पहले पत्रकारों के लिए प्रेस्टीच्यूट शब्द का उपयोग घिनौना लगता था, लेकिन अब कुछ पत्रकारों की हरकत को देखकर लगने लगा है कि उसके लिए यही शब्द सर्वथा उचित है। बात बरखा दत्त के न्यूज चैनल लाने से पहले, नहीं लाने के लिए मिल रही धमकी तथा सरकार को बदनाम करने के लिए उसके प्रोपगेंडा चलाने की हो रही है। बरखा दत्त ने अपने एक साक्षात्कार में कहा है कि एक भाजपा नेता ने उसे अपना न्यूज चैनल नहीं लाने की धमकी दी है। इतना ही नहीं उसने बदनाम करने, परिवार को नुकसान पहुंचाने और यहां तक कि जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है। बरखा ने तो यहां तक कह दिया है कि यदि उसे या उसके परिवार के साथ कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए भाजपा जिम्मेदार होगी।
Received chilling veiled threats and "messages" from powerful people in the Establishment today that my family and I are under surveillance – and that I will be smeared & maligned to stop me from starting any new projects. Was advised to get my house debugged. Is this my country?
— barkha dutt (@BDUTT) June 7, 2018
मुख्य बिंदु
* मोदी सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से ही बरखा दत्त न्यूज चैनल लाने का किया प्रोपगेंडा
* धमकी देने वाले भाजपा नेता का नाम उजागर क्यों नहीं कर रही बरखा दत्त, पुलिस में क्यों नहीं की शिकायत?
* पहले भी कई नए वेंचर लॉन्च करने का किया था ऐलान, आखिर क्यों उनके साझीदारों ने कर लिया किनारा?
यहां सवाल यह नहीं है कि उसे क्या धमकी मिली? सवाल ये है कि क्या वह न्यूज चैनल वाकई लाना चाहती है? अगर हां तो अभी तक उसने इसके लिए क्या किया है? दूसरा सवाल ये है कि धमकी के खिलाफ उसने शिकायत क्यों नहीं की? तीसरा सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह कि न्यूज चैनल लाने के बजाय केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ बदनाम करने का उसका प्रोपगेंडा तो नहीं?
जो अपनी महत्वाकांक्षा के लिए देश को बदनाम करने तक से बाज न आए उसके लिए सरकार को बदनाम करना क्या बड़ी बात है? देश में पत्रकारों का एक ऐसा वर्ग है जो मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए फेक न्यूज से लेकर हर वो हथकंडा अपना रहा है जो पत्रकारिता के लिहाज से बिल्कुल अनैतिक है। बरखा दत्त उसमें से ही एक पत्रकार है जो सरकार को बदनाम करने के प्रोपगेंडा के तहत फेक न्यूज फेंकती रहती है।
अगर उसे किसी भाजपा नेता ने न्यूज चैनल नहीं लाने, लाने की सूरत में उसे बदनाम करने, उसके परिवार को नुकसान पहुंचाने तथा उसे जान से मारने की धमकी दी है तो उसने अभी तक पुलिस में उसकी शिकायत क्यों नहीं की है? मालूम हो कि उसने सूचना एवं प्रसारण मंत्री राजवर्धन सिंह राठौड़ का नाम जोड़ते हुए एक ट्वीट भर कर दिया है। जबकि इसके लिए गृह मंत्रालय से संपर्क करना चाहिए। इस मामले में उन्होंने अपने एक ट्वीट में फिर से देश पर सवाल खड़ा किया है।
I hope @Ra_THORe as I& B Minister takes notes of chilling threats conveyed to me on the plans within on how to stop me from working in TV news. And if the government is tapping my phones and bugging my house- it is grossly illegal and a violation of my privacy. Thank you.
— barkha dutt (@BDUTT) June 7, 2018
बरखा दत्त ने न्यूज चैनल नहीं लाने को लेकर धमकी मिलने की बात कही है। जबकि सूत्रों का कहना है कि बरखा दत्त कोई न्यूज चैनल ला ही नहीं रही, क्योंकि न्यूज चैनल लाने के लिए जो सरकारी काम-काज होते हैं वह अभी तक कहीं शुरू ही नहीं हुआ है। उसने अभी तक किसी उपयुक्त सरकारी दफ्तर में इसके लिए कोई कागज तक जमा नहीं किया है। अब सवाल उठता है कि न्यूज चैनल लाने का प्रोपगेंडा क्यों? दरअसल बरखा दत्त जैसे पत्रकार मोदी सरकार को बदनाम करने का ठेका ले रखा है, वह चाहे खुद को गिरा कर ही क्यों न किया जाए? इससे वह दिखाना चाहती है कि यह सरकार कितनी असहिष्णु है कि अपने विरोधी आवाज को दबाने पर तुली हुई है।
बरखा ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि वह खुद न्यूज नहीं बनना चाहती थी इसलिए अभी तक इस मसले को नहीं उठाया। सवाल उठता है कि तो फिर अब क्यों उठा रही हैं ? न्यूज तो वह हमेशा से ही बनती आ रही है। इससे पहले भी करीब तीन चार नए वेंचर लॉन्च करने की घोषणा कर चुकी हैं। एक आध की तो गाने-बाजे के साथ शुरुआत भी की थी। लेकिन आखिर क्या माजरा रहा कि उनके सारे साझीदारों ने उनसे किनारा कर लिया?
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प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अभियान तेज करने के लिए बरखा दत्त लेकर आ रही है न्यूज चैनल?
URL: Before launching channel, Barkha Dutt started propaganda news against Modi Government
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