अर्चना कुमारी । |यदि आप नौकरी पाने के इच्छुक हैं तो सावधान हो जाइए अन्यथा ठगी के शिकार हो सकते हैं। दरअसल पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो नामी जॉब पोर्टल और वेबसाइट से बेरोजगार युवाओं का डाटा खरीदकर उनको नौकरी दिलवाने का झांसा देकर ठगी करता था। पुलिस का दावा है कि रैकेट में शामिल गैंग सरगना समेत कुल सात आरोपियों को पकड़ा गया है और इन लोगों तिलक नगर इलाके में फर्जी कॉल सेंटर खोला हुआ था। पुलिस का कहना है कि पिछले महज कुछ दिनों में आरोपियों ने करीब 150 लोगों से 20 लाख से अधिक की रकम ठग ली।
आरोपियों के पास आठ कॉलिंग डिवाइस, दो लैपटॉप, चार बैंक डेबिट कार्ड और अन्य सामान बरामद किया है। आशंका है कि इन लोगों ने देशभर के कई सौ लोगों को ठगी का शिकार बनाया। । इस गैंग का खुलासा तब हुआ जब सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल पर प्रतिज्ञा चड्डा नामक युवती ने ठगी की शिकायत दी थी। पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने www.shine.com पर अध्यापक की नौकरी के लिए अपना बायोडेटा भेजा था।
लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसके मोबाइल पर कॉल आई और कॉलर ने खुद को डीपीएस स्कूल से बताकर उसका बायोडेटा नौकरी के लिए शार्टलिस्ट होने की बात की। इसके बाद कॉलर ने पीड़िता को एक लिंक www.dpsjobs.in भेजकर उस पर 100 रुपये ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन के लिए भेजने की बात की। पीड़िता को हैरानी तब हुई जब उसने लिंक खोलकर उस पर रुपये डालने का प्रयास किया, इस दौरान उसके खाते से 30 हजार रुपये कट गए। इसके बाद आरोपी का मोबाइल अचानक बंद हो गया।
शिकायत मिलने के बाद शाहदरा जिला साइबर सेल थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और जांच कार्रवाई करते हुए इस रैकेट का पर्दाफाश किया। जांच टीम ने ने सबसे पहले उस नंबर की जांच की जिससे कॉल आई थी। उसके बाद जिन खातों में रुपये गए थे, उनकी जांच करते हुए पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई। इस रैकेट को लेकर गैंग सरगना हेमंत कोहली (29) और टेलीकॉलर विनय कुमार (31), दीपाली (21), प्रियंका (20), श्वेता (20), शिवकांति (22) और समृति (19) को गिरफ्तार किया गया है ।
आरोपी ने बताया कि उसने फर्जी आईडी पर बैंक अकाउंट खोले हुए हैं। उसमें ठगी की रकम ट्रांसफर कर निकाली जाती है। गैंग सरगना हेमंत कोहली पहले भी हिमाचल प्रदेश में इसी तरह के अपराध के लिए गिरफ्तार हो चुका है। आरोपी जॉब दिलाने वाली वेबसाइट से बेरोजगार युवाओं का पांच दिन का डाटा 10 हजार में खरीदता था।
इसके बाद उन नंबरों पर कॉल कर लोगों को लिंक शेयर कर उसमें रजिस्ट्रेशन फीस के रुपये डालने के लिए कहा जाता था। आरोपी हेमंत ने कई फर्जी वेबसाइट जैसे www.dpsjobs.in की तरह अलग-अलग कंपनियों की कई वेबसाइट बनाई हुई है। बायोडेटा के आधार पर पीड़ित को उसी कंपनी का लिंक भेजा जाता था। लिंक शेयर करने के बाद नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर 100 रुपये डालने की बात की जाती थी। असल में यह लिंक मोबाइल के लिए एनीडेस्क का होता था। लिंक के जरिये पीड़ित के रुपये डालते ही आरोपी उसका पासवर्ड और कार्ड की डिटेल देखकर रकम निकाल लेते थे।