
साक्षात्कार से पहले ही भागा राहुल गांधी
सूचना है कि आजतक को समय देकर राहुल गांधी ने साक्षात्कार देने से मना कर दिया। उसने कहा कि आपने इंडिया टुडे में जो मेरी तस्वीर लगाई है वह मुझे पसंद नहीं आयी है। इस बीच राहुल गांधी ने जनसभा के बीच दो छोटे साक्षात्कार दिए हैं, और वह साक्षात्कार उन्होंने अपने Pliable journalist (उन्हीं का दिया नाम) को दिए हैं।
एक एनडीटीवी के श्रीनिवासस जैन हैं, जिन्हें राहुल ने राजस्थान के एक जनसभा में चलते-चलते साक्षात्कार दिया है। यह वैसे साक्षात्कार की श्रेणी में आता भी नहीं, केवल बातचीत है। दूसरा उन्होंने अपनी बेहद प्रिय पत्रकार टीवी9 की सुप्रिया भारद्वाज को रीवा की एक रैली में साक्षात्कार दिया है।
सुप्रिया राहुल की कितनी प्रिय पत्रकार है, यह राहुल के एक जवाब से पता चल जाता है कि सुप्रिया उन्हें राफेल पर पहले गाइड करती रही है। राहुल कहते हैं, ‘आपने ही कहा था कि राफेल का मुद्दा लोगों के खून में घुस चुका है, जिसे भाजपा चाह कर भी नहीं निकाल पाएगी।’ फिर राहुल छिछोरी हंसी हंसते हुए टीवी9 भारतवर्ष के कैमरामैन से कहते हैं, ‘दिखाइए इन्हें, यह कितनी मुस्कुरा रही हैं।’ तो यह था राहुल के साक्षात्कार का स्तर।
सुप्रिया भारद्वाज की समझ देखिए कि वह इतनी प्लायबल हो जाती है कि राहुल से कहती है, ‘आपने राफेल का मुददा उठाया उसके बाद से भाजपा भ्रष्टाचार की जगह राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाने लगी है।’ अब ऐसे पत्रकारों को पत्रकार कहना भी पत्रकारिता का अपमान है।
सुप्रिया पीएम मोदी की हर सभा में गांधी परिवार के भ्रष्टाचार के हमले- मिशेल मामा, मप्र को एटीएम बनाया, तुगलक रोड घोटाला, हथियार में दलाली, बिचैलियों का खात्मा- जैसे नहीं सुन पा रही है तो यह उसकी गलती है। लेकिन राहुल गांधी को हीरो बनाने के लिए मुद्दे को ही नष्ट करने का यह प्रयास दिखाता है कि आज भी गांधी परिवार को मालिक मानने वाले पत्रकारों की कमी नहीं है।
सुप्रिया उसी टीवी9भारतवर्ष की पत्रकार है, जो अपने एकतरफा और एजेंडा जर्नलिज्म के कारण अभी तक टीआरपी की रेस में भी शामिल नहीं हो पाया है। सूत्रों के अनुसार, वहां से एक वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक उपाध्याय अगल ही इसलिए हुए कि वहां का एक संपादक विनोद कापड़ी एजेंडा आधारित जर्नलिज्म के लिए उन पर दबाव बना रहे थे। वैसे बता दूं कि विनोद कापडी का पत्रकारिता से कभी वास्ता रहा भी नहीं।
पत्रकातिा के नाम पर टीवी न्यूज के पर्दे पर सांस-छुछुंदर नचाने का श्रेय इसी कापड़ी को जाता है। अभी इस चैनल को वह सेक्सिज्म रिपोर्टिंग के आधार पर उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
टीवी9 भारतवर्ष में सुप्रिया की प्लायबल पत्रकारिता का उदाहरण इस वीडियो में खुद देख लीजिए
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Godi media ka EK or chehra samane aaya
पहले तो अपनी भाषा सुधार ……
रही राहुल गांधी के साक्षात्कार की बात तो राहुल तो प्रेस कॉन्फ्रेंस और इन्टरव्यू करते ही रहते हैं पर कभी मोदी का भी कर ले …….