अर्चना कुमारी। सुप्रीम कोर्ट ने आर्मी अस्पताल में संक्रमित रक्त चढ़ाने के चलते एचआईवी संक्रमण का शिकार हुए वायुसेना के पूर्व अधिकारी को डेढ़ करोड़ का मुआवजा देने का आदेश दिया । यह अधिकारी साल 2002 में पाकिस्तान के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन पराक्रम के दौरान ड्यूटी पर बीमार पड़ने के चलते अस्पताल में भर्ती हुए थे।
लेकिन जम्मू कश्मीर के एक आर्मी अस्पताल में उनकी ज़िन्दगी बचाने के मकसद से उन्हें एक यूनिट ब्लड चढ़ाया गया था। 12 साल के बाद उन्हें संक्रमण का पता चला। लेकिन इतने लंबे अंतराल के बाद ये साबित करना मुश्किल था कि अस्पताल में ही खून चढ़ाने कर वक्त ही संक्रमण के शिकार हुए।साल 2017 में उन्होंने मुआवजे के लिए रुख किया लेकिन एन सी डी आर सी ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद उन्होंने 2022 में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
उच्चतम अदालत ने वायुसेना के इस पूर्व अधिकारी के संक्रमण का शिकार होने के लिए इंडियन एयर फोर्स और इंडियन आर्मी दोनों को सामूहिक रूप लापरवाही के लिए जिम्मेदार माना है।कोर्ट ने इंडियन एयर फोर्स को 6 हफ्ते में इंडियन एयर फोर्स के इस रिटायर्ड अधिकारी को 1करोड़ 54 लाख 73 हज़ार रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने एयरफोर्स से कहा है कि वो चाहे तो इसकी आधी रकम आर्मी से वसूल सकती हैं। कोर्ट ने विकलांग पेंशन से जुडी बकाया राशि को 6 हफ्ते में देने का निर्देश दिया ।