अर्चना कुमारी। प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार पर अक्सर बात करते हैं और उन्होंने विपक्षी दलों के गठबंधन को लेकर भी कहा कि यह भ्रष्टाचारियों की राजनीतिक डील है। लेकिन उनके शासनकाल में जम्मू कश्मीर को लेकर धारा 370 रद्द किए जाने के बाद वहां पर विकास की गंगा बहा देने की बात कही गई लेकिन मानसूनी बारिश शुरू होते ही जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सड़क का एक बड़ा हिस्सा टूट गया ।
रामबन जिले के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो सुरंगों को जोड़ने वाली सड़क बह गई । कहा जाता है कि पसमांद मुस्लिम वोट हासिल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी जम्मू कश्मीर में रुपयों के बल पर विकास की गंगा बहा रही है। लाखों रुपए खर्च करके राष्ट्रीय राजमार्ग का पुनरुद्धार किया गया था लेकिन वह बारिश कि पानी को नहीं झेल पाया ।
विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि जम्मू और कश्मीर में जो भी विकास की गंगा बह रही है उसमें भ्रष्टाचार की गंगोत्री का पानी भी शामिल है। जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक ने इस ओर इशारा करते हुए पूर्व में दावा किया था कि आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने उन्हें ‘अंबानी’ से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी। हालांकि आरोपों के मद्देनजर आर एस एस के अधिकारी राम माधव ने उन्हें कोर्ट में घसीटने का धमकी भी दिया था ।
बताया जाता है कि पिछले कुछ दिनों से जम्मू श्रीनगर हाईवे को लगातार बारिश के बावजूद सड़क को साफ करने और प्रभावित हिस्सों की मरम्मत का काम चल रहा है। बता दे कि जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। इस मार्ग पर बराबर बारिश के कारण हुए भूस्खलन और पत्थरों के गिरने से मार्ग बंद कर दिया जाता है और इसका मरम्मत भी किया जाता रहा है। जिसमें लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं।
यह सड़क कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली मुख्य सड़क है। उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त 2019 से केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा दिया था, जिसका लंबे समय से विवाद चल रहा था. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. आर्टिकल 370 से जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष अधिकार मिल रखे थे, केंद्र सरकार की ओर से बजट आवंटन में कश्मीर का खास ध्यान रखा गया है लेकिन इस आवंटन में भ्रष्टाचार की भी बु रही है।