हिंदुओं को जितना अपमानित कर निंदा करना हो , खुलकर निंदा कीजिए कोई कुछ नहीं बोलेगा । लेकिन दूसरे धर्म और तथाकथित आंदोलन के बारे में कुछ भी बोलने पर कथित सेकुलर गैंग सामने आ जाएंगे और खूब खरी-खोटी सुनाएंगे।
खुद को हिंदू धर्म विशेष का नेता बताने वाली रागनी तिवारी के खिलाफ देश की राजधानी के थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है । उस पर आरोप है कि वह अक्सर भड़काऊ भाषण देती रहती है और उसके खिलाफ जाफराबाद थाने में दंगा भड़काने के इरादे से भड़काऊ बयान देने का मामला दर्ज किया गया ।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि पिछले दिनों रागिनी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। वीडियो में रागिनी किसानों को धमकाते हुए आंदोलन खत्म करने की धमकी दे रही थीं।
वायरल हो रहे वीडियो में यह भी कहा गया था कि यदि आंदोलन समाप्त नहीं हुआ तो वह इसे भी उत्तर-पूर्वी दिल्ली हंगामा करवा देंगी। बाद में इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार ही जिम्मेदार होगी। पुलिस ने मामले में संज्ञान लेकर प्राथमिकी दर्ज कर ली है ।
लेकिन वायरल हुए वीडियो में आवाज रागिनी तिवारी की है या नहीं इस बारे में पुलिस को अभी जानकारी उपलब्ध नहीं है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि जांच कार्रवाई के दौरान यह पता चलेगा कि या वीडियो कौन बनाया और इसमें आवाज किसकी है।
वीडियो को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा जबकि रागिनी तिवारी की आवाज के नमूनों से वीडियो में दिए गए आवाज का मिलान किया जाएगा दिल्ली पुलिस का कहना है कि पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था।
वायरल हो रहे वीडियो में रागिनी तिवारी लोगों को हिंसा भड़काने के लिए एकजुट होने के लिए कह रही थीं। कथित विवादास्पद वायरल वीडियो में वह यह भी कह रही थी कि यदि सरकार ने दिल्ली को किसान आंदोलन से मुक्त नहीं कराया इसके लिए वह ही जिम्मेदार होंगे।
वीडियो में वह खुलेआम किसानों को धमकाते हुए दिख रही हैं। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ तो पुलिस ने इस पर संज्ञान लेते हुए कानूनी राय ली। इसके बाद रागिनी के खिलाफ धारा-153 के तहत मामला दर्ज किया है।
सूत्रों की माने तो एक्टिविस्ट और कवि नाबिया खान ने इस वीडियो को दिल्ली पुलिस और CP दिल्ली को टैग करते हुए शेयर किया । जिसके बाद यह कार्रवाई हुई है ।
खुद को हिंदुत्व नेता बताने वाली रागिनी तिवारी उर्फ जानकी तिवारी बिहार के मुज़फ्फरपुर की रहनी वाली हैं और वह किसी भी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ी हैं। इससे पहले उस पर 23 फरवरी को मौजपुर के दंगों में पुलिसकर्मियों के साथ पथराव करने वालों को पथराव करने के लिए उकसाने के आरोप लगे थे।