
राफेल रिव्यू पीटीशन : प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एक और साजिश धाराशाई!
आज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर साफ कह दिया कि राफेल में रिव्यू पीटीशन पर सुनवाई की कोई जरूरत नहीं, इसे तत्काल खारिज करें। सरकार ने एक तरह से स्पष्ट कर दिया कि लुटियन्स लाॅबी के हितों के लिए अब राफेल पर जवाब नहीं दिया जाएगा।
सरकार ने हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट से जो कहा है, वह कुछ इस तरह है-
- आप एक ऐसा रास्ता खोल रहे हैं, जिससे कोई भी गोपनीय दस्तावेज आगे से गोपनीय नहीं नहीं रह पाएगा।
- जब डिटेल में आपने आदेश दे ही दिया है तो कुछ मीडिया द्वारा आधे-अधूरे दस्तावेज के आधार पर मनगढ़त रिपोर्ट के आधार पर जो लिखा जा रहा है, उसके आधार पर रिव्यू का क्या मतलब है?
- इसे लेकर किसी भी तरह के एफआईआर दर्ज कराने का आदेश नहीं दिया जा सकता है। ज्ञात हो कि इससे पहले लुटियस लाॅबी और कोर्ट फिक्सर सीबीआई के प्रमुख आलोक वर्मा के जरिए एफआईआर दर्ज करने का प्रयास कर चुके हैं।
- इन मीडिया रिपोर्ट को देखने से स्पष्ट है कि ये आधे-अधूरे दस्तावेज के आधार पर सुनवाई से ठीक पहले अदालत को प्रभावित करने के लिए लिखे गये थे?
- आपने कहा ही है कि एक व्यक्ति के एजेंडे के सटिस्फेक्शन के लिए कोई फैसला नहीं दिया जा सकता, फिर रिव्यू पेटीशन पर सुनवाई क्यों?
- देश का प्रधानमंत्री माॅनिटरिंग कर सकते हैं, इसमें क्या अलग बात है?
- सुरक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेजों के इस तरह सार्वजनिक खुलासे से देश के आस्तित्व पर खतरा है।
- सुप्रीम कोर्ट के राफेल सौदे के गोपनीय दस्तावजों के परीक्षण के फैसले से रक्षा, बलों की तैनाती, परमाणु प्रतिष्ठानों, आतंकवाद निरोधक उपायों आदि से संबंधित गुप्त सूचनाओं का खुलासा होने की आशंका बढ़ गई है।
- सीलबंद नोट में सरकार ने कोई गलत जानकारी सुप्रीम कोर्ट को नहीं दी ।
- CAG ने राफेल के मूल्य संबंधी जानकारियों की जांच की है और कहा है कि यह UPA सरकार के मुकाबले 2.86% कम है।
- कोर्ट जो भी मांगेगा सरकार राफाल संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए तैयार है।
- राफेल पर पुनर्विचार याचिकाओं में कोई आधार नहीं हैं, इसलिए सारी याचिकाएं खारिज की जानी चाहिए.
- बता दूं कि 99.9 फीसदी रिव्यू पीटीशन खारिज ही होता है। सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला शायद ही बदलती है। इसमें जानबूझ कर सुप्रीम कोर्ट पर दबाव डाला गया मीडिया के जरिए और मीडिया के कुछ रिपोर्ट के आधार पर इसे खुलवाने का प्रयास किया गया। बाद में सीजेआई पर भी यौन शोषण का आरोप लगाकर दबाव बनाने का प्रयास हुआ।
- जाते-जाते बता दूं कि आज एक और साजिश की गई। राहुल गांधी अपने गिरोह के साथ प्रेस वार्ता करने आया। राहुल, अखिलेश सभी एक सुर में बोलने लगे कि भाजपा हार रही है, चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है। यानी अपनी हार तय देखकर भाजपा के हार का झूठ फैला कर चुनाव आयोग पर दबाव बनाने की कोशिश ये लोग करना शुरू कर चुके हैं। कल ही कांग्रेस का वकील गिरोह अहमद पटेल के साथ चुनाव आयोग पहुंचा था कि हर बूथ के ईवीएम का नंबर दो। हारने पर यह लाॅबी लोकतंत्र का अपहरण भी कर सकती है, इनकी मंशा से तो यही लग रहा है।
ज्ञान अनमोल हैं, परंतु उसे आप तक पहुंचाने में लगने वाले समय, शोध, संसाधन और श्रम (S4) का मू्ल्य है। आप मात्र 100₹/माह Subscription Fee देकर इस ज्ञान-यज्ञ में भागीदार बन सकते हैं! धन्यवाद!
Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment
Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment
Bank Details:
KAPOT MEDIA NETWORK LLP
HDFC Current A/C- 07082000002469 & IFSC: HDFC0000708
Branch: GR.FL, DCM Building 16, Barakhamba Road, New Delhi- 110001
SWIFT CODE (BIC) : HDFCINBB
Paytm/UPI/Google Pay/ पे / Pay Zap/AmazonPay के लिए - 9312665127
WhatsApp के लिए मोबाइल नं- 9540911078
पूरा हलफनामा कहाँ मिलेगा