न्याय बिकता है, बोलो खरीदोगे!
विष्णु प्रभाकर की एक कहानी धरती अब भी घूम रही है में एक निर्दोष आदमी जेल चला जाता है। उस के परिवार में सिर्फ दो छोटे बच्चे हैं। एक बेटा और एक बेटी। बच्चे...
विष्णु प्रभाकर की एक कहानी धरती अब भी घूम रही है में एक निर्दोष आदमी जेल चला जाता है। उस के परिवार में सिर्फ दो छोटे बच्चे हैं। एक बेटा और एक बेटी। बच्चे...
दयानंद पांडेय। तारकेश्वरी सिन्हा की याद है आप को ? वही बिहार वाली । बोल्ड एंड व्यूटीफुल। गज़ब की पर्लियामेंटेरियन थीं । उन की शेरो-शायरी से उन के भाषण ही नहीं , संसद भी...
एपी न्यूज़ एजेंसी के हवाले से आज के अख़बारों में एक बड़ी ख़बर छपी है कि चीन ने 10 लाख उइगर मुसलमानों को कट्टरवाद विरोधी गुप्त शिविरों में बंद कर रखा है। जब कि...
मुथुवेल करुणानिधि के जाने से एक जहरीली, जातिवादी और भ्रष्ट राजनीति का अंत हुआ है। महायोद्धा नहीं, नायक नहीं, कायर और खलनायक थे मुथुवेल करुणानिधि। भारतीय राजनीति में जातीय और भाषाई राजनीति के जहर...
हम तो पहले दिन से कह रहे थे कि अवार्ड वापसी एक प्रायोजित षडयंत्र था! असहिष्णुता पर पुरस्कार लौटाने का प्रहसन रचनेवाले स्वयं कितने असहिष्णु थे, इसका खुलासा स्वयं साहित्य अकादमी अध्यक्ष विश्वनाथ तिवारी...
इंडियन एक्सप्रेस के रामनाथ गोयनका जब प्रभाष जोशी को संपादक बनाने के लिए दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में उन से मिलने के लिए अचानक पहुंचे तो प्रभाष जी के पास गोयनका जी को...
दयानंद पांडेय। एबीपी न्यूज़ और पुण्य प्रसून वाजपेयी पर जो गाज गिरी है , वह तो गिरनी ही थी। बकरी कब तक खैर मनाती भला । अफ़सोस है और गहरा दुःख है इस सब...
केवल आसाम में नहीं बल्कि पूरे भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों का अच्छा खासा संख्याबल है! और यह संख्या बल एकत्रित होकर हिंसा पर उतारू हो जाता है! ज्यादा पुरानी घटना नही ही पिछले एक...