बाबा सत्यनारायण मौर्या। बहुत दिनों से कोल्हापुर, कोणार्क, मोढेरा, दतिया आदि के मंदिरों की अप्रतिम बनावट और सूर्य किरण से उनके सम्बन्धो के बारे में पढ़ता आया हु। कई स्थानो इस तरह के स्थापत्य के चमत्कारों को देखने के लिए जाना भी हुआ। कल श्रीरामनवमी के अवसर पर बहुत पहले से वैज्ञानिक चमत्कार की बात कही जा रही थी कि इस प्रकार की व्यवस्था की जा रही है कि मध्यान्ह के सूर्य की किरण रामलला का अभिषेक करेगी। इस सम्बन्ध मे इसरो एवं अन्य संस्थानों के वैज्ञानिक भी काम कर रहे हैं। ये बाते बकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके बताई गई थी।
वास्तव में ये अद्भुत घोषणा थी। क्योंकि कलाकार होने के नाते इसे देखना एक अभूतपूर्व अनुभव होता। क्योंकि उस मंदिर की बनावट में कहां जगह रखी गई होगी…यह मेरा दिमाग हल नही कर पा रहा था। खेर वहां समय से बहुत पूर्व ही पहुँच गया था, लेकिन जब पता चला कि लेंस और पाइप के जरिये सामान्य खेल किया जा रहा है तो मोह भंग होना स्वाभाविक था। सवाल श्रीराम के प्रति श्रद्धा का नही है, पर श्रद्धा के नाम पर प्रशासन या ट्रस्ट द्वारा ऐसे टोटके करने का है।
जबसे मंदिर बना है तबसे सबसे कम भीड़ इस श्रीरामनवमी पर थी। क्योंकि मेले की भीड़ के नाम पर जनता को इतना डराया गया और 40-50 किलोमीटर दूर ही वाहनों को रोक दिया गया था। और मजेदार बात ये कि 15 लाख भीड़ का दावा भी किया जा रहा है। जबकि में अयोध्या में सड़को पर आराम से मोटरसाइकिल घूम पा रहा था। मजे की बात टीवी चैनल और अखवार वाले सरकारी दावों और अद्भुत सूर्य तिलक की बात ऐसे बता रहे थे मानो सूर्य पर विमान पहुंचने जैसी असाधारण घटना हो गई हो और अय्योध्या में तिल रखने की जगह नही हो।
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जब ये बात मैने फेसबुक पर लिखी तो बिल्कुल टी वी चैनलों के एंकरों की स्टाइल में जिस ढंग से कुछ महानुभाव गालियां लेकर ऐसे टूटे जैसे कोई नया बाबर फिर राममंदिर तोड़ने आ गया हो। इन्हें ये लगता है कि भाजपा शासन में जो कुछ भी किया जाए उस हर काम का समर्थन देशभक्ति है और उसका विरोध देशद्रोह ! किसी भी गलत काम का विरोध करना योगी और मोदी के किये कराए पर पानी फेरना है।
देखो और ध्यान से सुनो….ऊपर चाहे मोदी बैठे या योगी। नीचे तो सारे पुराने भोगी ही बैठे है। एक भी नवसंघी या भाजपाई यदि ये सिद्ध कर दे कि भाजपा आने के बाद नीचे का भ्र्ष्टाचार या कमीशनखोरी खत्म हो गई हो तो मैं चौराहे पर फांसी खाने को तैयार हूं
पर है हिम्मत किसी की जो ये सिद्ध कर दे कि भाजपा आने के बाद भ्र्ष्टाचार खत्म हो गया है।
परमात्मा की कृपा से देश को ये अभूतपूर्व नेतृत्व प्राप्त हुआ है। इसे साथ देते हुए हमारा कर्तव्य होना चाहिए कि इनकी छाया में जो बुराइयां शरण ले रही है उन्हें समाप्त करते रहे। विरोध के नाम पर विरोध अलग बात है पर मोह के नाम पर मुंह सिलकर बैठ जाना यह महान पाप है।
जिन बेवकूफों के कमेंट मैने पढ़े उनकी जानकारी के लिए 22 जनवरी की चूंकि निमंत्रण था इसलिए व्यवस्था थी। उसके बाद 5 से ज्यादा बार अयोध्या जा चुका हूं। आम तौर पर में वी आई पी दर्शनों की सुविधा उचित नही समझता। समय होता है तो आम दर्शन नही तो शिखर दर्शनम पापनाशम।
एक बात और यदि मंदिर में अव्यवस्था दिखती है तो बोलना मेरे लिए धर्म है और उस पर चुप रहना पाप। भक्तों को एक बात जरूर कहूंगा। में रामभक्त या देशभक्त आपके सर्टिफिकेट के कारण नही हु। इसलिए भाजपा की नजर में अच्छा बनने के लिए किसी सच्चाई का आंख मीच कर विरोध करने की प्रवृत्ति छोड़े तो ठीक रहेगा।
दूसरी बात ये जान लें कि कांग्रेस आपकी तरह के व्यक्तिभक्तो के कारण ही बर्बाद हुई है। प्रशासन संघ या भाजपा का नही है। उनकी हर बुराई को भाजपा या संघ की बुराई समझना मूर्खता नही वज्र मूर्खता है। फेसबुक लगभग छोड़ चुका हूं। लगता है चुपचाप नही छोड़ना है। इसीलिए अर्ज किया है।