दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ टेंट खरीद मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि करीब एक करोड़ के कथित घोटाले की शिकायत भूपेंद्र सिंह ने दर्ज कराई थी।
शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि सिरसा ने महासचिव रहते हुए साल 2015 के बाद से 2020 तक न सिर्फ अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खुद लाभ लिया, बल्कि अपने स्टाफ में भी लोगों को इसका फायदा पहुंचाया।
इस पर आर्थिक अपराध शाखा दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 406 और 120बी के तहत केस दर्ज कर लिया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार शिकायत में बताया गया है
कि मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के लिए फर्जी कंपनियों से टेंट, तिरपाल और कंबल खरीदे। खरीद में सिरसा के पीए नरेंद्र सिंह के भाई को भी फायदा पहुंचाने का आरोप है।
इतना ही नहीं इन कंपनियों को किए गए भुगतान बिल को भी पुलिस ने शिकायत में मर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जिन कंपनियों से करीब एक करोड़ की राशि के टेंट खरीदे गए हैं,
उनका असल में कोई ठीक दस्तावेज ही नहीं है। इन्हें फर्जी बिल बताया गया है। पूरे प्रकरण को शिकायत में धोखाधड़ी की मंशा के साथ फर्जीवाड़ा बताया गया है।
इस बारे में खुलासा होने के बाद मनजीत सिंह जीके ने शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को सिरसा को तुरन्त पद से हटाने की मांग की है। जीके ने कहा कि मेरे ऊपर जब आरोप लगाये गये थे,
तब मैंने तुरन्त अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन दो वर्ष बीतने के बावजूद मेरे खिलाफ एक भी आरोप साबित नहीं हुआ।
इसलिए अब सुखबीर बादल के लिए परीक्षा की घड़ी है कि सिरसा के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बावजूद उन्हें कब अध्यक्ष पद से हटाते हैं।
जीके ने ऐलान किया कि जागो पार्टी द्वारा रविवार 24 जनवरी को सिरसा के पंजाबी बाग स्थित निवास का घेराव करके इस्तीफे की मांग की जाएगी। इस केस के दर्ज होने के बाद सिरसा का कहना है कि मुझ पर जानबूझकर केस दर्ज कराया ।
मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे किसानों की आवाज दबाने की कोशिश बताया है। सिरसा ने आरोप लगाया है कि य दिल्ली पुलिस 2019 के इस मामले में पहले ही कोर्ट में कह चुकी है कि मामले में पूरे रुपये दिये गये है
और पूरा प्रोसिजर फॉलो हुआ है।इसमें किसी भी तरीके की धांधली नहीं और जिस वक्त की घटना है उस वक्त वो देश में मौजूद नहीं थे। साथ ही उस वक्त दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके थे।
सिरसा ने कहा कि उस वक्त दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में ये साफ तौर पर कहा था कि मामले की पूरी जांच कर ली गई है और इसमें किसी भी तरीके की धांधली नहीं है।
प्राथमिकी दर्ज होते इस मसले पर राजनीति शुरू हो गई है। शिरोमणी अकाली दल दिल्ली के महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने कहा कि यह घोटाला कुछ 10 से 20 करोड़ का नहीं है,
बल्कि ढाई सौ से तीन सौ करोड़ का गबन और घोटाला है। उन्होंने कहा कि साल 2015 से ही यह घोटाला किया जा रहा है और गलत दस्तावेज के जरिए अपनी करतूत छुपाने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कहा कि हमारे पास सभी प्रूफ है, जो पुलिस को दे दिए गए हैं, जिसके बाद यह प्राथमिकी दर्ज हुई ।
हरविंदर सिंह सरना ने कहा कि मौजूदा समय में वैश्विक महामारी के दौर में में भी दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सभी हदों को पार करते हुए अपने ही कर्मचारियों, स्कूल के अध्यापक को पिछले 8 महीने से सैलरी तक नहीं दी है,
साथ ही गुरु नानक इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के कर्मचारियों को भी पिछले 6 महीने से आधा वेतन नहीं मिला है जबकि घोटाला चौंकाने वाला है।