विपुल रेगे। ‘जवान’ फिल्म ने विगत चार दिन में सारे कीर्तिमान ध्वस्त कर डाले हैं और एक नए रिकॉर्ड की ओर बढ़ रही है। इस सफलता को ‘राष्ट्रवादी गिरोह’ पचा नहीं सका। ट्वीटर और फेसबुक की दुनिया में गुंडई के लिए कुख्यात ये गिरोह अब भी इस गगनभेदी सफलता को स्वीकार नहीं कर रहा। गिरोह अपनी गंदी भाषा शैली में कुख्यात होने के साथ इस बात के लिए भी जाना जाता है कि देश में घटा कोई इवेंट उसकी पसंद का न हो तो वह बीच बाज़ार नंगा होकर कहता है कि ‘ये इवेंट तो कभी हुआ ही नहीं था।’
जब शाहरुख़ खान की ‘जवान’ के ट्रेलर को भरपूर प्रतिसाद मिला तो ‘राष्ट्रवादी गिरोह’ चौकन्ना हो गया था। उसे आशंका हो चली थी कि ‘जवान’ का दोबारा ‘पठान’ होने की तगड़ी संभावनाएं हैं। रिलीज से पहले ही गिरोह ने फिल्म पर गंद फेंकने की पूरी तैयारी कर ली थी। इस काम में एक ‘जयपुरिया गिरोह’ हमेशा सबसे आगे होता है। इनमे एक और है जो कुछ माह पहले केंद्र से पुरस्कार ले आया था। इस दूसरे गिरोह ने ‘पठान’ और ‘जवान’ को लेकर भेदभाव पूर्ण सोशल मीडिया रिपोर्टिंग की थी। हालांकि इनकी गंद उल्टी इन पर ही जा गिरी। ‘जवान’ को विवाद में उलझाने का पूरा साजो-सामान तैयार किया गया। एक टूलकिट बनाई गई। इसमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि स्टालिन के बयान को आधार बनाया गया।
उदयनिधि का बयान सच में बहुत शर्मनाक था लेकिन उस शर्मनाक बयान का इस्तेमाल करना और भी शर्मनाक सिद्ध हो गया। कुछ ऐसा हो गया कि राष्ट्रवादी गिरोह अपनी ही धोती में उलझकर अखाड़े में धूल चाट गया। उदयनिधि के अत्यंत विवादित बयान पर उनके पिता तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पुरज़ोर ढंग से अपने बेटे का बचाव किया। उन्होंने कहा कि उदयनिधि के अपने बयान में कभी ‘नरसंहार’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। उल्लेखनीय है कि उदयनिधि ने स्पष्ट रुप से सनातन को समाप्त करने की बात कही थी। उन्होंने सनातन की तुलना मलेरिया और डेंगू से कर दी थी। इस बात के लिए उन्हें कोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है।
उदयनिधि की प्रोडक्शन कंपनी ‘रेड जॉइंट मूवीज’ फिल्म बनाने के अलावा फिल्मों के वितरण का भी काम करती है। तमिलनाडु में ‘जवान’ को इसी कंपनी ने रिलीज किया था। राष्ट्रवादी गिरोह ने ‘हैश टैग बॉयकॉट जवान’ का ट्रेंड चलाया और कहा कि इस फिल्म खरीदने वाले सनातन विरोधी की फिल्म न देखें। हालाँकि उदयनिधि की कंपनी ने केवल तमिलनाडु में फिल्म रिलीज की थी और बहिष्कार का आव्हान संपूर्ण भारत में किया गया। गिरोह की ये कोशिश बड़ी ही हास्यापद थी। फिल्म रिलीज हुई और पहले दिन जबर्दस्त कलेक्शन करते हुए छा गई। अब राष्ट्रवादी गिरोह के पेट में मरोड़े उठने लगी कि फिल्म को तगड़ी ओपनिंग कैसे लगी।
गिरोह को ये गुमान है कि वे जिस फिल्म के बहिष्कार की कह देंगे, उसे लोग नहीं देखेंगे। करोड़ों के इस देश में डेढ़ दो लाख की फॉलोइंग लेकर वे समझते हैं कि उनकी अपील देशभर के लोग सुनेंगे। इसे अल्ट्रा मूर्खता ही कहा जाएगा। जब फिल्म के कलेक्शन ज़ोर पकड़ने लगे तो गिरोह ‘आफ्टर अटैक्स’ पर उतर आया। गिरोह को अचानक फिल्म में बहुत सी खामियां दिखाई देने लगी। तकनीकी रुप से फिल्म कमतर लगने लगी और विभिन्न कारण गिनाए गए कि ये फिल्म लोग न देखने जाए। हालाँकि इस बार फिल्म में ऐसा कोई विवाद नहीं मिला, जिस पर गिरोह कूद कूदकर देश में तमाशा बनाने लगे। गिरोह पर अभी और सितम होना बाकी थे। जब पता चला कि फिल्म में ईवीएम को बैकग्राउंड बनाकर शाहरुख़ खान ने मतदाताओं को संबोधित किया है, तो गिरोह जैसे जलते ज्वालामुखी में कूद पड़ा।
प्रतिशोध और पराजय की अग्नि में धधकते गिरोह पर आखिरी हथौड़ा केंद्र सरकार ने मार दिया। ये तो सब जानते हैं कि गिरोह का मुख्य उद्देश्य केंद्र का यशोगान करते रहना है। केंद्र सरकार ने G 20 सम्मलेन के रात्रि भोज में उन्ही उदयनिधि के पिता एमके स्टालिन को आमंत्रित कर लिया। एमके स्टालिन ने भी शान से डिनर में शिरकत की। गिरोह को ये मालूम होना चाहिए कि उनके विषैले अभियान के बावजूद एक हिंदी फिल्म ने तमिलनाडु में अब तक बीस करोड़ का कलेक्शन कर लिया है, जो कि बहुत बड़ी बात है। गिरोह को ये भी पता होना चाहिए कि पब्लिक ने उनके अभियान को लात मारकर 380 करोड़ से अधिक कलेक्शन ‘जवान’ को दे दिया है। अब शायद जयपुरिया गिरोह इन दर्शकों को गाली देने के लिए एक वीडियो बनाए। ये होना भी संभव है।