पूर्व प्रधानमंत्री अटिल बिहारी वाजपेयी को भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया है। एम्स के डॉक्टरों की हिदायत के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसी की परवाह नहीं की और अटल बिहारी वाजपेयी जी के बिस्तर के पास पहुंच गये। डॉक्टरों ने संक्रमण से बचाव के लिए किसी को भी मिलने से मना किया था, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी भी डॉक्टरों की हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन राहुल गांधी जो राजतंत्र के ढंग से पले-बढ़े हैं, कोई डॉक्टर उन्हें रोके वह यह कैसे बर्दाश्त कर सकते थे? धड़धड़ाते वाजपेयीजी को देखने पहुंच गये और बाहर आकर शोर मचाया, ‘मैंने वाजपेयी जी को सबसे पहले देखा। भाजपा वालों से भी पहले मैंने वाजपेयी जी को देखा।’ ऐसा लगा जैसे किसी बच्चे को मैदान में सबसे पहले बैटिंग मिल गयी हो और और वह मचल-मचल कर ‘सबसे पहले, सबसे पहले’ का नारा लगा रहा हो!
Here is the truth:
Till 7:30pm or so AIIMS did not want anybody to visit Vajpayee ji due to tests, etc
Rahul Gandhi knew this but went anyway as political points needed to be scored!
Others incl @narendramodi followed rules ; Rahul put politics over an ailing Vajpayee first https://t.co/ALVyawupN2
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) June 12, 2018
दूसरी तरफ राहुल गांधी की इस हरकत को लेकर उनके गड़े मुर्दे उखाड़ने शुरु हो गये हैं। लोगों ने उन्हें तब की याद दिलाई है, जब उन्हें वाजपेयी जी ने गिरफ्तारी से बचाया था। आरोप है कि राहुल गांधी बोस्टन एयरपोर्ट पर ड्रग के साथ पकड़े गये थे। उस वक्त भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयीजी ही थे। वाजपेयी सरकार ने तब हस्तक्षेप कर उन्हें निकाला था, अन्यथा राहुल का करियर हमेशा के लिए चौपट हो सकता था। सोशल साइट्स पर लोग तब के ‘द हिंदू’, ‘जी न्यूज’ के लिंक निकाल-निकाल कर शेयर कर रहे हैं।
तो राहुल सफेद "नमक" का कर्ज चुकाने के लिए AIIMS गए थे !!! #Vajpayee #RahulVajpayeeClaim #RahulGandhi https://t.co/8yLbdUps3l
— Ashok Shrivastav (@ashokshrivasta6) June 12, 2018
दरअसल आरोप है कि राहुल गांधी साल 2001 के दौरान अमेरिका में ड्रग और अमेरिकी करंसी के साथ पकड़ा गए थे। उस समय देश के धानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। कहा जाता है कि उन्होंने ही राहुल को उस केस से बाहर निकाला था। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि राहुल गांधी ड्रग केस से बाहर निकालने का एहसान उतारने के लिए ही वाजपेयी को देखने एम्स गए थे? अपनी ही पार्टी के बुजुर्ग नेताओं यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अपमान करने वाले राहुल गांधी दूसरी पार्टी के पुराने नेताओं को भला क्यों सम्मान देने लगे?
मुख्य बिंदु
* 2001 में एफबीआई ने राहुल गांधी को अमेरिकी करेंसी और व्हाइट पाउडर के साथ पकड़ा था
* वाजपेयी ने ही अपने समकक्षी अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश को फोन कर राहुल को बचाया था
खुलासा भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम का है। उन्होंने कहा है कि साल 2001 में राहुल गांधी अमेरिका में ड्रग्स के साथ पकड़ा गया था। अमेरिका की एफबीआई (फेडरेशन ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन) के अधिकारियों ने राहुल गांधी को 1.60 लाख अमेरिकी करेंसी तथा व्हाइट पॉडर के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया था। उस समय राहुल गांधी पार्टी के उपाध्यक्ष थे। तभी उनकी मां सोनिया गांधी ने देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को फोन किया और राहुल पर आए संकट का जिक्र किया। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने समकक्ष तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश से बात की और फिर राहुल गांधी को उस केस से निकलवाया था।
राहुल गांधी मे ही क्यों पूरे नेहरू-गांधी परिवार में दूसरी पार्टियों के पुराने या नए नेता की बात तो दूर अपनी ही पार्टी के नेताओं का न कभी सम्मान किया न ही करते हैं। उदाहरण तो कई हैं लेकिन ताजा उदाहरण पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और डॉ मनमोहन सिंह का है। वही पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को उदार बनाया। लेकिन बाद में इन्हीं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के इशारे पर पार्टी ने उनकी वो गत बना दी कि जब उनका देहांत हुआ तो उनके शव को पार्टी मुख्यालय में रखने तक की इजाजत नहीं दी गई। इतना ही नहीं उनका अंतिम संस्कार भी दिल्ली में नहीं होने दिया। और आज राहुल गांधी भाजपा को शिक्षा देते हैं कि अपने पुराने नेताओं को सम्मान नहीं करते। करीब चार-पांच साल पहले ही राहुल गांधी ने अपनी ही सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अध्यादेश को सरेआम फाड़कर उन्हें मजाक बना दिया था। उनका तिरस्कार तो कई बार कर चुके हैं। ये बात दीगर है कि मनमोहन सिंह थे भी उसी लायक!
This is appalling. Considering what Atal Bihari Vajpayee had reportedly done for Rahul Gandhi in 2001.
Read this https://t.co/v2UeFHIZqr
And this https://t.co/zLc916Qfk6 https://t.co/9s8hNhezH8
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) June 12, 2018
ऐसे में एक सहज सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी वाकई में अटल बिहारी वाजपेयी का सम्मान करते हैं इसलिए AIIMS देखने गए थे? लेकिन इसका खुलास तो उन्होंने खुद ही यह कहते हुए कर दिया कि भाजपा में पुराने नेताओं की कोई कद्र नहीं है। दरअसल वह वाजपेयी का सम्मान का प्रदर्शन कर उनसे सहानुभूति रखने वालों को अपने पाले में करना चाहते हैं। इसलिए वाजपेयी के प्रति राहुल गांधी का सम्मान प्रदर्शन दरअसल उनकी वोटनीति है।
Pity that public memory in this country is extraordinarily short. Every possible slur was hurled by Nehru Dynasty stooges at Atlaji who was jailed by @RahulGandhi's grandmother Indira. But what would the grandson of a Mussolini Black Shirt know, either of honour or dignity?
— Kanchan Gupta (@KanchanGupta) June 12, 2018
url: Rahul gandhi went to meet to vajpayi in AIIMS to get sympathy vote of atal bihari
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