बेंगलुरु में मंगलवार रात हुई हिंसा के बाद बुधवार को अमूमन शांति रही। लेकिन सड़कों पर कई जगह हिंसा के निशान साफ देखे जा सकते हैं। कई गाड़ियां जला दी गईं। हिंदुओं के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट हुई।
कर्नाटक की राजधानी का डीजे हल्ली, केजी हल्ली ,पुलकेशीनगर क्षेत्र हिंसा के बाद किसी युद्ध मैदान जैसा दिखाई पड़ रहा है। कांग्रेस के एक दलित विधायक के भांजे द्वारा कथित तौर पर सोशल मीडिया पर लिखे एक पोस्ट के बाद उग्र भीड़ ने जमकर बवाल काटा।
सूत्रों की माने तो बेंगलुरु का दंगा सुनियोजित था। मुस्लिम चरमपंथी कांग्रेसी के दलित विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति की हत्या करना चाहते थे। ‘भीम-मीम’ का नारा लगाने वाले दलित विधायक पर हुए हमले के बाद चुप्पी ओढ़कर बैठे हैं।
वहीं मुस्लिम तुष्टिकरण में अंधी हो चुकी कांग्रेस ने अपने ही दलित विधायक को अकेला छोड़ दिया है। बात-बात में ट्वीट और बयानबाजी करने वाले राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और सोनिया गांधी समेत सभी कांग्रेसी चुप हैं कि कहीं बोलने पर मुस्लिम वोट न खिसक जाए!
जानकारों के मुताबिक आमतौर पर शांत शहर माने जाने वाले बेंगलुरु में मंगलवार रात को अचानक दंगा नहीं भड़का बल्कि मुस्लिम लोगों को सोशल मीडिया के जरिए मैसेज भेज कर दलित विधायक को उनके ही घर में जला देने की प्लानिंग की गई थी। यह तो शुक्र था कि जिस समय विधायक के घर हमला हुआ, उस वक्त उनका परिवार घर पर मौजूद नहीं था। लेकिन बेकाबू दंगाइयों ने गाड़ियां जला दी और सभी कीमती सामान लूट लिया ।
कर्नाटक सरकार के रेवेन्यू मिनिस्टर आर. अशोक का कहना है कि हमलावर चाहे जो हों, चाहे जहां छिपे हों। हम उन्हें खोज निकालेंगे। उनका आरोप है कि दंगाई कांग्रेस विधायक की हत्या करना चाहते थे। जिस तरह से दंगा भड़का, उससे साफ हो जाता है कि इसके लिए गहरी साजिश रची गई थी। दंगाई शहर के दूसरे हिस्सों में आग फैलाना चाहते थे। जिस तरह से मूर्ति के घर तोड़फोड़ और लूटपाट हुई, उससे साफ हो जाता है कि हमलावर मूर्ति को मारने के इरादे से आए थे। हम पता लगा रहे हैं कि साजिश रचने वाले लोग राज्य के हैं या बाहर से आए थे। लेकिन, वे चाहे जहां छिपे हों, हम उन्हें खोज निकालेंगे।
एक और मंत्री सीटी रवि का कहना है कि दंगे पूर्व नियोजित थे। पेट्रोल बम और पत्थरों का इस्तेमाल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया। 300 से अधिक वाहनों को फूंक दिया गया जबकि थाने में आग लगा दी गई । हम संदिग्धों को जानते हैं लेकिन जांच के बाद ही तस्दीक होगी। हम उत्तर प्रदेश के योगी सरकार की तर्ज पर दंगाइयों से ही नुकसान की भरपाई करवाएंगे।
पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि इस हिंसा में मुस्लिम चरमपंथी संगठन PFI और SDPI का हाथ है। दिल्ली दंगे में भी यही मुस्लिम चरमपंथी संगठन शामिल थे।
इस घटना से दलित विधायक मूर्ति अब तक डरे हुए हैं । कांग्रेस विधायक मूर्ति ने सरकार से सुरक्षा मांगी है। उनके घर पर तीन हजार लोगों ने पेट्रोल बम और घातक हथियारों से हमला किया। उनके अनुसार, मैं 25 साल से इस मुस्लिम बहुल इलाके में रह रहा हूं, लेकिन इस तरह की घटना पहली बार हुई जबकि हिंसा भड़काने वाली कथित फेसबुक पोस्ट के आरोपी नवीन से उनके परिवार का करीब 10 साल से कोई संबंध नहीं है। ।
उन्होंने कहा पुलिस को मामले की जांच करनी चाहिए और दोषियों को खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर एक विधायक के साथ ऐसा हो सकता है तो दूसरों का क्या होगा।
विधायक की बहन जयंती ने रोते हुए कहा कि जब यह सब हुआ तब हम घर पर नहीं थे। राहत की बात यही है कि मेरा भाई और उनका परिवार सुरक्षित है।
इस बीच कर्नाटक सरकार ने बुधवार को फैसला किया कि शहर में हुई हिंसा की जांच एक जिलाधिकारी से कराई जाएगी। गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि सरकार ने हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुआ नुकसान वसूलने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘ऐसी स्थिति के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशानिर्देश हैं, उसके अनुसार जिला कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा जांच कराई जाएगी। बोम्मई ने कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
इस मामले पर भाजपा ने कांग्रेस को घेरा है। भाजपा महासचिव बीएल संतोष ने कहा- कांग्रेस के अपने और दलित विधायक के घर हमला हुआ, लेकिन कांग्रेस चुप है। क्या वो तुष्टिकरण कर रही है? या कुछ लोगों को दंगों का अधिकार देने का समर्थन कर रही है?
भाजपा की स्थानीय सांसद शोभा करंदलजे कांग्रेसी विधायक मूर्ति के घर गईं। बाद में कहा- ये पीएफआई और एसडीपीआई की साजिश है। सिर्फ हिंदुओं के घरों को निशाना बनाया गया है। किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।
इस बारे में भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को पत्र लिखा है। सूर्या ने अपने पत्र में लिखा है कि मैं मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से अपील करता हूँ, दंगाइयों को चिन्हित करके इनकी संपत्ति जब्त की जाय ताकि जो सार्वजानिक सम्पत्ति को नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जा सके। इसके लिए सूर्या ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का उदाहरण दिया है।
मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करने वाली कांग्रेस के प्रमुख डी. के. शिवकुमार ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए और हम कानून के तहत की जा रही हर कार्रवाई में सरकार को पूर्ण समर्थन का आश्वासन देते हैं। उन्होंने कहा, सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया जाना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने ट्वीट में कहा मैं हिंसा और लोगों को उकसाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट की निंदा करता हूं। उन्होंने कहा, ‘मैं इलाके में रहने वाले हिंदू और मुस्लिम दोनों से संयम बरतने और शांति कायम रखने की अपील करता हूं ।
इस घटना को लेकर एक ट्यूट खूब वायरल हो रहा है और वह है फिल्म अभिनेता जीशान अय्यूब का जिनका कहना है कि पूरा देश जाहिल लोगों से भर गया है क्या? वैसे यह कलाकार भी मुस्लिम चरमपंथी विचारधारा को ही सपोर्ट करता रहा है। इस घटना को लेकर पाकिस्तान ने भी टिप्पणी की है। उसकी प्रतिक्रिया आग में घी डालने जैसी है।
उधर बेंगलुरु पुलिस ने हिंसा भड़काने के आरोप में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी एसडीपीआई नेता मुजामिल पाशा को गिरफ्तार किया है।
मुजामिल पाशा ने ही पैगंबर साहब को लेकर एक कथित पोस्ट की वजह से भीड़ इकट्ठा की और हिंसा को भड़काने का काम किया।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी कि एसडीपीआई इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का राजनीतिक संगठन है। और उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात है कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जब दिल्ली में दंगे हुए तो इसमें भी इसी संगठन यानी पीएफआई का ही नाम सामने आया था। इतना ही नहीं, प्रवर्तन निदेशालय ने पीएफआई पर भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया था।