अर्चना कुमारी। मौसम बदलते ही बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। क्योंकि शरीर की इम्यूनिटी किसी न किसी वजह से कम होने लगती है, जिससे बीमार होने का अंदेशा होने लगता है।इसके अलावा दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से आजकल वायरल बुखार के काफी मामले सामने आ रहे है। पहले से डेंगू और चिकनगुनिया से भी खतरा बरकरार है।
ऐसे में खुद का बचाव करना बेहद जरूरी हो गया है। यह कहना है डॉक्टर राकेश महाजन का , जो दिल्ली के उत्तम नगर इलाके में महाजन हॉस्पिटल के संचालक हैं और करीब 40 साल से नियमित प्रैक्टिस में है। उन्होंने बताया कि बदलते मौसम में सेहत का बिगड़ना आम बात है, लेकिन सावधानियां रखी जाए तो स्वास्थ्य को लेकर होने वाली परेशानी से बचा जा सकता है। राकेश महाजन बताते हैं कि इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा गुनगुना पानी पीना चाहिए और गर्म पानी से गले को भी साफ रखना चाहिए।
ज्यादातर इस समय सर्दी, खांसी, बुखार से लोग परेशान होते हैं और उन्हें गला खराश की परेशानी होती है । लेकिन कभी-कभी सामान्य सी दिखने वाली बीमारियां भी थोड़ी सी लापरवाही के चलते जानलेवा साबित हो सकती है और ऐसे में डॉक्टर से समय रहते जरूर संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर राकेश महाजन का कहना है कि कई लोग खुद से इस तरह की बीमारी को छोटा समझ उपचार करना शुरू कर देते हैं जो गलत है और उन्हें दो दिन से ज्यादा बुखार रहने पर अवश्य किसी न किसी डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
उन्होंने बताया जब मौसम में बदलाव होता है तो अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया, वायरस आदि तापमान के अनुसार सक्रिय हो जाते हैं, जो शरीर पर आक्रमण करते हैं जबकि यदि शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होगा, तो आसानी से शरीर को कमजोर कर बीमार कर देगा । उनका कहना है इन दिनों चिकनगुनिया और डेंगू से भी अधिक खतरा होता है। इस वजह से दोनो का बचाव बेहद जरूरी है। डेंगू और चिकनगुनिया, दोनों ही मच्छर के काटने से होते हैं और जहां चिकनगुनिया जीनस अल्फावायरस के कारण होता है, वहीं डेंगू जीनस फ्लेवीवायरस की वजह से होता है।
दोनों का शुरुआती लक्षण बुखार ही होता है लेकिन समय पर उपचार से दोनो से बचा जा सकता है। डॉक्टर राकेश महाजन ने बताया डेंगू होने पर बुखार के साथ-साथ आंखें लाल हो जाती हैं, वहीं त्वचा का रंग हल्का लाल हो जाता है। कई बार खून की रिसाव भी होता है। इस रोग में रोगी के मुंह का स्वाद भी बदल जाता है। वहीं, उल्टी आना, बेहोशी होना और चक्कर आने की समस्या भी हो सकती है और इस बुखार में शरीर का तापमान अचानक 104 डिग्री हो जाता है लेकिन घबराने की बात नहीं है सिर्फ समय पर उपचार शुरू की जाने के बाद खतरा टल जाता है।
इस बीमारी को लेकर खून में प्लेटलेट्स का ध्यान रखना अहम होता है और डेंजर जोन में पहुंचने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। उन्होंने बताया एक स्वस्थ व्यक्ति नियमित तौर पर हेल्थ चेकअप तथा साफ सफाई का ध्यान रखते हुए खाने-पीने में पौष्टिक आहार ले तो बीमारी से बचा जा सकता है। उनके अनुसार जब से करोना आया है तब से अत्यधिक भीड़ में भी जाने से बचना चाहिए क्योंकि भीड़ में बीमार होने का खतरा अधिक होता है।