एक पत्रकार, जिसका नाम CBI ने Undesirable Contact Men की सूची में डाल रखा था! यानी एक ऐसा दागदार पत्रकार, जिससे किसी भी सरकारी अधिकारी को मिलने की मनाही थी, लेकिन कांग्रेस की यूपीए सरकार ने उनके लिए न केवल PIB कार्ड जारी किया, बल्कि अति-संवेदनशील एयरपोर्ट एंट्री पास भी जारी कर दिया, ताकि वह किसी भी मंत्रालय से लेकर देश के किसी भी एयरपोर्ट पर आसानी से आ-जा सके।! पढि़ए पीगुरु वेबसाइट का पत्रकार उपेंद्र राय को लेकर एक और नया खुलासा। इंडिया स्पीक्स डेली ने पीगुरु के खुलासे को हिंदी के पाठकों तक पहुंचाने के लिए साभार उनकी सामग्री का केवल अनुवाद किया है।
एक प्रतिष्ठित वेबसाइट https://www.pgurus.com/ के अनुसार उपेंद्र राय ने भले ही पत्रकार का चोला ओढ़े रखा हो लेकिन काम उसने हमेशा भ्रष्टाचार और दलाली का ही किया है! पत्रकारिता के क्षेत्र में उसने ऐसा कोई भी बड़ा एक्सपोजर या रिपोर्ट नहीं किया था कि जिसकी वजह से इतनी कम उम्र में उसे ‘राष्ट्रीय सहारा’ का मुख्य संपादक बनाया जा सके! सुप्रीम कोर्ट द्वारा दागदार साबित हो चुके सहाराश्री सुब्रत राय सहारा ने उसकी दूसरी खासियत को देखकर ही उसे यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी। उसकी दलाली का रुतबा हर सरकारी दफ्तर में दर्ज है। उपेंद्र राय का नाम ‘Undesirable Contact Men’ (UCM) की सूची में सूचिबद्ध है। यह सूची CBI तैयार करती है। राय ने पत्रकार के रूप में उसी मीडिया हाउस में काम किया जिसका नाम किसी न किसी रूप में भ्रष्टाचार से जुड़ा रहा है। वह चाहे ‘स्टार न्यूज’ रहा हो या ‘राष्ट्रीय सहारा’ या फिर ‘तहलका’पत्रिका! ऐसी ही दागदार जगहों से गुजरते हुए वह पहले पत्रकार, फिर दलाल और अब भ्रष्टाचार के कई आरोपों से घिरे पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदंबरम का प्यादा बना हुआ है!
मुख्य बिंदु
पिछले दो सालों से उपेंद्र राय का नाम सीबीआई की जारी Undesirable Contact Men (UCM) सूची में शामिल है
वेबसाइट PGurus के खुलासे के अनुसार, अपना जन्म वर्ष 1982 बताने वाला उपेंद्र राय बहुत कम उम्र में ही ‘राष्ट्रीय सहारा’ और ‘तहलका’ जैसे दागदार अखबार और पत्रिका का संपादक बन गया। जिस उम्र में वह संपादक बना उस उम्र में कई पत्रकार चीफ सब एडिटर भी नहीं बन पाते हैं! यह उसके रुतबे का ही असर था कि यूपीए सरकार के समय उसे PIB कार्ड जारी किया गया, जिसके सहारे वह धड़ल्ले से किसी भी मंत्रालय में आने-जाने और मंत्रियों-अधिकारियों से मिलने-जुलने लगा। इतना ही नहीं उसके पास अति-संवेदनशील एयरपोर्ट इंट्री पास भी रहता था! जो उसे नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने जारी किया था। ये सब कैसे हुआ? आप इसे एक रहस्य समझ सकते हैं, लेकिन सब जानते हैं कि इन सवालों के जवाब पी चिदंबरम का प्यादा बनने में छिपा है! क्योंकि ये सारी घटनाएं उसी दौर की हैं जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी और पी चिदंबरम एक कद्दावर मंत्री हुआ करते थे। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि उस समय उपेंद्र राय का सरकारी व्यवस्था के साथ कैसा ‘रिश्ता’ था!
सीबीआई ने राय का नाम ‘Undesirable Contact Men’ (UCM) सूची में डाल रखा था। इस सूची में नाम होने का मतलब है कि सभी अधिकारियों को सूची में शामिल व्यक्ति से संपर्क करने से परहेज करना होगा, लेकिन उपेंद्र राय उस दौरान अकसर नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में देखा जाता था। अब यही सवाल उठता है कि जिस व्यक्ति का नाम सीबीआई ने UCM सूची में डाल रखा हो उस व्यक्ति को किस आधार पर PIB कार्ड इश्यू किया गया?
अब, जब सरकार बदल गई तो उपेंद्र राय ने अपनी भूमिका भी बदल ली है। यूपीए सरकार और पी चिदंबरम के मंत्रित्व काल में उसने एक कुख्यात दलाल की भूमिका निभाई, तो अब चिदंबरम के लिए एक प्यादा की भूमिका निभा रहा है! तभी तो वह अब हर उस अधिकारी को बेईमान साबित करने के फिराक में रहता है जो चिदंबरम से जुड़े मामले की जांच करते हैं। pgurus.com के अनुसार उपेंद्र राय अपने आका पी चिदंबरम के इशारे पर उस ईमानदार अधिकारी के खिलाफ ओछी याचिका डालकर उन्हें बदनाम करने का प्रयास करता है।
उपेन्द्र राय से संम्बंधित खबर :
नोट: यह पूरी खबर https://www.pgurus.com/ पर दर्ज सूचनाओं के आधार पर साभार लिखी गयी है। India speaks daily इसमें से किसी भी तथ्य की पुष्टि का दावा नहीं करता है।
* यह सीरीज अभी जारी रहेगी, कल पढ़िए इस पर एक और अहम खुलासा।
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