बिहार के एक शहर से सटे गांव में रामजी प्रसाद रहते हैं। उनके परिवार में पत्नी तथा तीन बच्चे हैं। रामजी प्रसाद अपने घर के एक हिस्से में परचून की दुकान चलाकर अपनी आजीविका चलाते हैं। रामजी प्रसाद की बड़ी बेटी की उम्र 17 साल है और वह इस बेटी से बहुत खुश हैं क्योंकि उनकी बेटी डॉक्टर बनना चाहती है।
रामजी प्रसाद भी हाई स्कूल में बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली अपनी बड़ी बेटी को डॉक्टर बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। इस वजह से वह बड़ी बेटी को अधिक लाड़ -प्यार देते हैं। रामजी प्रसाद की जिंदगी में सब कुछ सही ही चल रहा था लेकिन ना जाने किसकी नजर लग गई। एक दिन जब रामजी प्रसाद और उनके परिजन खाना खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे, उसी वक्त आधा दर्जन बदमाशों का एक झुंड उनके घर अचानक आ धमका। रामजी प्रसाद और उनके परिजन कुछ समझ पाते, उससे पहले ही बदमाशों ने सबको पिस्टल के बल पर बंधक बना लिया। मुंह पर तौलिया बांधे तथा हाथ में पिस्टल लहराते हुए बदमाशों ने पहले तो अलमारी तोड़ा फिर पलंग खंगाल कर नगदी और जेवरात लूट लिए।
इस दौरान रामजी प्रसाद ने जब लूटपाट का विरोध किया तब बदमाशों में से एक ने उनकी बड़ी बेटी की कनपटी पर पिस्टल सटा दिया। उस बदमाश ने रामजी प्रसाद को चेतावनी दी कि यदि उसने शोरगुल किया तो उसकी बेटी को जान से हाथ धोना पड़ेगा। रामजी प्रसाद अपनी बड़ी बेटी को जान से भी अधिक चाहते थे, इस वजह से वह उस वक्त चुप रहना ही मुनासिब समझे।
हद तो तब हो गई जब डकैत उनके घर से नगदी और जेवरात लूटने के साथ-साथ उनकी बड़ी बेटी को भी अगवा कर चंपत हो गए। डकैतों के मौके से फरार हो जाने के बाद रामजी प्रसाद दहाड़ मार कर रोने लगे। उनके रोने की आवाज सुनकर आस-पड़ोस में रहने वाले लोग जमा हो गए। इनमें से किसी ने मामले की जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद मौके पर स्थानीय थाना पुलिस पहुंची।
हाल के दिनों में ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी, जिसमें डकैती की वारदात करने वाले बदमाशों ने लूटपाट के बाद किसी को अगवा कर लिया हो। रामजी प्रसाद ने जो बयान दिए उस पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई।
इस बीच घटना की जानकारी मीडिया को भी हुई और इस पूरे प्रकरण को लेकर स्थानीय अखबारों ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर दी। जिसके बाद मौके पर पक्ष-विपक्ष दल के नेताओं का जमावड़ा लग गया। रामजी प्रसाद के गांव के रहने वाले लोग तो इतने उत्तेजित थे कि उन्होंने सड़क जाम कर इस घटना के विरोध में अपना आक्रोश जाहिर करना शुरू कर दिया। देखते-देखते उनके समर्थन में कई और लोग सामने आ गए, जिन्होंने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि जल्द से जल्द किशोरी बरामद नहीं हुई तो वह पूरे शहर का चक्का जाम कर देंगे। कई नेताओं ने तो यहां तक मीडिया में बयान दे डाला की राज्य में बेरोजगारी चरम सीमा पर है और लूटपाट तक तो सही था लेकिन इस तरह से किसी की बेटी को अगवा कर लेना पूरे गांव की इज्जत पर हमला करने जैसा है।
इस पूरे प्रकरण को लेकर पुलिस प्रशासन की बेहद किरकिरी हो रही थी क्योंकि विरोधी दल के नेताओं ने भी चक्का जाम किए जाने का अल्टीमेटम दे रखा था। इस बीच महिला आयोग की टीम ने भी मौके का दौरा किया और पीड़ित परिवार से सहानुभूति जताते हुए पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया कि वह 24 घंटे के भीतर किशोरी को बरामद करें। बवाल को बढ़ता देख राज्य के मुख्यमंत्री को भी सामने आना पड़ा और उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को डांट फटकार लगाते हुए इस कांड की गुत्थी जल्द से जल्द सुलझा लेने को कहा। उधर, पुलिस अंधेरे में तीर मार रही थी और उसे इस कांड को लेकर कोई भी सुराग नहीं मिल पा रहा था। मौके से उठाए गए फिंगरप्रिंट और अन्य फॉरेंसिक सबूत के रिपोर्ट से भी गुत्थी नहीं सुलझ पा रही थी।
इस बीच पुलिस टीम ने मौके पर घटना के समय सक्रिय कुछ मोबाइल नंबरों केे डंप डाटा जुटाए। इन नंबरों की गहन छानबीन में एक ऐसा नंबर हाथ लगा, जो रामजी प्रसाद की घर में भी घटना के वक्त सक्रिय था। पुलिस ने जब इस नंबर का पता किया तब यह सुराग मिला कि इस नंबर का इस्तेमाल पड़ोसी गांव का एक युवक कर रहा है और उसने अपने पिता केेे नाम यह मोबाइल नंबर हासिल किया था। इस तरह का सुराग मिलने पर पुलिस को कुछ उम्मीद की किरण दिखाई दी। फिर क्या था पुलिस ने इस बात का पता चलते ही पड़ोसी गांव में उस युवक के घर छापेमारी कर दी लेकिन ना तो वहां युवक मिला और ना ही अगवा हुई किशोरी।
संदेह के घेरे में आए युवक के माता-पिता तथा अन्य परिजनों से जब पूछताछ हुई तब यह खुलासा हुआ कि युवक पांच-छह दिन पहले ही नौकरी करने दिल्ली गया है। पुलिस ने उसके परिजनों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की, जिसमें यह पता चला कि युवक के साथ एक लड़की भी दिल्ली गई है। पुलिस को यकीन हो गया कि हो ना हो जो लड़की अगवा हुई है, उसे भी कहीं जोर जबरदस्ती से दिल्ली तो नहीं ले जाया गया है। लेकिन पुलिस यह नहीं समझ पा रही थी कि संदिग्ध युवक का डकैती से क्या कनेक्शन है?
पुलिस ने इसका सुराग पाने के लिए संदिग्ध युवक के मोबाइल का लोकेशन हासिल किया जिसमें यह पता चला कि युवक दिल्ली के वजीराबाद इलाके में मौजूद है। इस तरह की सूचना मिलते ही आनन-फानन में पुलिस टीम को दिल्ली रवाना कर दिया गया। दिल्ली पहुंची पुलिस टीम ने स्थानीय पुलिस का सहयोग हासिल करके उस स्थल पर छापेमारी की। जहां संदिग्ध युवक का लोकेशन मिला था। पुलिस टीम को उस वक्त बड़ी हैरानी हुई जब छापेमारी की गई स्थल पर स्थित एक कमरे से संदिग्ध युवक तो मिला ही, वह अगवा लड़की भी मिल गई जो उस वक्त खाना पका रही थी।
पुलिस हैरान- परेशान थी क्योंकि रामजी प्रसाद ने डकैती के दौरान बेटी के अगवा किए जाने की सूचना दी थी जबकि युवक ने पूछताछ में बताया कि वह सलोनी से प्रेम करता है और उसकी मर्जी से शादी करने की नियत से दिल्ली आ गया था। दोनों ने साथ साथ जीने मरने की कसमें खाई थी। वह दोनों बहुत दिनों से अपने-अपने घरों से भागकर अलग जिंदगी बिताना चाहते थे, इस वजह से प्लानिंग करके दिल्ली चले आए थे।
अब पुलिस को यह बात समझ नहीं आ रही थी कि जब दोनों प्रेमी प्रेमिका हैं और भाग कर घर बसाने दिल्ली आए हैं तो फिर लड़की के पिता ने डकैती की झूठी सूचना पुलिस को क्यों दी। वैसे पुलिस को इसका जवाब रामजी प्रसाद से ही मिल सकता था। इस वजह से पुलिस युवक और किशोरी को लेकर बिहार आ गई।
बिहार पहुंची पुलिस ने नाबालिग किशोरी और उसे अगवा करने वाले युवक को कोर्ट में पेश किया। जहां से युवक को तो जेल भेज दिया गया वही किशोरी को बाल सुधार गृह भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि किशोरी अपने माता पिता के साथ नहीं रहना चाहती है जबकि डकैती की झूठी सूचना देकर सनसनी फैलाने वाले रामजी प्रसाद के खिलाफ मुकदमा किए जाने का आदेश दिया गया।
प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि रामजी प्रसाद के घर में कोई डकैती नहीं हुई थी। जिस दिन उसकी बेटी प्रेमिका के साथ फरार हो गई, उस दिन वह बेहद गुस्से में थे और बेटी तथा उसके प्रेमी को फंसाने के लिए डकैती की झूठी कहानी पेश की थी। उसका साथ दिया कुछ ग्रामवासी तथा स्थानीय नेताओं ने, जिन्होंने रामजी प्रसाद द्वारा गढ़ी गई फर्जी कहानी को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया। पुलिस ने ऐसे गांव वासी तथा कुछ नेताओं को भी चिन्हित किया है, जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की तैयारी चल रही है।
नोट:- यह सच्ची कहानी बिहार के एक शहर मुजफ्फरपुर की है। पात्रों के नाम बदल दिए गए है।