान हो तो फिल्म निर्देशक आधी लड़ाई तो फिल्म मेकिंग के दौरान ही जीत लेता है। फिल्म की पहली रील से ही धूम-धड़ाका चाहने वाले दर्शकों को ये फिल्म नहीं देखनी चाहिए। यदि निर्देशक को एक सधा हुआ सस्पेंस थ्रिलर दिखाना हो तो उसे ड्रामा बिल्डअप करना पड़ता है। इस बिल्डअप सस्पेंस के अंत में छोटी सी चिंगारी ही सफलता की आग लगाती है।
अजय देवगन अब ऐसी भूमिकाओं को सहज निभा ले जाते हैं। उन्होंने कुछ नया नहीं किया है, बस अपना किरदार समर्पित ढंग से निभाया है। देवगन को यहाँ अक्षय खन्ना ने टक्कर दी है। बॉलीवुड ने पुराने समय में ऐसी बहुत सी फ़िल्में बनाई, जिनमे कथानक का मुख्य आधार चूहा-बिल्ली का खेल होता था। पुलिस चोर के पीछे लगी रहती थी। एक अजीब रिश्ता दोनों के बीच कायम हो जाता है।
दोनों टेक्निकली दुश्मन होने के बावजूद एक दूसरे की चतुराई की तारीफ़ भी करते हैं। ऐसा ही कुछ दृश्यम :2 में महसूस हुआ है। इस रिश्ते के कारण फिल्म में रोचकता बढ़ जाती है। तब्बू की वापसी ज़ोरदार रही है। यहाँ अभिनय की कलात्मक फाइट देखने को मिलती है। इस मुकाबले में अक्षय खन्ना श्रेष्ठ बनकर उभरे हैं। अब उनकी मांग बढ़ जाने वाली है।
फिल्म के बैकग्राउंड स्कोर की बात किये बिना इस फिल्म की बात पूरी नहीं होती। Baylon Fonseca और उनकी टीम ने फिल्म का साउंड डिजाइन किया है। बहुत अरसे बाद किसी सस्पेंस-थ्रिलर के साउंड में वॉयलिन का प्रयोग इतना अद्भुत हुआ है। फिल्म के साथ ऐसा बहुत कुछ है, जो इसे हिट की ओर धकेल सकता है। पिछले पार्ट के बूस्ट ने अच्छी ओपनिंग में सहायता की है।
थियेटर्स में युवा दर्शकों की अधिकता देवगन की फिल्म के लिए सकारात्मक संकेत है। फिल्म का बजट पचास करोड़ बताया जा रहा है, जो कि एक सस्पेंस-थ्रिलर के लिए संतुलित कहा जाएगा। पहले दिन के लिए पांच करोड़ की एडवांस बुकिंग सहित ये फिल्म लगभग 15 करोड़ का कलेक्शन कर सकती है। फिल्म के लिए सकारात्मक संकेत है कि दूसरे दिन की एडवांस बुकिंग बढ़कर 7 करोड़ हो चुकी है।
प्री सेल्स में दृश्यम : 2 रिकार्ड बनाती दिख रही है। अब तक सात करोड़ की बुकिंग कर ये साल की सबसे अधिक एडवांस बुकिंग करने वाली फिल्म बन गई है। 3300 स्क्रीन्स पर प्रदर्शित हुई ‘दृश्यम :2’ ने एक धमाकेदार स्टार्ट लिया है। ये फिल्म सपरिवार देख सकते हैं, हालाँकि बच्चों के लिए इसमें कुछ नहीं है। ये मैच्योर ऑडियंस की फिल्म है और मनोरंजन करने में सौ टका सफल है।