अर्चना कुमारी दिल्ली उच्च न्यायालय ने महरौली में हाल में ध्वस्त की गई ‘अखूंदजी मस्जिद’ में रमजान के दौरान नमाज की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने मुंतजमिया कमेटी मदरसा बेहरुल उलूम और कब्रिस्तान की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने पिछले महीने शब-ए-बारात के मौके पर श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया था और अब इस संबंध में कोई अलग दृष्टिकोण अपनाने का कोई औचित्य नहीं है।
अदालत ने अपने हाल के आदेश में कहा कि गत 23 फरवरी का आदेश के मौजूदा आवेदन के संदर्भ में भी लागू होता है और इन परिस्थितियों में, इस न्यायालय के लिए अलग दृष्टिकोण अपनाने का कोई औचित्य नहीं है।
अदालत ने कहा कि इस प्रकार, यह न्यायालय वर्तमान आवेदन में मांगी गई राहत देने के लिए इच्छुक नहीं है और परिणामस्वरूप इसे खारिज कर दिया गया है।
मान्यताओं के अनुसार लगभग 600 साल प्राचीन ‘अखूंदजी मस्जिद‘ और साथ ही वहां के बेहरुल उलूम मदरसे को संजय वन में अवैध निर्माण घोषित किया गया था और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने 30 जनवरी को इसे ध्वस्त करा दिया था।