भला राष्ट्र का कर सकता था , हिंदू – राष्ट्र बना सकता था ;
जो भी चाहे कर सकता था , पूरा – पूरा बहुमत था ।
जाने कितना कमजोर बन गया ? जैसे मिट्टी का माधो हो ;
कैसे नाच रहा बंदर सा ? जैसे कोई कठपुतला हो ।
भारत में जंगलराज चल रहा , उसको और बढ़ाता जाता ;
हिंदू- मंदिर को लूट- लूट कर , जजिया में लुटवाता जाता ।
क्यों इतना डरता रहता है ? क्यों हरदम पूंछ हिलाता है ?
शांतिप्रिय होते हैं हिंदू , क्यों उनका गला कटाता है ?
सर्वश्रेष्ठ है धर्म- सनातन , पर ये मंदिर तुड़वाता है ;
शिव-परिवार के मंदिर तुड़वाकर , गलियारा बनवाता है ।
गजनी – गौरी का काम अधूरा , ये पूरा करवाता है ;
भारत भर में जगह-जगह , कितने मंदिर तुड़वाता है ?
हिंदू को कितना छेड़ रहा है ? क्या धर्म नष्ट करवायेगा ?
इसकी हरकत से यही लग रहा, गजवायेहिंद करायेगा ।
भोला-भाला इतना है हिंदू , अब तक इसे समझ न पाया ;
पर धन्य धन्य हो सोशल मीडिया,उसने सत्य सत्य बतलाया
सही सूचना पाकर हिंदू , सोते से अब जाग चुका है ;
अब चुनाव में क्या करना है ? यह भी हिंदू ठान चुका है ।
शांति-व्यवस्था और सुरक्षा , हिंदू- राष्ट्र ही दे सकता है ;
अब्बासी – हिंदू जो नेता , हिंदू को ही मरवा सकता है ।
हिरण के जैसे निरीह जीव को , चीता लाकर मरवायेगा ;
क्या आतंकी बर्बर – हत्यारों से ? भारतवर्ष मिटायेगा ।
हिंदू को जीवित रहना है और भारतवर्ष बचाना है ;
इसका केवल एक मार्ग है , हिंदू – राष्ट्र बनाना है ।
केवल कट्टर – हिंदू नेता ही , हिंदू – राष्ट्र बना सकता है ;
हिंदू का ब्रह्मास्त्र है “नोटा”, निश्चय ही जीत दिला सकता है।
आने वाले जितने चुनाव हैं , हिंदू को इसे चलाना है ;
केवल कट्टर-हिंदू को ही , देकर वोट जिताना है ।
किसी भी दल का या निर्दल हो , कट्टर-हिंदू ही जिताना है ;
सारे दल हैं पाप के दलदल , इनसे हमें निकलना है ।
कट्टर-हिंदू प्रत्याशी न हो, तब सबको ही “नोटा” करना ;
कायर , कमजोर , भ्रष्ट – प्रत्याशी , इन्हें जीतने न देना ।
हिंदू का ब्रह्मास्त्र है “नोटा”, अब्बासी-हिंदू पर इसे चलाओ ;
हमको “रामराज्य” पाना है , देश को “हिंदू-राष्ट्र” बनाओ ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”