अर्चना कुमारी। पीएफआई के टेरर फंडिंग को लेकर दिल्ली में ताबड़तोड एक्शन किया गया। देशव्यापी छापेमारी के दौरान दिल्ली में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर एनआईए व दिल्ली पुलिस समेत अन्य दूसरी एजेंसियों का शिकंजा कसा और करीब 30 लोग हिरासत में लिए गए। दिल्ली के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र शाहीनबाग, जामिया नगर और निजामुद्दीन समेत आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर एनआईए व दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी की।
इस अभियान में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच, स्पेशल ब्रांच और लोकल पुलिस के अलावा एनआईए ने अलग-अलग स्थानों से कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद किया सूत्रों का कहना है कि दबोचे गए अधिकांश का पीएफआई से सीधा संबंध है । पुलिस की टीम ने आरोपियों के ठिकानों से भारी मात्रा में दस्तावेज, मोबाइल व दूसरा सामान बरामद किया है।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि अचानक हुई छापेमारी के बाद तनाव का माहौल मुस्लिम बहुल इलाकों में कायम हो गया है जबकि एनआईए, पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की गहमा-गहमी के बीच जामिया नगर और शाहीनबाग एरिया में पुलिस वालों की तैनाती सुनिश्चित कर दी गई है । यहां रहने वाले कुछ लोगों ने तो एरिया में कर्फ्यू लगा होने तक की अफवाह उड़ा दी। बाद में पता चला कि इलाके में कर्फ्यू नहीं धारा-144 लगी हुई है। बाद में इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस को अधिकारिक बयान देना पड़ा जिसमें कहा गया कि दिल्ली पुलिस हालात को देखते हुए एरिया में धारा-144, 19 सितंबर को ही लगा दी गई थी।
इसका मंगलवार हुई छापेमारी से कोई लेना देना नहीं है। इनमें से ओखला तथा आसपास एरिया में 60 दिन के लिए 144 को लगाया गया है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि शाहीनबाग व जामिया नगर के अलावा निजामुद्दीन, रोहिणी, बाहरी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली व उत्तरी दिल्ली में भी इसी तरह की छापेमारी की गई। सूत्रों का कहना था कि पीएफआई पर एक्शन के बाद से दिल्ली का माहौल खराब होने की आशंका बढ़ गई थी। इसको देखते हुए ही 19 सितंबर से अगले 60 दिनों के लिए धारा-144 लगा दी गई थी।
मंगलवार हुई छापेमारी के बाद हालात को देखते हुए अर्द्धसैनिक बलों की कई कंपनियों को एरिया में तैनात कर दिया गया है। पीएफआई पर हुए एक्शन को देखते हुए जामिया मिलिया विश्वविद्यालय ने कैंपस के आसपास भीड़ जुटाने और विरोध प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक सर्कुलर जारी कर दिया।
छात्रों को हिदायत दी गई है कि वह कैंपस के बाहर व भीतर समूह बनाकर इकट्ठा न हो। आदेश का पालन न करने वाले छात्र पर विश्वविद्यालय एक्शन लेगा। इस छापेमारी की वजह बताते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना था कि खुफिया एजेंसियों से इनपुट मिले थे कि पीएफआई पर एक्शन के बाद दिल्ली का माहौल खराब किया जा सकता है।
इसी को देखते हुए लगभग पूरी राजधानी ही सुरक्षा व्यस्था को बढ़ा दिया गया। स्थानीय लोगों में भरोसा काम करने के लिए मंगलवार को दिन में जामिया नगर और शाहीन बाग इलाके में गश्त करने के अलावा फ्लैग मार्च भी निकाला गया। लोकल पुलिस लगातार एरिया की आरडब्ल्यूए के अलावा अमन कमेटी के लोगों के संपर्क में है। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की जा रही है।
लेकिन इस बीच मुस्लिम लोग सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने से भी बाज नहीं आए और उन लोगों का कहना था कि बदनाम करने की नीयत से ऐसा किया जा रहा है। जो लोग देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं, उन पर पुलिस अवश्य कार्रवाई करे लेकिन बाकी लोगों को परेशान न होने दे।