संदीप देव। अयोध्या राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला न ‘लेफ्ट-इस्लामिस्टों’ ने पढ़ा और न ‘राईट-संघिस्टों’ ने! यह भूमि सदा से भगवान राम की जन्मभूमि थी जहां आज रामलला विराजमान हो चुके हैं। परंतु दोनों जमात अपने-अपने स्वार्थ में इसे अभी भी ‘बाबरी मस्जिद’ साबित करने की होड़ ले रहे हैं!
यही कारण है कि पूरी दुनिया की ‘लेफ्ट-इस्लामिस्ट’ बिरादरी जहां बाबरी के लिए चीत्कार और रूदन कर भारत में दंगे की पटकथा लिख रहा है, बार-बार कह रहा है कि हम भविष्य में उस भूमि को लेकर रहेंगे, वहीं ‘राईट-संघिस्ट’ भी अपने वोट के लिए बाबरी ढांचे की सिद्ध हो चुकी अप्रमाणिकता को प्रमाणिक साबित करने के लिए बढ़-चढ़ कर बकवाद कर रहा है! अदालत के उस निर्णय को जिसमें उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि ‘उस जगह बाबर द्वारा किसी मस्जिद को बनाने का कोई प्रमाण नहीं है’; राईट-संघिस्ट बिना संपूर्ण जजमेंट पढ़े, न्यायधीशों पर ही हमला कर रहे हैं!
मूर्खो की दोनों जमातों, हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट दोनों का पूरा निर्णय बढ़ो। मुस्लिम पक्षकार कभी यह साबित ही नहीं कर पाया कि वह एक मस्जिद थी, जिसे बाबर या उसके सेनापति मीर बांकी ने बनवाया था! न्यायाधीशों ने अपने निर्णय में इसे स्पष्ट लिखा है। अतः दोनों जमात के जड़ बुद्धि वालों मत करो अपनी मूढ़ता में घृणा का धंधा!
अदालत में हिंदू पक्ष आरंभ से ही उसे मंदिर मानकर केस लड़ता रहा है। यही कारण है कि मुस्लिम पक्ष पर आरंभ से ही उसे ‘बाबरी मस्जिद’ साबित करने का दबाव आ गया और आखिर तक वह इसे साबित नहीं कर पाया, जबकि हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए 90 दिन में से 50 दिन केवल मुस्लिम पक्ष को बहस करने के लिए मिला, लेकिन वह ‘बाबरी का वजूद’ साबित नहीं कर पाया और आज सड़क से इंटरनेशनल मीडिया तक रोदन कर रहा है!
राम मंदिर जिस जन्म भूमि पर बना है, वह सदा से एक मंदिर था, जिसे औरंगजेब ने तोड़ा और उसके बाद से लगातार हिंदुओं के संघर्ष के कारण कभी उसमें नमाज नहीं हुआ। नवाब और अंग्रेजी शासन में सरकारी प्रश्रय में शुक्रवार को नमाज पढ़वाने का प्रयास किया गया, परंतु वहां भी हिंदुओं का प्रतिकार उन्हें बार-बार झेलना पड़ा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में स्पष्ट रूप से स्कंद पुराणादि का उल्लेख करते हुए लिखा है कि इससे हिंदू पक्ष यह साबित करने में सफल रह है कि रामजी का जन्म उसी स्थान पर हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट में साक्ष्य से यह भूमि रामजन्म भूमि के रूप में प्रमाणित हुई है। परंतु ‘लेफ्ट-इस्लामिस्ट’ और ‘राईट-संघिस्ट’, दोनों यह कुतर्क गढ़ते हैं कि यह साक्ष्य के कारण नहीं, भावना के कारण दिया गया है!
‘लेफ्ट-इस्लामिस्ट’ इसके जरिए जहां दंगे की आग हमेशा के लिए जिंदा रखना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर ‘राईट-संघिस्ट’ इसके जरिए अपने ‘नेतावाद’ व ‘पार्टीवाद’ की हमेशा के लिए स्थापना कर देना चाहते हैं! दोनों को न रामजन्मभूमि के साक्ष्य से मतलब है, न सुप्रीम कोर्ट के वास्तविक निर्णय से!
स्वतंत्रता के बाद से विवादित ढांचे में शायद ही कभी नमाज हुआ हो। परंतु वहां पूजा लगातार होती रही। जब ताला बंद था, उस वक्त भी उसके अंदर पंडित जाकर नियमित भोग-आरती करते थे। एक ताला हमेशा पुजारी की पूजा के लिए खुला रहता था। बाबरी एक्शन कमेटी के जिलानी तक ने हाईकोर्ट में यह माना कि उस स्थान पर कभी भी मस्जिद के लक्षण नहीं रहे! फिर आज बाहर क्यों चिल्ला रहे हो?
अतः हे मूढ़ ‘राईट-संघिस्टों’, ‘लेफ्ट-इस्लामिस्टों’ के झूठ पर प्रहार करो, न कि अपनी ‘नेतानीति’ और ‘पार्टीनीति’ में उनकी हां को ही अपने हिसाब से ‘हां’ कहो!
मूढों चेतो और अदालत के निर्णय को पढ़ो, अन्यथा उनका झूठ ही तुम्हारे द्वारा झूठ बोलकर स्थापित किया जा रहा है, जो भविष्य में तुम्हारे बच्चों का ही काल बनेगा!
सुप्रीम कोर्ट ने भी मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन अयोध्या में देकर लेफ्ट-इस्लामिस्टों को इस ‘झूठ’ को फैलाने का अवसर दिया है कि ‘राम मंदिर के लिए प्रमाण नहीं था, इसीलिए हिंदुओं की भावना के दबाव में उन्हें विवादित जमीन दिया गया है ‘(जो सरासर झूठ नरेशन है) और मुआवजे के रूप में मुसलमानों को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन दिया गया है। सद्भावना की आड़ में रचा गया यह ‘झूठ’ भविष्य में अयोध्या को ‘गजा-पट्टी’ बनाकर रख देगा।
मोदी सरकार को अध्यादेश लाकर इस 5 एकड़ भूमि वाले निर्णय को रद्द कर देना चाहिए ताकि अयोध्या सुरक्षित रहे और भविष्य में वहां कोई टकराहट न हो! लेकिन ‘मुस्लिम तृप्तीकरण’ नीति के कारण यह कभी होगा नहीं। सत्य का प्रमाण होते हुए भी झूठ का बवंडर दोनों ओर से चलाया जा रहा है, जो हिंदुओं के भविष्य के लिए बेहद घातक है!
मनुस्मृति कहते हैं: ‘अधर्मेणैधते तावत् ततो भद्राणि पश्यति। ततः सपत्नान् जयति समूलस्तु विनश्यति। (४.१७४)।
अर्थात्: अधर्मी पहले बढ़ता हुआ एवं शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता दिखता है परन्तु, अंततः समूल नष्ट हो जाता है।
परंतु ऐसा न हो कि झूठ का समूल नाश होते-होते हिंदुओं की कई पीढ़ियों का नाश हो जाए!
अतः मूढ़मतियों चेतो! झूठ को ध्वस्त करो, प्रमाण तुम्हारे सामने है। बस रामजन्म भूमि पर कोर्ट के निर्णय को पढ़ना और उसे तुम्हें प्रसारित करना है। इतना-सा काम कर लो ताकि अयोध्या का भविष्य सुरक्षित रहे, ताकि सनातन हिंदू समाज का भविष्य सुरक्षित रहे! जय राम जी की। 🙏