छत्तीसगढ़ पुलिस ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादियों) के शहरी गिरोह पर जबरदस्त चोट की है। पुलिस ने शहरी नक्सलियों के नेटवर्क के आईटी सदस्य और प्रवक्ता अभय देवदास को गिरफ्तार कर उसके सूचना तंत्र पर करारा प्रहार किया है। एक प्रकार से कहें कि उसके सूचना तंत्र को तोड़ने का काम किया है। बंगलोर में रहने वाले शहरी नक्सल अभय देवदास को पुलिस ने तब धरदबोचा जब वह माओवादियों से मिलने बस्तर आया था। अभय का गिरफ्तार होना छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। बस्तर पुलिस ने अभय की तस्वीर के साथ ट्वीट करते हुए बताया है कि उसके तार अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से जुड़े रहे हैं और इसने अभी तक 15 से भी ज्यादा देशों की यात्रा कर चुका है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक अभय देवदास नायक कम लोड्डा बेंगलोर में रहता है तथा वह माओवादियों की प्रेस रिलीज जारी करने के अलावा माओवादी विचारों को आगे बढ़ाने का भी काम करता था। इसके अलावा वह सोशल मीडिया पर युवाओं को माओवादी विचारधारा से प्रभावित करने का भी काम करता था। बस्तर पुलिस का कहना है कि माओवादियों के रूप में अभय का नाम पहली बार दूसरे माओवादी प्रवक्ता विकल्प के साथ 2013 में सामने आया था।
अभय को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने अपनी जांच भी तेज कर दी है। अभी तक की जांच के दौरान जो बात पता चली है उसके मुताबिक अभय सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है लेकिन उन्होंने अपनी पहचान गुप्त रखी है। पुलिस का कहना है कि वह ब्लॉग्स, प्रेस नोट तथा आलेखों के माध्यम से माओवादी विचारों का प्रचार करते हैं। वह नक्सलियों से सहानुभूति रखने वालों, युवाओं, देश विरोधियों तथा पुलिस विरोधी समूहों से बातचीत करते है और अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।
बस्तर रेंज के आईजी विवेकानंद सिन्हा तथा पुलिस अधीक्षक डी श्रवण का कहना है कि राज्य इंटेलीजेंस शाखा तथा बस्तर पुलिस अभय की गतिविधियों पर करीब डेढ़ साल से नजर रख रही थी। तभी तो पता चला कि वह अक्सर बेल्जियम, मैक्सिको, यूके, फ्रांस, नीदरलैंड, नेपाल तथा रूस जैसे देशों का दौरा करते हैं वह माओवादी पार्टी के कोऑर्डिनेशन समिति था साउथ एशिया के संगठनों में भी रहा था। वह हमेशा उन देशों का दौरा करता था जो सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा रहा है।
पुलिस का कहना है कि उसके ब्लॉग साइट सफल हो जाने के बाद वह इसका सदस्य भी बन जाता। बस्तर पुलिस ने अभय के खिलाफ साल 2018 के मई में लूक-ऑउट नोटिस जारी किया था और जून में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया और फिर पूछताछ के लिए बस्तर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पिछले कुछ दिनों से हो रही पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया कि पढ़ाई के दौरान ही वह सीपीआई (एम) के कर्नाटक राज्य समीति के सचिव साकेत रंजन से काफी प्रभावित था और तभी से माओवादी साहित्य पढ़ने लगा। पुलिस ने उसके बेंगलोर स्थित घर से उसके लैपटॉप, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क तथा माओवादी साहित्य जब्त कर लिए हैं। अभय के घर से जो सामान मिला है उससे खुलासा होता है कि वह हमेशा ही विदेश के साथ भारत के गुड्सा उसेंडी, विकल्प तथा ओडिशा के शशि पटनायक जैसे नेताओं के संपर्क में रहता था।
उन्होंने माओवादी विचाराधाराओं को प्रसारित करने के लिए www.naxalrevolution.blogspot.com नाम से साल 2006 में साकेत रंजन की मौत के बाद अपना एक ब्लॉग शुरू किया। ब्लॉग चलाने का उद्देश्य युवाओं में माओवादी विचाराधारा का प्रसार करना था। इसके लिए उन्होंने ओपेन कैडर के नाम से अपना एक लिंक शुरू कर लिया था। अब जब छत्तीसगढ़ पुलिस ने शहरी नक्सलियों के एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार कर लिया है तो निश्चित रूप से इसका प्रभाव उसके सूचना तंत्र पर पड़ेगा।
URL: Chhattisgarh Police disclose the Naxals’ urban network
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