अर्चना कुमारी। भारतीय परंपरा दो परिवारों में रिश्ता बड़े बूढ़े की पहल से संपन्न होती रही है लेकिन समय बदला अब यह भूमिका कथित तौर पर मैट्रिमोनी साइट निभाने का दावा करता है परंतु किसी का रिश्ता यहां से शादी के बाद कितनी देर टिकती यह पिछले कुछ वर्षों में मैट्रिमोनी साइट पर फ्रॉड का रेशियो देखकर पता चलता है। यहां फ्रॉड का अनुपात 80 :20 का हो गया है यानी 20% फ्रॉड लोग मैट्रिमोनी साइट पर हैं जो अपनी जानकारी छुपा कर शादी करते हैं।
अभी इसका ताजा शिकार उत्तर प्रदेश की तेज तर्रार पुलिस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर हुई है और कुछ दिनों पहले तो एक महिला अधिकारी को मौत की नींद सुला दिया गया। क्योंकि उन्होंने एक शातिर से अनजाने में शादी की थी। शामली में तैनात डिप्टी एसपी श्रेष्ठा ठाकुर काफी ईमानदार तेज तर्रार पुलिस अधिकारी हैं इसके बावजूद वो मैट्रिमोनी साइट पर ठगी का शिकार हो गई। बताया जाता है श्रेष्ठा ठाकुर अपने लिए रिश्ता देख रही थी। मैट्रिमोनी साइट पर उन्हें एक रिश्ता पसंद आया जो किसी रोहित राज नामक युवक का था और वह अपने आप को 2008 बैच का आईआरएस ऑफीसर बताया था और रांची में तैनाती बताई थी।
श्रेष्ठा ठाकुर ज्यादा तहकीकात नहीं की और शादी के 15 दिन के बाद ही पता चला कि वह आईआरएस नहीं बल्कि ठग है और उसे युवक ने श्रेष्ठा ठाकुर को एक कानूनी मामला बताकर 25 लाख रुपए भी ठग लिए। फर्जी आईआरएस अफसर बनकर डिप्टी एसपी से रचाई गई शादी और हैरत की बात है तलाक के बाद भी पति बनकर कर रहा था धन उगाही। अब मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है। सूत्रो ने बताया मेट्रोमोनियल साइट्स के जरिए महिला पुलिस अफसर की शादी हुई थी। लेडी अफसर भी आंख मूंद कर शादी कर ली और उसने जिसके साथ जिंदगी बिताने का फैसला किया। उसके बारे में कोई छानबीन नही की।
विवाह के बाद हकीकत सामने आई तो महिला अधिकारी ने उससे तलाक ले लिया। लेकिन इसके बाद भी जालसाज खुद को उनका पति बताकर उनके नाम पर लोगों से धन उगाही करने में जुटा है। इससे परेशान होकर महिला अफसर ने गाजियाबाद में अब मामला दर्ज करवाई है। शामली जिले में तैनात तेज तर्रार डिप्टी एसपी श्रेष्ठा ठाकुर के साथ यह घटना हुई हैं। उनके मुताबिक 2018 में नवादा के रहने वाले रोहित राज से उनकी शादी मेट्रोमोनियल साइट के जरिए हुई थी। रोहित ने खुद को 2008 बैच का आईआरएस अफसर बताया और रांची में बतौर डिप्टी कमिश्नर तैनाती बताई थी।
लेकिन श्रेष्ठा ठाकुर का कहना है कि रोहित राज नाम के दूसरे अफसर रांची में तैनात थे। उनके नाम का दूरुपयोग करके इसने रिश्ता किया था। शादी के बाद कुछ साल तक तो श्रेष्ठा ने समझौता करके उसके साथ जीवनयापन किया। लेकिन इसी बीच रोहित और उसके घरवाले उनसे मोटी रकम की डिमांड करते हुए प्रताड़ित करने लगे।बाद में हालात बहुत खराब होने पर तीन साल पहले श्रेष्ठा ने रोहित से तलाक ले लिया। उन्नाव की रहने वाली श्रेष्ठा गाजियाबाद में रहती हैं। उनकी मौजूदा पोस्टिंग शामली जिले में है। गाजियाबाद पुलिस को दी तहरीर में श्रेष्ठा ने बताया है कि रोहित ने तलाक के बाद भी उनका पीछा नहीं छोड़ा।
उनकी जिन जिलों में पोस्टिंग होती है रोहित वहां अपना ठिकाना बना लेता है। इसके बाद उनके नाम और पद का दुरुपयोग करके लोगों से धन उगाही करता है। वह लोगों को बताता है कि श्रेष्ठा का पति है। इसकी वजह से लोग उसके झांसे में आ जाते हैं। मौजूदा समय में उसने गाजियाबाद में अपना ठिकाना बना रखा है।
श्रेष्ठा के मुताबिक रोहित सफारी कार का काफिला लेकर चलता है। हाल ही में उसने गोंडा के एक नेता को सफारी में बांधकर घसीटने की धमकी दी। इसकी जानकारी पीड़ित ने उन्हें दी। इतना ही नहीं रोहित ने उनके बैंक अकाउंट से लाखों रुपये धोखाधड़ी करके निकाल लिए। अब उनके बेटे के नाम से सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर उनके नाम का दुरुपयोग कर रहा है। विरोध करने पर बेटे की हत्या करवाने की धमकी देता है। फिलहाल गाजियाबाद पुलिस ने श्रेष्ठा की तहरीर पर रोहित और उनके परिजनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है।पुलिस का कहना है,आरोपी पकड़ लिया गया है।
दूसरे मामले में मध्य प्रदेश शहपुरा में पदस्थ महिला एसडीएम निशा नापित शर्मा की कुछ माह पहले हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड का खुलासा हुआ तो हर कोई सन्न रह गया। उसकी हत्या किसी और ने नहीं बल्कि खुद उसके पति मनीष शर्मा ने की थी। ग्वालियर का रहने वाला मनीष पहले बस पर कंडक्टर का काम करता था। उसकी पहले से एक शादी हो चुकी थी, लेकिन वो ज्यादा समय तक टिक नहीं पाई और महज 6 महीने में ही पहली पत्नी से तलाक हो गया।
मनीष की इन हरकतों से उसके परिवार वाले भी परेशान थे जिसकी वजह से उसने अपना घर भी छोड़ दिया और जबलपुर चला गया।इस दौरान मनीष की मुलाकात निशा से मैट्रिमोनियल साइट के जरिए हुई। उसने खुद को आर्किटेक्ट बताकर शादी रचाई और फिर एसडीएम के ही पैसों से अपना खर्चा उठाने लगा। निशा के पैसों से ही उसने डीबी सिटी में किराये पर एक फ्लैट लिया। फिर एसडीएम निशा की हत्या कर दी।
बताया जा रहा है कि सिरफिरा मनीष पहले से ही आपराधिक प्रवृत्ति का है। पड़ोसियों के मुताबिक, मनीष यहां निशा और दो बच्चियों के साथ रहता था और वह खुद को जमीन कारोबारी बताता था। उसके पास एक कार भी थी। लेकिन फिलहाल जेल में है। पुलिस की तरफ से दावा किया गया कथित पति ने बीमा और बैंक रिकॉर्ड में ‘नॉमिनी’ नहीं बनाने पर बेरहमी से हत्या कर दी थी।
शादी के बाद निशा को भनक लगी कि मनीष के दूसरी और लड़कियों से अवैध संबंध चल रहे हैं, इसी के चलते उसने पति को अपने सर्विस रिकॉर्ड समेत दूसरे दस्तावेजों में नॉमिनी नहीं बनाना स्वीकार किया। बताते है हत्यारोपी छह घंटे तक शव के पास बैठा रहा और बाद में उसने खून से सने कपड़े और तकिया को वॉशिंग मशीन में धोकर सुखा दिया था। इस तरह और कई मामले है जो मेट्रोमोनियल साइट पर बिना जानकारी के बना रिश्ता टूट और बिखर रहा।