अर्चना कुमारी । इंदौर सरकारी लॉ कॉलेज की लाइब्रेरी में मिली विवादित किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान को इंदौर पुलिस ने पुणे के एक अस्पताल से गिरफ्तार किया हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई । डाॅ. फरहत की दोनों किडनी फेल है। उनका डायलिसिस चल रहा। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर मौके पर ही जमानत दे दी है।
उन्हें पुलिस ने पूछताछ के लिए और कोर्ट में पेश होने को आगे कहा गया है। इस बारे में मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा कहा कि लेखिका की दूसरी किताब भी सामने आई थी। उसकी जांच की जा रही है। यदि कोई विवादित सामग्री पाई गई तो उसका केस भी साथ में जोड़ दिया जाएगा।
गौरतलब है कि डॉ. फरहत खान की गिरफ्तारी सामूहिक हिंसा और दांडिक न्याय पद्धति शीर्षक से प्रकाशित किताब में लिखी आपत्तिजनक बातों को लेकर हुई । इस किताब में कथित तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद को अल्पसंख्यकों पर बलपूर्वक गुलाम बनाने की बात कही गई है। इस बारे में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने पिछले दिनों इंदौर के लॉ कॉलेज में इस विवादित किताब के मिलने का मुद्दा उठाया था। उत्तेजित छात्र छात्राओं ने कॉलेज में प्रदर्शन किया था।
इसके बाद मप्र सरकार के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के निर्देश पर भंवरकुआ पुलिस थाने में केस दर्ज हुआ था। इस मामले में लेखिका, प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन, प्राचार्य इमानुर रहमान के साथ ही एक अन्य प्रोफेसर को आरोपी बनाया गया । ज्ञात हो कि फरहत खान की किताब को लेकर तीन साल पहले बवाल हुआ था।
तब वर्तमान महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने ही किताब के विवादित हिस्सों को लेकर शिकायत की थी। उस समय किताब को प्रतिबंधित कर दिया गया था। पिछले साल इस किताब को वापस ले लिया गया था। लेखिका ने एक माफीनामा जारी किया था। इसके अलावा साथ ही पुस्तक से विवादित अंशों को हटाकर उसे फिर से प्रकाशित कराया था।
हालांकि, लाइब्रेरी में संपादित किताब के बजाय प्रतिबंधित किताब मिलने को लेकर एबीवीपी ने हंगामा किया। इसके बाद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. इनामुर रहमान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वे भी तबियत खराब होने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती हैं। जिला कोर्ट ने अग्रिम जमानत आवेदन खारिज कर दिया है।
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के निर्देश पर सात सदस्यीय समिति इस मामले की जांच कर रही है। समिति ने बृहस्पतिवार को सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी और इसके आधार पर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने प्राचार्य के अलावा प्रोफेसर बेग को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया।
मामले के चार आरोपियों में शामिल महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान और प्राध्यापक मिर्जा मोजिज बेग को अग्रिम जमानत देने से सत्र न्यायालय ने मंगलवार को इनकार कर दिया था। इस आदेश को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में चुनौती दी जा रही है।