आईएसडी नेटवर्क, इन्दौर। मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ और खंडवा क्षेत्र में शनिवार रात उल्का पिंडों की बारिश देखी गई। इस घटना को क्षेत्र के सैकड़ों रहवासियों ने देखा। घटना रात लगभग आठ बजे की बताई जा रही है। कई लोगों ने इस खगोलीय घटना के वीडियो बनाए, जो कुछ ही देर में देशभर में वायरल हो गए। जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में भी ये घटना देखी गई है।
मध्यप्रदेश के खंडवा के कुछ क्षेत्रों में भी उल्का पिंडों की बारिश देखने के समाचार मिले हैं। जैसे ही आसमान में जलते हुए उल्का पिंड दिखाई दिए, लोगों में इसकी चर्चा होने लगी। भोपाल स्थित मौसम केंद्र से भी ये सूचना प्राप्त हुई है कि खंडवा-मालवा-निमाड़ में उल्का पिंडों की बारिश हुई है। उल्का पिंडो की बारिश यानी मेटोर शॉवर एक सामान्य खगोलीय घटना है।
ऐसे तो पृथ्वी पर चौबीस घंटे उल्का पिंड गिरते रहते हैं लेकिन उनका आकार बड़ा नहीं होता। शनिवार को हुए मेटोर शॉवर समूह में था इसलिए आकाश में दिखाई दिया। उल्कापिंड पुच्छल तारे के रूप में होते है। ये जब गिरते हैं तो इनकी चमक इतनी ज्यादा होती है कि 200 से 300 किलोमीटर के दायरे के लोग भी आसमान में इसे देखा जा सकता है।
छोटे-छोटे उल्कापिंड की उम्र 100 साल या उसके आसपास होती है। ये सौर मंडल में चक्कर लगाते हुए किसी भी ग्रह के वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं। मध्यप्रदेश के धार में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ये आकाश में किसी चमकती हुई मिसाइल की तरह लग रहा था। धार के ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों लोगों ने ये घटना देखी। धार के नालछा और बगड़ी में भी लोगों ने इसके वीडियो बनाए और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए।
अनुमान है कि इस खगोलीय घटना का विस्तार क्षेत्र मध्यप्रदेश के कुछ क्षेत्रों से लेकर महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों तक रहा। इन क्षेत्रों में इस घटना को देखने के सबसे अधिक दावें किये जा रहे हैं।