विपुल रेगे। अक्षय कुमार की पीरियड ड्रामा ‘छत्रपति शिवाजी महाराज’ का पहला लुक बाहर आ गया है। इस फर्स्ट लुक की प्रशंसा कम, आलोचना अधिक हो रही है। दर्शकों की प्रतिक्रियाओं को देखने के बाद अंदेशा है कि अक्षय कुमार के साथ ‘सम्राट पृथ्वीराज’ जैसा हादसा दोबारा हो सकता है। एक माह में एक फिल्म की शूटिंग ख़त्म कर देने वाले अक्षय कुमार ने शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व को कितना आत्मसात किया है, वह उनकी बॉलीवुडी चाल से पता चल रहा है।
‘वेडात मराठे वीर दौडले सात’ नामक मराठी फिल्म में अक्षय कुमार छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका निभाने जा रहे हैं। अब से ठीक एक माह पूर्व एक सार्वजनिक कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और मनसे प्रमुख राज ठाकरे की मौजूदगी में अक्षय कुमार ने मराठी में इस किरदार को निभाने की घोषणा की थी। उस समय अक्षय ने खुलासा किया था कि छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका निभाने के लिए उन्हें राज ठाकरे ने प्रेरित किया था।
राज ठाकरे की सलाह मानते हुए फिल्म निर्देशक महेश मांजरेकर ने अक्षय को साइन करने में देर नहीं की। अब जबकि फिल्म का पहला लुक बाहर आ गया है तो पता चल रहा है कि राज ठाकरे की इमेजिनेशन कितनी ख़राब है। अक्षय कुमार का पहला लुक देखकर कलेजा मुंह को आ गया। दर्शक पूछ रहे हैं कि बिना तैयारी फर्स्ट लुक क्यों रिलीज कर दिया। बिना तैयारी महेश मांजरेकर ने अक्षय को मैदान में उतार दिया है।
अक्षय ने शिवाजी महाराज और उनके चरित्र के बारे में पढ़ा या जाना है, इसमें भी संदेह है। स्वाभाविक है कि एक माह की तैयारी में आप परदे पर शिवाजी महाराज नहीं बन सकते। फर्स्ट लुक में अक्षय की वॉक ऐसी लग रही है, जैसे ‘राउडी राठौड़’ चला आ रहा हो। अक्षय कुमार मसाला फिल्मों के अभिनेता हैं। आप उनसे बीते कालखंडों के नायकों के किरदार नहीं करा सकते।
सम्राट पृथ्वीराज के असफल होने का एक मुख्य कारण यही रहा कि अक्षय पृथ्वीराज के किरदार में घुस ही नहीं सके। किसी किरदार में घुसने के लिए वर्षभर का समय भी लग जाता है। ऐसे बहुत से उदाहरण है, जिनमे कलाकार अपना किरदार निभाने से पूर्व ‘थिंकिंग प्रोसेस’ से होकर गुज़रे, उसके बाद उन्होंने शूटिंग शुरु की। बेन किंग्सले ने ‘गांधी’ फिल्म की शूटिंग से पूर्व गांधी के व्यक्तित्व को समझने में ही कई माह लगा दिए थे।
अक्षय कुमार से बेहतर शिवाजी तो हमने अजय देवगन की ‘तानाजी’ में देख लिए थे। हाल ही में रिलीज हुई एक मराठी फिल्म ‘हर हर महादेव’ के शिवाजी को ही अक्षय देख लेते तो फर्स्ट लुक नामक ये हादसा नहीं होता। अब भी समय है कि अक्षय कुमार शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व को समझे, उनके शौर्य और पराक्रम के बारे में जाने। जब वे थिंकिंग प्रोसेस से तैयार होकर परदे पर आएँगे तो संभव है अब से ज़्यादा अच्छे लगने लगे।