अर्चना कुमारी। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI ) को प्रतिबंधित कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने इसे आधिकारिक गजट में भी प्रकाशित किया है और सूत्रों का दावा है कि पीएफआई को बैन करने की तैयारी पहले ही शुरू हो गई थी, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने यह आदेश जारी कर दिया। लगातार छापेमारी के बाद अब गृह मंत्रालय ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल का बैन लगा दिया है।

PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया। टेरर लिंक को लेकर यह कार्रवाई की गई है। कई राज्यों ने केंद्र सरकार से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
गौरतलब है कि ईडी और एनआईए के पहले राउंड की छापेमारी में 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 लोगों को अरेस्ट किया गया। केंद्र सरकार का कहना है कि इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI ) पर मंगलवार को छापों का दूसरा दौर चला । टेरर फंडिंग और उससे जुड़ी गतिविधियों के आरोप में महाराष्ट्र समेत दिल्ली , यूपी , एमपी , कर्नाटक , गुजरात और असम की पुलिस ने अपने यहां PFI के ठिकानों पर छापे मारे ।

हिरासत में लिए गए लोगों के पास से 250 से ज्यादा मोबाइल फोन , लैपटॉप और अन्य डिवाइसेज समेत कई दस्तावेज कब्जे में लिए गए । जांच एजेंसियों ने एक साथ करीब 9 से अधिक राज्यों में छापेमारी करके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, मोबाइल फोन तथा डायरी आदि आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की । दिल्ली के तो चर्चित जामिया नगर में धारा 144 लागू कर दी गई है। यहां दो महीने तक चार या उससे ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है।

जामिया यूनिवर्सिटी ने सर्कुलर जारी करके छात्रों से एक साथ एकत्रित होने से मना किया है। सूत्रों का दावा है कि छापेमारी के दौरान महाराष्ट्र से 15, कर्नाटक के कोलार से 6 और असम से 25 PFI कार्यकर्ताओं को पकड़ा गया । इसके अलावा दिल्ली से करीब 30 लोगों को हिरासत में रखा गया है जबकि अन्य राज्यों में भी गिरफ्तारी की गई है ।

इसी तरह उत्तर प्रदेश ATS ने मंगलवार सुबह गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर में छापेमारी कर 16 लोगों को उठाया । गाजियाबाद से 12, मेरठ से 3 और बुलंदशहर से 1 संदिग्ध को पकड़ा गया जबकि सूत्रों का दावा है कि है PFI का नेटवर्क पूरे देश में फैल चुका है। इनके मध्य प्रदेश, बिहार और केरल सहित ज्यादातर राज्यों में सिमी से जुड़े होने के भी सबूत मिले हैं।महाराष्ट्र के औरंगाबाद, जालना, सोलापुर और परबनी में जांच एजेंसियों की छापेमारी जारी है। जांच एजेंसी ने मालेगांव से PFI चीफ मौलाना इरफान नदवी और एक्टिविस्ट इकबाल को गिरफ्तार किया।
महाराष्ट्र ATS ने औरंगाबाद से 8 लोगों को गिरफ्तार किया । वहीं, ठाणे क्राइम ब्रांच ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो लोगों को मुंब्रा से, एक को कल्याण से और एक आरोपी को भिवंडी से गिरफ्तार किया गया । चारों ही PFI के एक्टिव मेंबर हैं। पुणे और मुंबई से भी PFI कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियां हुई हैं। पुणे पुलिस ने कोंढवा इलाके से SDPI और PFI से जुड़े 6 लोगों को हिरासत में लिया गया।
मध्यप्रदेश ATS ने भोपाल, उज्जैन, इंदौर समेत 8 जिलों में PFI सदस्यों के ठिकानों पर रेड की । जांच एजेंसी ने लगभग 22 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। असम पुलिस कामरूप ग्रामीण से 5, गोलपाड़ा से 10, करीमगंज से 1, उदलगुड़ी से 1, दरंग से 1, धुबरी से 3, बारपेटा से 2 लोगों को गिरफ़्तार किया है । अहमदाबाद, बनासकांठा और नवसारी के पास से 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
इसके अलावा कुछ अन्य राज्यों में भी गिरफ्तारी की गई है सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि 20 राज्यों और 100 से ज्यादा शहरों में PFI का नेटवर्क है और इससे बहुत भारी संख्या में लोग जुड़े हुए हैं जबकि PFI को खाड़ी देशों और बड़े मुस्लिम कारोबारियों से चंदा मिल रहा है।पकड़े गए लोगों के पास से मिले दस्तावेज आधार पर कहा जा सकता है कि सारे लोग गजवा ए हिंद के लिए हिन्दुस्तान की सत्ता हासिल करना चाहते हैं।
बरामद दस्तावेज में लिखा मिला कि 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा, तब तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना इनका मुख्य लक्ष्य है। इस दस्तावेज में ये भी लिखा है कि 10% मुस्लिम भी साथ दें, तो कायरों को घुटनों पर ला देंगे। गौरतलब है कि बिहार में कुछ माह पहले जब पीएफआई के नेटवर्क से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया था तब उनसे भी पूछताछ के बाद ही देशव्यापी एक्शन लिया जा रहा है ।
बिहार पुलिस ने 11 जुलाई को बिहार शरीफ में अतहर परवेज को गिरफ्तार किया, तो पता चला कि वह पहले प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का सदस्य रहा है। उसने वहीं किराए के मकान में कई राज्यों से आए लोगों को ट्रेनिंग भी दी है। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि PFI के हजारों सदस्य खाड़ी देशों में एक्टिव हैं, जो संगठन के लिए धन जुटाने का काम करते हैं।
इन पैसों को अबू धाबी के एक रेस्तरां से मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए भारत भेजा जाता था। प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि PFI ने मनी लॉड्रिंग के जरिए पिछले साल 120 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
PFI का दावा था कि ये पैसे देशभर में दान से जुटाए गए हैं, जबकि ED की जांच में पता चला कि संगठन ने फर्जी दान रसीद बनाकर भारत में मनी लॉड्रिंग से धन जुटाया और अधिकारियों को गुमराह किया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी और प्रवर्तन निदेशालय पूरे मामले को अपने देखरेख में चलाते हुए विभिन्न राज्यों की पुलिस से देशव्यापी छापेमारी के लिए सहयोग मांगा था और आगे भी विभिन्न एजेंसियों का एक्शन पीएफआई के खिलाफ जारी रहेगा।
इन मामलों में PFI की भूमिका की जांच कर रही NIA
- पटना -फुलवारी शरीफ में गजवाएहिन्द स्थापित करने के लिए बड़ी साजिश हो रही थी, जिसमें NIA ने हाल ही रेड भी की थी.
- तेलंगाना निजामाबाद में कराटे ट्रेनिंग के नाम पर PFI हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहा है. NIA में इस मामले में भी छापा मार चुका है.
- कर्नाटक प्रवीण नेत्तरू हत्या मामले में PFI कनेक्शन सामने आया था. जिसमे NIA जांच कर रही है.
- हिजाब विवाद और हाल के हुए प्रदर्शन के दौरान PFI के फंडिंग के रोल पर भी जांच हुई थी.
- नागरिकता कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में हिंसा हुई जिसमें PFI से जुड़े आरोपियों के यहां से आपत्तिजनक सामग्रियां, साहित्य ससीडी मिले थे जिसको आधार बनाकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नामक संगठन को बैन करने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार ने भेजा था.