पतंजलि के द्वारा कोल्हू से निकाले सरसों के तेल के ऊपर अनुसंधान किया गया, जिससे यह प्रमाणित हुआ कि सिर्फ परम्परागत लकड़ी के कोल्हू से निकाला हुआ
सरसों का तेल कैंसर से बचाने के साथ-साथ कैंसर को ठीक करने में भी मदद करता है।
यह हम नहीं कह रहे अपितु विश्व प्रसिद्ध रिसर्च जर्नल ‘फूड केमिस्ट्री (Food Chemistry)’ में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार कोल्हू से निकाले हुए सरसों के तैल में ऑउरेन्टियामाइड एसीटेट (Aurantiamide Acetate) नामक एन्टी कैंसर कम्पाउण्ड पाया जाता है।
भारतवर्ष में पतंजलि ही वह नाम है जो अपनी पुरातन सनातन संस्कृति को आधुनिक विज्ञान सम्मत स्थापित करने के लिए कृत संकल्पित है।
भारतीय सनातन परम्परा प्रकृति अनुकूल विकास व सहज सरल जीवनशैली की पोषक व उसकी संवाहक थी।
सदियों पुरानी कोल्हू से तेल निकालने की परम्परा न केवल वैज्ञानिक है अपितु यह प्रकृति की रक्षा भी करती है। साथ ही, कुटीर उद्योग के माध्यम से अधिसंख्यक लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा और सड़कों पर दर-दर ठोकरें खाते हुए, विचरण करते हुए गोवंश आधारित उद्योग को पुनर्स्थापित किया जा सकेगा।https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S0308814624005193