मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा किसानों के कर्ज माफी करने की घोषणा का पालन करने का दिखावा किया है। जो मुख्यमंत्री प्रदेश के हालात जाने बगैर अपने पार्टी अध्यक्ष के राजनीतिक हित को साधने का साधन बन जाए उससे प्रदेश के हित की बात सोचना ही बेमानी है। क्या आप इस कर्ज माफी की सच्चाई के बारे में जानते हैं? कांग्रेस पार्टी की खुद की सरकार या गठबंधन की सरकार पंजाब और कर्नाटक में किसानों के कर्ज माफी की इसी तरह की घोषणा कर चुकी है। कर्नाटक में 44 हजार करोड़ रुपये माफ करने के नाम पर महज 800 किसानों को कर्ज माफी का लाभ देकर वहां के अन्य किसानों के साथ छल किया गया है, वैसे ही मध्य प्रदेश में भी किसानों के साथ छल किया गया है। सरकार ने 44 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है, जबकि इससे 800 किसानों का ही कर्ज माफ हुआ है। क्या यह विश्वसनीय है? जिस प्रकार कांग्रेस सरकार ने पंजाब और कर्नाटक में कर्ज माफी के नाम पर धोखाधड़ी की है उसी प्रकार मध्य प्रदेश में होने की आशंका अभी से जताई जाने लगी है।
Rs 44,000 crore loan waiver has helped only 800 farmers so far: Karnataka https://t.co/zJgRfNLtiZ via @TOIBengaluru pic.twitter.com/T3KSsh0jWq
— The Times Of India (@timesofindia) December 13, 2018
कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश में किसानों के कर्ज माफ करने के फैसले को लेकर मोदी सरकार को दानव और खुद को किसान समर्थक बताने का ढोल पीट रही है, जबकि किसानों के कर्ज माफी की सच्चाई कुछ और है, जिसके बारे में हर किसान को जानना चाहिए। क्योंकि कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही किसानों के कर्ज माफ करने के जिस पहले आदेश पर हस्ताक्षर किया है उसमें इतने नियम और शर्त लगा दिए गए हैं कि इसस कुछ ही किसान लाभान्वित हो पाएंगे। कांग्रेस सरकार ने जो शर्तें लगाई है उससे लगता है कि यह कर्नाटक की तरह ही छल साबित होगा।
MP Govt farm loan waiver order. First piece of business by new CM @OfficeOfKNath pic.twitter.com/l6eNl13E2a
— Nistula Hebbar (@nistula) December 17, 2018
कमलनाथ सरकार ने अपने पहले फैसले के तहत 2 लाख रुपये तक लोन लेने वालों किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान तो किया है लेकिन उन्होंने कर चुकाने वाले किसानों को इसका लाभ देने से इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने कर्ज माफ करने की जो घोषणा की है उसमें सीजन फसल के लिए लिए गए कर्ज ही माफ किए जाएंगे। इसका मतलब यह हुआ कि कृषि कर्म के लिए औजाड़ या नलका लगाने वाले किसानों के कर्ज माफ नहीं होंगे।
कमलनाथ ने अपने पहले ही आदेश से उन किसानों की मंशा पर पानी फेर दिया जो राहुल गांधी के वादे पर भरोसा कर अपना बैंक ऋण चुकाना बंद कर दिया है। क्योंकि कमलनाथ सरकार ने 31 मार्च 2018 तक कर्ज लेने वाले किसानों का ही कर्ज माफ किया है। जबकि राहुल गांधी ने प्रदेश के हर किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया था।
कांग्रेस की पुरानी आदत है कि प्रदेश की जनता से लोकलुभावन वादे कर चुनाव जीत लो और फिर उसे भूल जाओ। कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक चुनाव के दौरान भी वहां के किसानों से कर्ज माफ करने का वादा किया था। ध्यान रहे कि कर्नाटक में काफी दिनों से कांग्रेस पार्टी की ही सरकार थी, लेकिन सालों से किसानों का लोन माफ नहीं किया था। 2018 में जब कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन की सरकार बनी तो उन्होंने काफी दिनों बाद कर्ज माफ करने की घोषणा की। घोषणा करने के बाद भी वहां के किसानों को कर्ज चुकाने का नोटिस मिल रहा है। वहां की सरकार ने स्वंय माना है कि 44 हजार करोड़ रुपये के कर्ज माफ करने के बाद भी महज 800 किसानों के कर्ज माफ हुए हैं। बांकी पैसे कहां गए उसका खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है।
The Congress has made cheating farmers in the name of farm loan waivers a fine art.
Punjab: 73,000 cr worth waiver promised but months later only 200 cr odd waived off.
Karnataka: 44,000 cr worth waiver promised, only 800 farmers got the benefit.
MP: cheating has just begun..!
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 17, 2018
किसानों के कर्ज माफी के नाम पर कांग्रेस शुरू से धोखाधड़ी करती आ रही है। तभी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शनिवार को अपने एक संबोधन में कहा था कि कांग्रेस और उसका इको सिस्टम कभी यह नहीं बताएगा कि किस प्रकार कांग्रेस पार्टी की सरकार किसानों के कर्ज माफी के नाम पर धोकाधड़ी को अंजाम देती है। पंजाब में भी वहां के किसानों के साथ किए गए छल का खुलासा हो चुका है। पंजाब सरकार ने प्रदेश के किसानों से 73 हजार करोड़ रुपये कर्ज माफ करने का वादा किया था, जबकि महीनों बाद महज 200 करोड़ रुपये कर्ज ही माफ किया। मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस सिंचाई घोटाले में सबसे आगे थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब में कांग्रेस के ही शीर्ष नेता अपनी सरकार पर गन्ना किसानों के मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं होने का आरोप लगा चुके हैं। मोदी ने कर्नाटक में 800 किसानों को हुए मामूली लाभ का हवाला देते हुए कहा है कि किसानों के साथ कांग्रेस का यह मजाक नहीं तो और क्या है?
जिस प्रकार कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही अपने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के राजनीतिक हित साधने के खातिर अनाप-शनाप तरीके से मध्य प्रदेश के आधे-अधूरे किसानों का कर्ज माफ करने का दिखावा किया है, इससे यही लगता है कि कमलनाथ का जारी पहला आदेश मध्य प्रदेश के किसानों के साथ सबसे बड़ा मजाक है।
प्वाइंट वाइज समझिए
कमलनाथ का किसानों से छल
* राज्य के हालात को जाने बगैर कमलनाथ ने जारी किया पहला आदेश
* राज्य के किसानों के कर्ज माफी के लिए जारी किया अपना पहला आदेश
* कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के राजनीतिक हित साधने का तैयार किया साधन
* कई नियम और शर्त लगाकर कमलनाथ ने किसानों के साथ किया है छल
* कमलनाथ ने सीजनल फसल के लिए ऋण लेने वालों का माफ किया कर्ज
* राहुल गांधी ने प्रदेश के सारे किसानों के सारे कर्ज माफ करने का किया था वादा
* कमलनाथ ने 31मार्ज 2018 से पहले लिए गए कर्ज ही माफ करने की घोषणा की है
* राहुल गांधी के वादे के बाद कई किसान पहले से ही कर्ज चुकाना बंद कर चुके हैं
* पंजाब और कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश में ठगा महसूस करने वाले हैं किसान
URL : Congress has resorted to misrule with farmers of Madhya Pradesh!
Keyword : Deceit of farmers, Govt of MP, Chief Minister, Kamalnathe, issued first order, किसानों से छल, मध्य प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री, कमलनाथ