अर्चना कुमारी। अतीक को करीब 8 से 10 तथा अशरफ को 5 गोलियां बेहद नजदीक से मारी गई थी। दोनों का 4 डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया और इसके बाद प्रयागराज की कब्रिस्तान कसारी- मसारी में इन्हें सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। इस दौरान भारी पुलिस वालों की मौजूदगी प्रयागराज में रही।
इस बीच पुलिस सूत्रों ने खुलासा किया हत्यारों में से एक आरोपी सनी सिंह के पश्चिम उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर सुंदर भाटी के साथ कनेक्शन है और बताया जाता है कि हमीरपुर जेल में बंद रहने के दौरान सनी सिंह सुंदर भाटी का करीबी हो गया था। दावा किया गया है कि जेल से छूटते ही सनी सुंदर भाटी के लिए काम करने लगा लेकिन जांच एजेंसियों ने यह खुलासा नहीं किया है कि इस हत्याकांड में सुंदर भाटी का कोई रोल है।
पुलिस को शक है कि अतीक और अशरफ की हत्या में प्रयुक्त जिगाना पिस्टल सनी को सुंदर भाटी से ही मिली, जिस पिस्टल से इस मर्डर की वारदात को अंजाम दिया गया । जांच एजेंसियों का कहना है कि जिगाना पिस्टल तुर्की में बनती है और गैरकानूनी तरीके से बॉर्डर क्रॉस कर इसे हमारे देश में लाया जाता है। इस घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय पत्रकारों के लिए विशेष सुरक्षा नीति बनाएगी क्योंकि तीनों हमलावर पत्रकार बनकर दोनों भाइयों को मौत के घाट उतारा था।
पुलिस सूत्रों का कहना है, इस घटना को लेकर गृह मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट तलब किया, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार प्रारंभिक रिपोर्ट अपनी तरफ से भेज दी है। पुलिस सूत्रों का कहना है इस घटना के बाद से हत्यारे लवलेश, अरुण और सनी के घर वाले दहशत में है क्योंकि उन्हें अब अपनी जान का खतरा मंडरा रहा ।
बताया जाता है कि तीनों के घरवाले इन लोगों से किसी तरह के संबंध होने से इंकार किया है जबकि सूत्र बताते हैं कि सनी आपराधिक किस्म का है, उसके ऊपर पहले से ही कई मामले दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अतीक गैंग का सफाया करना चाहते थे आरोपी और नाम कमाने की चाहत में इस वारदात को अंजाम दिया है।,
लेकिन इस घटना से उत्तर प्रदेश पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है जिसके चलते राजनीतिक दलों ने उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की है। सपा, बसपा से लेकर कांग्रेस तक सभी प्रमुख विपक्षी दलों वारदात को लेकर बीजेपी की सरकार पर सवाल खड़े किए हैं, इतना ही नहीं बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने इस हत्याकांड को यूपी सरकार की बड़ी नाकामी बताया है।
इस बीच बताया जाता है कि गृह विभाग द्वारा कमीशन ऑफ़ इनक्वायरी एक्ट 1952 के तहत १५ अप्रैल को जनपद प्रयागराज के संपूर्ण घटनाक्रम की विस्तृत जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित किया गया ।इस हेतु गृह विभाग द्वारा औपचारिक आदेश निर्गत किए गये ।तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग दो माह के भीतर पूरे प्रकरण की जाँच कर रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।
तीन सदस्यीय आयोग जो बनाए गए हैं उसमें अरविंद कुमार त्रिपाठी द्वितीय ,सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति , उच्च न्यायालय इलाहाबाद, के नेतृत्व में कार्य करेगा । सुबेश कुमार सिंह ,आईपीएस सेवानिवृत्त डीजीपी उत्तर प्रदेश एवं बृजेश कुमार सोनी ,सेवानिवृत्त जनपद न्यायाधीश उत्तर प्रदेश आयोग के अन्य दो सदस्य होंगे