Archana Kumari. पिछले साल फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में भीषण दंगा हुआ था और 1 साल बाद एक और आरोप पत्र दाखिल किया गया । दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की ओर से दायर आरोप पत्र को काफी महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इस आरोपपत्र में दंगे के पीछे की साजिश का खुलासा किया गया है।
कड़कड़डूमा कोर्ट में दायर आरोप पत्र में खुलासा किया गया है कि कैसे पूरी साजिश के साथ दंगों को अंजाम दिया गया था और इस साजिश के पीछे कौन-कौन लोग शामिल थे।
राजधानी में पिछले साल हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने एक और सप्लीमेंट्री आरोप पत्र दायर की और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की यह तीसरी आरोप पत्र है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि स्पेशल सेल दिल्ली दंगों के पीछे साजिश की जांच कर रही है और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दंगा आरोपियों के खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज किया था।
इस आरोप पत्र में खुलासा किया गया है कि कैसे प्लानिंग के साथ दंगों को अंजाम दिया गया था तथा दंगों की साजिश रचने वालों ने एक साजिश तहत दंगों के दौरान कई इलाकों में कई सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए थे।
जांच के दौरान पुलिस ने अब सीसीटीवी तोड़ने वालों की पहचान कर ली है और सप्लीमेंट्री आरोप पत्र में सबूत के तौर पर इन तथ्यों को पेश किया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सबूतों के लिहाज से ये आरोप पत्र बेहद महत्वपूर्ण है और इससे दंगे के पीछे की साजिश का खुलासा हो जाता है ।
पिछले साल नवंबर महीने में दायर पुलिस की आरोप पत्र में ये बात सामने आई थी कि एंटी सीएए प्रोटेस्ट और एनआरसी के विरोध में शरजील इमाम और उमर खालिद आदि ने 5-6 फरवरी को JNU के मुस्लिम स्टूडेंट्स को लेकर एक ग्रुप बनाया था ।
जिसका नाम MSJ (मुस्लिम स्टूडेंट जेएनयू) था। इसी ग्रुप के जरिए भी दिल्ली दंगा भड़काने की साजिश रची गई थी और आरोप पत्र में उल्लेख है कि इस ग्रुप में कुल 70 लोग जुड़े थे। इनमें ज्यादातर मुस्लिम स्टूडेंट थे।
आरोप पत्र में कहा गया कि ये ग्रुप बनाया भले शरजील ने था लेकिन दिमाग उमर खालिद का ही था। इस ग्रुप में उकसाने वाली बातें लिखी जाती थीं, दिल्ली में बनें प्रोटेस्ट साइट की पल-पल की खबर और रणनीति तय होती थी।
इसके अलावा पहले तब ये खुलासा हुआ था कि दिल्ली दंगों में बंगाली भाषा बोलने वाली करीब 300 महिलाओं का इस्तेमाल किया गया था और बंगाली बोलने वाली इन मुस्लिम महिलाओं को दिल्ली के जहांगीर पुरी इलाके से जाफराबाद में प्रदर्शन के लिए बुलाया गया था और महिलाओं को बस का किराया भी दिया गया था।
गौरतलब हो कि नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बीते साल फरवरी में दिल्ली में दंगे भड़क गए थे और इस दंगे में 53 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 181 से अधिक लोग बुरी तरह घायल हो गए थे।
कई सौ करोड़ की संपत्ति जलकर खाक हो गई थी। दिल्ली पुलिस ने राजधानी में बीते साल हुए दंगों को लेकर कुल 755 एफआईआर दर्ज की हैं और दावा किया है कि 400 मामले सुलझा कर 1825 आरोपी गिरफ्तार किए गए ।
दिल्ली पुलिस ने दंगेे को लेकर अब तक पुलिस ने 349 से अधिक आरोप पत्र दाखिल की है जबकि कुल 1825 लोग मे 869 हिन्दू समुदाय और बाकी 956 मुस्लिम समुदाय के हैं। पिछले साल 23 फरवरी 2020 को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगों की शुरुआत हुई थी, जो 26 फरवरी तक चली थी।
Thik hai par kuchh nahi hone wala hai ye ek matra dikhawa hai Delhi special police ka. Aap SIR case ko dekh sakte hai jo CBI ke hawale hai. Yadi musalmon mare gaye hote to jarur BJP aur amit shah ji kuchh dhyan dete . Aur rahi baat RSS ki to wo idrish khan arthaat indersh kumar ko hi aage karne me Lagi hai jo Ram ko emame a hind bata raha hai.