अर्चना कुमारी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत को अवगत कराया कि वह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कथित जमीन के बदले रेलवे में नौकरी घोटाले से जुड़े एक मामले में एक माह के भीतर पूरक आरोपपत्र दाखिल करेगा।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष यह दलील दी। इसमें कहा गया कि अंतिम रिपोर्ट फरवरी के अंत तक दाखिल कर दी जाएगी। सीबीआई ने जांच के दौरान 13 लाख रुपये जब्त किये थे, जिन्हें जारी कराने के लिए राजद नेता अहमद अशफाक करीम ने एक आवेदन दायर किया था। सीबीआई ने इसके जवाब में ही अदालत को यह जानकारी दी है।
अदालत ने पूरक आरोपपत्र दाखिल होने तक आवेदन को लंबित रखा है। यह मामला सुनवाई के लिए 27 फरवरी को सूचीबद्ध किया गया है। इससे पहले, अदालत ने लालू प्रसाद, उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके बेटे एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अन्य को तलब किया था।,
यह मामला लालू के रेल मंत्री (2004-2009) रहने के दौरान रेलवे के पश्चिम मध्य जोन में ‘ग्रुप-डी’ के पदों पर नियुक्ति से संबंधित है। आरोप है कि नौकरी के बदले राजद प्रमुख के परिवार के सदस्यों या सहयोगियों के नाम पर जमीन ली गई थी। एजेंसी ने 18 मई 2022 को प्रसाद और उनकी पत्नी, दो बेटियों और अज्ञात सरकारी अधिकारी और निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।